HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
26.2 C
Sringeri
Thursday, June 1, 2023

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ट्रांस जेंडर संबंधी भ्रम को कोरोना के समान महामारी बताया और कहा कि इसका सामना करना होगा

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इन दिनों जेंडर अर्थात लैंगिक मामलों को लेकर बढ़ रहे शोर के विषय में कहा कि “एक पुरुष पुरुष होता है और एक महिला, महिला। एक पिता पिता ही होता है और माता माता ही होती है!” और उन्होंने यह भी कहा कि इन दिनों जिस प्रकार लैंगिक और यौनिक पहचान के प्रति भ्रम पैदा हो रहा है, वह कोरोना वायरस जैसी महामारी का ही एक नया “स्ट्रेन” है।

राज्य की एक मीडिया कंपनी आरटी के एक पत्रकार ने उनसे “पश्चिमी समाज में समस्याओं”, “कैंसल संस्कृति” और हैरी पॉटर की लेखिका पर जिस प्रकार जेंडर समानता विरोधी होने का टैग लगाया गया, उस पर विचार जाने। इस पर राष्ट्रपति पुतिन ने खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। पुतिन ने स्पष्ट किया कि वह इस वोकनेस के विरोध में हैं। उन्होंने कहा कि “अगर किसी को यह लगता है कि महिलाएं और पुरुष एक ही चीज़ हैं, तो वह मेरा अतिथि अवश्य हो सकता है, परन्तु एक कॉमन सेन्स भी है। मैं परम्परागत मूल्य पर ही जोर दूंगा कि एक महिला एक महिला है, एक पुरुष एक पुरुष है, एक माँ एक माँ है और एक पिता एक पिता है!”

ट्रांसजेंडर विवादों से महिलाओं के खेल को खतरा है!

इन दिनों खेल जगत जिस संक्रमण काल से गुजर रहा है, उस पर बहुत ही कम राजनेता बोल रहे हैं, या कहें वह उस वोकिज्म से पंगा लेने से डर रहे हैं, जो उन्हें मानवता विरोधी साबित कर देगा! परन्तु पुतिन ने इस बात पर भी खुलकर अपने मत व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर एथलीट जिस तरह से उभर कर आ रहे हैं, वह कोविड के ही किसी स्ट्रेन जैसा है, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है और इसके लिए समाज को ही उपाय खोजने होंगे।

पुतिन ने ट्रांसवुमन द्वारा असली महिलाओं के बलात्कार का उल्लेख करते हुए कहा कि अमेरिका में यदि कोई कैदी यह घोषित कर देता है कि वह पुरुष नहीं, बल्कि महिला है, तो वह बलात्कार के लिए ही जैसे समय ले रहा था।”

उन्होंने फिर आगे कहा कि उसने खुद को एक महिला के रूप में घोषित किया और फिर उसने कहा कि उसे महिलाओं की जेल में भेजा जाए, और फिर उन्होंने उसे महिलाओं की जेल में भेज दिया, और फिर उसने अपनी साथी महिला कैदी के साथ बलात्कार किया। हर चीज़ में कॉमन सेन्स होना चाहिए!”

फिर उन्होंने उस समाचार पे भी संज्ञान लिया, जिसने हाल ही में सभी को परेशान कर दिया था। और वह था महिला खिलाड़ियों के बीच ट्रांस-वुमन का खेलना।

उन्होंने कहा कि

“कोई भी मर्द खिलाड़ी, जो खुद को महिला घोषित करता है और फिर वह महिलाओं की प्रतिस्पर्धा में भाग लेने लगता है जैसे वेटलिफ्टिंग या फिर कोई और खेल!”

फिर उन्होंने वास्तव में महिलाओं के हित या महिला विमर्श की बात की। उन्होंने कहा कि

“महिलाओं के खेल खत्म हो जाएंगे।” putinपुतिन ने स्पष्ट कहा कि यदि ऐसी स्वघोषित महिलाओं को जो शारीरिक रूप से और जैविक रूप से मर्द है, उन्हें महिलाओं की टीम में प्रतिस्पर्धा में भाग लेने दिया जाएगा तो महिलाओं के खेल कूद तो गायब हो जाएंगे।

ओलंपिक्स में वेट लिफ्टिंग में ऐसा मामला सामने आया था और अभी हाल ही में अमेरिका में लिया थॉमस ने महिलाओं की तैराकी की प्रतिस्पर्धा में नए रिकार्ड्स बनाए हैं। और सभी महिला प्रतिस्पर्धाओं को 40 सेकण्ड के अंतर से हर दिया था।

अब इस पर खिलाड़ी ही आमने सामने आ गए हैं।

परन्तु ट्रांस जेंडर पर सबसे रोचक मामला सामने आया है हैरीपॉटर की लेखिका, जे के रोव्लिंग ने इस विषय का विरोध किया तो उन्हें ही ट्रांस्फोबिक ठहरा दिया गया। पत्रकार ने पुतिन से भी इस घटना का उल्लेख किया था, जिसपर पुतिन ने इतनी व्याख्या की थी। जे के रोव्लिंग ने इसी बात पर प्रश्न उठाया था कि कैसे एक नर जननांगों वाली “महिला” आपका बलात्कार कर सकता है!

इस बात पर उन पर लोगों का इतना गुस्सा फूटा कि उन्हें ट्रांस्फोबिक कहा गया, लोगों ने कहा कि उनके प्रति आदर समाप्त हो गया है। उनके ट्वीट को हेट स्पीच कहा गया।

और कैंसल कल्चर की सबसे बड़ी घटना सामने आई है, जिसमें हैरी पॉटर की रीयूनियन पार्टी में उन्हें ही नहीं बुलाया गया है। हैरी पॉटर जैसा चरित्र गढ़ने वाली लेखिका को हैरी पॉटर फिल्म के बनने के बीस वर्ष उपरान्त आयोजित होने वाली पार्टी में नहीं आमंत्रित किया गया है। इसका आयोजन एचबीओ द्वारा किया जा रहा है और इसमें इस फिल्म से जुड़े सभी लोगों को बुलाया जा रहा है। मगर इसमें से जे के रोव्लिंग ही गायब है।

इस पर एक यूजर ने प्रश्न भी किया है कि जिसने इन सबको गढ़ा है, वह कहाँ है?

जे के रोव्लिंग भी कैंसल कल्चर का शिकार हो गयी हैं। वह वोक्नेस का शिकार हो गयी हैं।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इसे सही कहा है कि यह भी महामारी की तरह स्ट्रेन है, परन्तु दुर्भाग्य की बात यह है कि भारत में नेता इस वोक्नेस के आगे घुटने टेके दे रहे हैं, वह इसे प्रगतिशीलता का पर्याय मान रहे हैं, जबकि यह महिलाओं के लिए बहुत बड़ा जाल है! इसके लिए राष्ट्रपति पुतिन की भांति स्पष्ट विचार रखने की आवश्यकता है!

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.