पकिस्तान के प्रधानमंत्री ने एचबीओ पर न्यूज़ प्रोग्राम एक्सिओस (Axios) के साथ दिए गए एक साक्षात्कार में महिलाओं को लेकर एक बेहद ही आपत्तिजनक बयान दिया है, जिसके कारण उनकी आलोचना हर जगह हो रही है। हालांकि इस साक्षात्कार के कई पहलुओं की आलोचना हो रही है, जैसे चीन में उइगुर मुसलमानों के विषय में दिए गए बयान पर। दरअसल उनसे प्रश्न किया गया था कि वह पश्चिम में इस्लामोफोबिया की तो बहुत आलोचना करते रहते हैं, परन्तु वह एक बार भी चीन में शिंगजैंग क्षेत्र में मुस्लिमों के साथ होने वाले नरसंहार पर मुंह नहीं खोलते हैं। तो उन्होंने कहा कि वह चीन से ऐसे मामलों पर “बंद दरवाजों में” बात करना पसंद करते हैं। और इमरान खान का जोर कश्मीर पर अधिक था।
इमरान खान इस बात पर कोई भी संतोषजनक जबाव नहीं दे पाए कि आखिर क्यों चीन द्वारा मुसलमानों पर किये जा रहे अत्याचारों पर वह मुंह नहीं खोल रहे हैं। उन्होंने बस यही कहा कि चूंकि चीन ने उनकी मदद बहुत कठिन समय में की है, इसलिए वह चीन के साथ ऐसी कोई भी बात “बंद दरवाजों” के पीछे करते हैं।
हालांकि उनके देश में उनकी आलोचना औरतों को लेकर उनके बयान को लेकर हो रही है। इमरान खान ने कहा कि लड़कियों के कपड़ों के कारण ही पाकिस्तान में यौन उत्पीडन की घटनाएँ बढ़ रही हैं।
इमरान खान ने कहा कि अगर औरतें बहुत ही छोटे कपड़े पहन रही हैं, तो इसका असर आदमियों पर होगा ही, क्योंकि वह रोबोट नहीं हैं।
और फिर उन्होंने कहा कि यह निर्भर करता है कि आप किस सोसाइटी में रहते हैं। उन्होंने कहा कि वहां पर डिस्को क्लब्स आदि नहीं हैं तो ऐसे कपड़े क्यों पहने जाएं।
Imran Khan is r*pe apologist and hates women. pic.twitter.com/lx0SoHTeWU
— Anaya Khan (@AnayaNKhan) June 21, 2021
इमरान खान के इस साक्षात्कार के बाद सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ जैसे एक अभियान छिड़ गया है। और नागरिक समाज से लेकर पत्रकार तक कई लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं।
इंटरनेश्नल कमीशन ऑफ ज्यूरिस्ट, दक्षिण एशिया की लीगल एडवाइज़र रीमा कौसर ने आलोचना करते हुए ट्वीट किया कि वह प्रधानमंत्री द्वारा इस प्रकार बार बार बलात्कार पीड़ितों को ही दोषी ठहराए जाने को लेकर निराश हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत शर्मनाक है कि प्रधानमंत्री ने यह कहा कि “चूंकि आदमी रोबोट नहीं हैं, तो अगर वह औरतों को तंग कपड़ों में देखेंगे, तो वह आकर्षित होंगे ही, और इससे बलात्कार ही होगा।”
Disappointing and frankly sickening to see PM Imran Khan repeat his victim blaming regarding reasons for sexual violence in Pakistan
Men are not “robots”, he says. If they see women in skimpy clothes, they will get “tempted” and some will resort to rape
Shameful!
— Reema Omer (@reema_omer) June 20, 2021
सोशल मीडिया पर पत्रकार बेनजीर शाह ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की आलोचना करते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री का बलात्कार पर दिया गया बयान खतरनाक और तथ्यों के आधार पर गलत है क्योंकि उन्होंने कहा कि हमारे अध्ययन में पाया गया है कि अधिकतर बलात्कारियों को तो यह याद ही नहीं रहता है कि पीड़ितों ने क्या पहना था।
The PM’s statement is dangerous and factually incorrect.
One study found that most convicted rapists could not remember what their victims were wearing.
In another study, 1 in 3 college men said that they would force someone to have sex if they could get away with it. https://t.co/zjBvVPywSl
— Benazir Shah (@Benazir_Shah) June 21, 2021
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इमरान खान एक तरफ यह चाहते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था का आधार पर्यटन हो, तो वहीं दूसरी ओर वह अपने ही देश के आदमियों को ऐसे प्रस्तुत कर रहे हैं, जैसे वह टेम्पटेशन का शिकार हो जाते हैं और खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाते, तो ऐसे में कौन महिला आएगी?
PM Imran Khan wants tourism to be the bedrock of our economic policy and to promote Pakistan's "soft image". Wonder how many women will feel comfortable traveling to a country where men are easily “tempted” and are unable to control themselves.
