नागपुर में कल एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया। यह मामला बताता है कि कैसे जो ईसाई समुदाय केरल में लव जिहाद के लिए रो रहा है, वह हिन्दुओं की लड़कियों के साथ क्या कर रहा है? कल ही ट्विटर पर केरल में कोयट्टम में सायरो मालाबार चर्च के एक बिशप ने अपने वक्तव्य में कहा था कि केरल में अब कैथोलिक लड़कियाँ लव और नार्कोटिक जिहाद का शिकार हो रही हैं।
यह वक्तव्य सही हो भी सकता है, मगर यह बहुत हैरान करने वाली बात है कि जहाँ केरल में वह अपनी लड़कियों के विषय में रो रहे हैं तो वहीं मुम्बई में वह पादरी के भेष में हिन्दू लड़कियों का शोषण कर रहे हैं। आइये जानते हैं कि मामला क्या है:
राष्ट्रीय सेवक संघ धर्मजागरण महिला प्रमुख गौरी जी शर्मा के अनुसार मुम्बई थाना में एक संपन्न राजपूत परिवार रहता था और उनके परिवार में एक 18 साल की लड़की व एक 15 साल का लड़का सम्मिलित है। यह संपन्न परिवार ईसाई मिशनरियों के दिए हुए लालच में आकर 2 साल पहले फंस गया और लालच में अपने धर्म को छोड़कर ईसाई बन बैठा।“
ध्यान रखा जाए कि जाल में, शायद वही जाल जिस जाल का विरोध केरल में बिशप करते हैं और मुम्बई में हिन्दू परिवार को फांसने के लिए करते हैं और अयोध्या जी जैसे हिन्दुओं के पवित्र नगर में करते हैं। वह हिन्दू मंदिरों में जाकर भी हिन्दुओं के धर्मान्तरण का कुप्रयास करते हैं।
गौरी शर्मा के अनुसार फिर इस परिवार को पूरा फसाकर धर्मांतरण कराया गया और इस परिवार ने एक अपना फ्लैट भी इनको दे दिया प्रार्थना के लिये और नागपुर से एक पादरी, इस परिवार के घर आने जाने लगा। इतने पर भी परिवार की नींद नहीं खुली और फिर वह पादरी ने उस लड़की को प्रेम जाल में फंसाया और उसके बालिग होने तक उसने इंतजार किया और फिर अपने साथ लेकर भाग गया।”
यहाँ पर फिर से वही बात उठती है कि बिशप इस बात का रोना केरल में रोते हैं कि मुस्लिम उनके समुदाय की बेटियों का धर्मांतरण करते हैं, मगर जो उन्होंने मुम्बई में किया, वह क्या था? क्या वह जाल नहीं है?
फिर वह आगे कहती हैं कि 8 दिन से लड़की घर से गायब थी। जब लड़की के घर वालों को इस बात का पता चला तो उनके होश उड़ गये और उन्होंने मुंबई में लड़की की मिसिंग की शिकायत दर्ज कराई और खुद लड़की को ढूंढते और भटकते रहे। लड़की कल उस पादरी लड़के के साथ सीताबर्डी पोलिस स्टेशन में अपना बयान देने आई और इसकी सूचना विश्व हिंदू परिषद के राजकुमार जी शर्मा ने दी
वहां पर लड़की के वही परिवार वाले आए थे, जो रो रहे थे और अपना धर्म छोड़ने पर पश्चाताप कर रहे थे और उन्हें अब समझ आया कि यह हिन्दुओं के साथ बहुत बड़ा षड्यंत्र चल रहा है, जिसके वह शिकार हो गए हैं। और वह बार बार कह रहे थे कि उनसे बहुत बड़ी गलती हो गयी अब ये मुम्बई जाकर अपनी धर्म वापसी करेंगे और कहा की हम हिन्दू राजपूत थे और सदा रहेंगे और यह बात हम सभी को बताएंगे जिससे कोई दूसरा हिंदू परिवार इनके जाल में फॅसे नही।“
इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के परावर्तन प्रमुख राजकुमार जी शर्मा, राष्ट्रीय सेवक संघ धर्मजागरण महिला प्रमुख गौरी शर्मा, विश्व हिंदू परिषद नागपुर महानगर के सह सेवा प्रमुख पुरुषोत्तम जी रँगलानी, करणी सेना के अर्जुन सिंह जी विक्की पांडे आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।
लड़की के पिता ठाणे में राजपूत समाज के व्यापारी अमित सिंह प्रदीप सिंह खरवड ने रोते हुए कहा कि “ईसाई धर्मांतरण के मामले मे कइ बार शारीरिक व्याधि ठीक करने का लालच देकर प्रार्थना करवाई जाती है। धीरे धीरे पुरा परिवार धर्मांतरित हो जाता है। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी नेत्रहीन हैं और उनकी आँखें ठीक हो जाएँगी इसका झांसा देकर उन्हें धर्मांतरण करने के लिए प्रेरित किया जा रहा था। उनकी बेटी जो 19 वर्ष की है। वह भी उन्हीं के माध्यम से के माध्यम से धर्मांतरण कराने वाले ईसाईयों के संपर्क में आई थी और पिता ने एक पादरी को अपनी गाडी इस्तमाल करने के लिए और घर रहने के लिए दिया था। फिर उन्होंने कहा कि पास्टर के साथ भाईचारा बढ़ाने के बाद उन्ही की बेटी को भगाकर नागपुर लेकर आ गया था।”
यह नागपूर के बर्डी पोलीस स्टेशन का मामला है।
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