झारखंड के साहिबगंज जिले के राधानगर गांव में शनिवार (31 दिसंबर) को गौमांस खाने से मना करने पर एक हिंदू व्यक्ति के साथ कुछ जिहादी युवकों ने मारपीट कर दी। सूत्रों के अनुसार पीड़ित की पहचान चंदन रविदास के रूप में हुई है, और उसे मिथुन शेख सहित 5 जिहादी युवकों ने जबरदस्ती शराब पिलाई और गौमांस खिलाने का प्रयास किया, और मना करने पर उसे निर्वस्त्र करके पिटाई कर दी।
चंदन रविदास इस पूरी घटना में बुरी तरह से घायल हो गया और उसे कुछ स्थानीय लोगों ने घटनास्थल से उठाया। चन्दन ने इस घटना की शिकायत राधानगर पुलिस थाने में की और आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने की मांग भी की। मीडिया से बात करते हुए चन्दन ने बताया, “31 दिसंबर को 5 मुस्लिम युवकों ने मुझे शराब पिलाने का प्रयास किया, जब मैंने मना किया तो उन्होंने मुझे जबरन गौमांस खिलाने का प्रयास किया। जब मैंने उन्हें मना किया तो उन्होंने मेरे साथ बुरी तरह मारपीट की।’
पुलिस के अनुसार चंदन शनिवार रात को राधानगर थाना क्षेत्र के पाकिंजा मोड़ में एक दुकान पर किसी काम से गया था। जब वह दुकान के पीछे पेशाब करने गया तो उसने 5 लोगों को गाय का मांस खाते और शराब पीते देखा। इस पर पीड़ित और आरोपियों के बीच तीखी बहस हुई, जिसके बाद उन्होंने उसे शराब पीने और गोमांस खाने के लिए विवश किया।
चंदन किसी तरह वहां से भागने में सफल रहा लेकिन बाद में आरोपियों ने उसका पीछा कर पकड़ लिया और उसे निर्वस्त्र कर बेरहमी से पीटा। आरोपियों ने उसे बुरी तरह से पीटा और पुनः उसे शराब पिलाई और फिर से गौमांस खिलाया। आरोपियों ने उसे इस घटना पर चुप रहने की धमकी दी। अगले दिन यानि 1 जनवरी को जब चन्दन थाने में मामला दर्ज करवाने जा रहा था तो आरोपियों ने उसे वहां भी पकड़ लिया। उन्होंने उसे पैसे का लालच देकर कहा कि वह थाने में मामला दर्ज न करवाए। चन्दन उनसे डर कर उस दिन थाने नहीं गया, लेकिन 2 जनवरी को उसने पांचों आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज करवा दिया।
पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है, उसमे यह बताया गया है कि मिथुन शेख, नसीम शेख, फिरोज शेख सहित पांच लोगों ने बीते 31 दिसंबर को चन्दन रविदास को जबरन गौमांस खिलाया। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की गई और उसका हाथ भी तोड़ दिया गया। राधा नगर थाना प्रभारी राकेश कुमार ने कहा है कि इस मामले के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी की जा रही है, और जल्दी ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पिछले ही दिनों एक जनजातीय युवक को भी जिहादियों ने गौमांस खिलाया था
झारखंड में 30 दिसंबर को हजारीबाग जिले के बरही प्रखंड अंतर्गत बरियठ बिरहोर टोला में ऐसी ही एक और घटना घटी थी। यहां आदिम जनजाति समुदाय के मनोज बिरहोर ने बरही थाने में गो मांस खिलाए जाने को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसने बताया था कि 30 दिसंबर को दुलमाहा गांव के रहने वाले खलील मियां एक अन्य मुस्लिम व्यक्ति के साथ उसके गांव आया था। उसने हम लोगों से कहा कि आज रात सभी लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था उसकी ओर से रहेगी।
रात को खलील मियाँ ने बिरहोर टोला के दर्जनों लोगों को पहले तो शराब पिलाई और उसके पश्चात भोजन में मांस के बड़े टुकड़े परोसे गए। गौमांस का संदेह होने पर उन लोगों ने विरोध किया तो उसने धारदार हथियार दिखाकर उन्हें मांस खाने को विवश किया। मनोज बिरहोर ने घटना के तीसरे दिन थाना पहुंचकर आवेदन दिया तो पुलिस ने गांव पहुंचकर इसकी जांच की। इस दौरान राजेश बिरहोर के घर से बीफ के अवशेष बरामद किए गए, जिसके पश्चात पुलिस ने आरोपी खलील मियां को गिरफ्तार कर लिया था।
झारखण्ड के सीमान्त इलाकों में जनसांख्यिकी परिवर्तन से हिन्दुओं के विरुद्ध अपराधों में बढ़ोत्तरी
झारखण्ड में पिछले कुछ वर्षों में सीमान्त इलाकों में जनसांख्यिकी परिवर्तन आने शुरू हो गए हैं। पश्चिम बंगाल से लगती सीमा से बड़ी संख्या में मुस्लिमों का आगमन जारी है, जिनमे अधिकाँश लोग बंगलदेश या रोहिंग्या होते हैं । इस कारण इन इलाकों में हिन्दुओं के विरुद्ध अपराधों की संख्या एकाएक बढ़ गयी है, और यही कारण है कि झारखण्ड में पिछले वर्ष सबसे अधिक मजहबी अपराध कि घटनाएं हुई हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने कुछ समय पहले वर्ष 2021 के अपराध के आंकड़े जारी किए थे। आंकड़ों से पता चलता है कि देश भर में कुल 378 सांप्रदायिक दंगे हुए, जिनमें से 100 झारखंड में हुए हैं। इसके अतिरिक्त छोटे बच्चों और महिलाओं पर अपराधों की घटना में भी अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी देखने को मिली है।
यहाँ आश्चर्य की बात यह है कि अधिकाँश घटनाओं में पीड़ित हिन्दू ही हैं। इनसे यही पता लगता है कि एक योजनाबद्ध तरीके से हिन्दुओं के विरुद्ध लक्षित अपराध किये जा रहे हैं, उन्हें डराया धमकाया जा रहा है, ताकि वह पलायन करें और उनकी सम्पत्तियों पर जिहादी तत्वों का कब्ज़ा हो जाए। आज झारखंड में यही हो रहा है, और इसमें स्थानीय प्रशासन और सरकार की अकर्मण्यता के कारण यह घटनाएं अब बढ़ती ही जा रही हैं। क्या झारखंड में यह लोग ‘कश्मीर’ की तरह हिन्दुओं का सफाया करना चाहते हैं? यह बड़ा ही गंभीर प्रश्न है, जिसका उत्तर और हल हमें जल्दी ही ढूंढना पड़ेगा, अन्यथा स्थिति बहुत बिगड़ सकती है।