— Benazir Shah (@Benazir_Shah) June 21, 2021
एक यूजर ने कहा कि ऐसा लगता है कि इमरान खान ने जो कहा है, वह यह स्वीकार करने जैसा है कि पाकिस्तानी सोसाइटी में इतने सारे संभावित बलात्कारी हैं कि हमें अपनी औरतों को हर समय छिपाकर रखना होता है।
शेरी रहमान ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि क्या प्रधानमंत्री यह बता सकते हैं कि उन्होंने समाज में हिंसा और बलात्कार की पीड़ितों को ही कोसना क्यों चुना? यह उनके स्तर पर ठीक नहीं है।
Can the PM please explain why he chose to victim-blame women for the violence and sex crimes they face? Not ok at any level. Social, judicial, religious and political. He’s saying it’s the victim’s fault, not the man’s. Could he explain what else leads to assault? Misogyny 101 pic.twitter.com/8t0M3evCF9
— SenatorSherryRehman (@sherryrehman) June 22, 2021
पर ऐसा नहीं है कि आलोचना ही हो रही हो, दबे स्वरों में इमरान खान का समर्थन भी कुछ लोग कर रहे हैं। और कह रहे हैं कि औरतों को परदे में रहना चाहिए।
क्रिकेटर से राजनेता और फिर प्रधानमंत्री बने इमरान खान का अपना इतिहास भी प्ले बॉय का रहा है और भारतीय लिबरल समाज उनका बहुत दीवाना है। वह इतना दीवाना है कि उनकी तीसरी शादी को तो स्वीकारता ही है, बल्कि उस तीसरी शादी की ऐसी बीवी को भी स्वीकारता है जिसका आज तक चेहरा नहीं देखा। और भारत का लिबरल समाज उस स्वतंत्र स्त्री के खिलाफ जाकर खड़ा हो जाता है, जिसने इस कट्टरपंथ का सामना किया।

इमरान खान की पहली पत्नी जेमिमा ने अप्रेल में इमरान खान द्वारा दिए गए इस बयान का विरोध किया था जब इमरान खान ने पाकिस्तान में बलात्कार के मामले बढ़ने पर बॉलीवुड को जिम्मेदार ठहराया था। जेमिमा ने कहा था कि कुरआन में आदमियों की आँख पर पर्दा की बात की गयी है, न कि औरतों को परदे में रखने के लिए कहा गया है।”
तो जो इमरान खान ने परसों कहा है, वह यह नहीं समझना चाहिए कि इमरान खान का नया बयान है। यह मजेदार बात है कि एक ओर इमरान खान समाज में बढ़ते हुए तलाक के मामलों के लिए और समाज में आई गिरावट के लिए पश्चिमी संस्कृति को और आधुनिक मूल्यों को जिम्मेदार ठहराते हैं, तो क्या यही कारण है कि उन्होंने तीन शादियाँ कीं और तीसरी शादी के लिए किसी और का घर तुड़वाया। तीसरी शादी ऐसी औरत से की, जिसका चेहरा भी नहीं दिखाया गया है। क्या अपने निजी जीवन के माध्यम से इमरान खान कट्टरता को बढ़ावा दे रहे हैं, मजहबी कट्टरता को?
परन्तु एक बात बहुत ही हैरान करने वाली है कि इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने पर उसके चेहरे, मोहरे, और प्ले बॉय वाले लुक पर फ़िदा होने वाले हिंदी के लिबरल समाज ने इमरान खान द्वारा लड़कियों को ही बलात्कार का दोषी ठहराए जाने पर अपना मुंह नहीं खोला है! हिंदी समाज के लेखकों और प्रगतिशील लेखिकाओं के लिए औरतों के वस्त्रों को जिम्मेदार ठहराने वाला, अपनी पहली स्वछन्द बीवी को छोड़ने वाला, और पर्दे में बीवी को रखने वाला कट्टर मजहबी इमरान खान आदर्श है, स्वतंत्रता का प्रतीक है और हिंदी की प्रगतिशील लेखिकाएं दीवानी है।
हालांकि एक समय में उनके चर्चे बॉलीवुड अभिनेत्रियों के साथ अफेयर के कारण भी होते थे!

मगर अब यह प्रेम बॉलीवुड से उतर कर हिंदी लेखन जगत में आ गया है, जिसमें वह वर्तमान में इमरान का आचरण शायद केवल इसीलिए अनदेखा कर रहे हैं क्योंकि उन्हें मोदी और हिन्दुओं से नफरत है!
क्या उनका दीवानापन मोदी के प्रति नफरत के कारण है, या उनकी अपनी किसी कुंठा के कारण हैं या फिर हिन्दू धर्म से नफरत करने के कारण है? यह एक प्रश्न ही है! पर इसका उत्तर यह लिबरल लेखक या लेखिकाएं दे सकेंगी, इसमें संदेह ही है!
क्या आप को यह लेख उपयोगी लगा? हम एक गैर-लाभ (non-profit) संस्था हैं। एक दान करें और हमारी पत्रकारिता के लिए अपना योगदान दें।
हिन्दुपोस्ट अब Telegram पर भी उपलब्ध है। हिन्दू समाज से सम्बंधित श्रेष्ठतम लेखों और समाचार समावेशन के लिए Telegram पर हिन्दुपोस्ट से जुड़ें ।