कश्मीर में फिर से एक हिन्दू की हत्या कर आतंकवादियों ने कर दी है। हत्याएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं और सरकार कहीं न कहीं यह समझ नहीं पा रही है कि क्या किया जाए? गैर कश्मीरी हो या कश्मीरी, आतंकवादियों का सन्देश एकदम स्पष्ट है और वह यह कि उन्हें एक भी हिन्दू घाटी में नहीं चाहिए। फिर चाहे कश्मीरी पंडित राहुल भट हो, एससी कोटे से नौकरी पाई रजनीबाला हों या फिर राजस्थान के विजय, जो एक बैंक में कार्यरत थे।
टाइम्स नाउ नवभारत ने विजय कुमार की हत्या का वीडियो साझा किया है और लिखा है कि वीडियो में आतंकी गोली चलाता हुआ दिख रहा है:
वहीं हाल ही के दिनों में यह एक प्रोपोगैंडा चलाया गया कि कश्मीर फाइल्स रिलीज करने के कारण जी यह खून खराबा दोबारा से आरम्भ हुआ है!
यह कैसा बेहूदा एवं निर्लज्ज वक्तव्य है जो हिन्दुओं के जीनोसाइड को मानने से ही इंकार करता है। यह बहुत ही दुखद वक्तव्य है जो आतंकियों को क्लीन चिट देता है। यह ऐसा वक्तव्य है जैसे सच दिखाने वाले से कहा जाए कि सच दिखाने से लोग भड़क गए।
कश्मीर फाइल्स में जो कुछ भी मूवी में दिखाया गया था, उसे ही इन दिनों आतंकी प्रत्यक्ष दिखा रहे हैं। कश्मीर फाइल्स के आने से कम से कम स्थितियां लोग समझ पा रहे हैं, और उन्हें यह समझ आ रहा है कि आखिर उस दौरान हुआ क्या था, शासन और प्रशासन में आखिर मुस्लिमों ने क्या किया होगा?
विवेक अग्निहोत्री ने ट्वीट करते हुए कहा कि
यह केवल कश्मीरी हिन्दुओं के विषय में ही नहीं है, बल्कि यह सभी हिन्दुओं की बात है। अब नरेंद्र मोदी सरकार के लिए आवश्यक हो रहा है कि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध छेड़ा जाए!
वहीं, मीडिया की भाषा पर प्रश्न उठाते हुए अभिनेत्री भाषा सुम्ब्ली ने लिखा कि मीडिया द्वारा कहे गए शब्द जैसे
“माइग्रेंट”, “नॉन-लोकल्स”, “पीएम पैकेज एम्प्लोयी”, “नॉन-पीएम पैकेज इम्प्लोयी” आदि जैसे शब्द अमानवीय हैं और कश्मीर में हिन्दुओं के जीनोसाइड को सही ठहराते हैं।
इस सम्बन्ध में विवेक अग्निहोत्री ने ट्वीट की श्रृंखला ट्वीट की, और लिखा कि कश्मीर में जो आतंकवाद पिछले 70 वर्षों से आईएसआई+इस्लामिक आतंकी संगठन+अब्दुल्ला+मुफ्ती+हुर्रियत आदि का संयुक्त कार्य था, तो वहीं कांग्रेस और वामपंथी “अपराध में साथी थे”। अब उसमें अरविन्द केजरीवाल और खालिस्तानी समूह भी जुड़ चुके हैं!
विजय की हत्या का उत्तर्द्वायित्व कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स ने ली है और जिसमें यह चेतावनी स्पष्ट दी गयी है कि यदि कोई भी व्यक्ति कश्मीर की जनसांख्यिकी को बदलने का प्रयास करेगा और मोदी सरकार के बहकावे में आएगा तो उसे अपनी जान से हाथ धोना ही पड़ेगा:
जिहाद चालू है, कश्मीरी हिन्दुओं के प्रति जीनोसाइड जारी है और लोग कश्मीर छोड़कर जाने लगे हैं। हिन्दुओं के पलायन का एक और दौर आरम्भ हो चुका है:
यह बहुत ही दुखद है कि हिन्दुओं का कोई भी मूल्य इस देश में नहीं है। कश्मीर से लेकर बंगाल तक वह निशाना बन रहा है। एक स्थान से दूसरे स्थान, परन्तु कहीं न कहीं राजनीति न ही इस जीनोसाइड को और न ही सामूहिक पलायन को गंभीरता से ले रही है!
इस विषय में एकजुट जम्मू के अध्यक्ष अंकुर शर्मा ने जो ट्वीट किया है उसे समझना चाहिए. उन्होंने लिखा कि भारत राज्य की नीति कि जिहाद के साथ एडजस्टमेंट करो, और उसके बाद हिन्दू जीनोसाइड के इंकार करने की नीति ने हिन्दुओं को सरकारी नीतियों एवं कश्मीर पर्यटन प्रचार के माध्यम से “जिहादियों के लिए रणनीतिक बंधक” के रूप में सौंप दिया है:
विश्वास जीतने की यह कैसी जिद्द और हठ है कि कश्मीर में हिन्दुओं की हत्याएं हो रही हैं और सरकार की ओर से एक ट्वीट तक यह आश्वस्त करने के लिए नहीं आ रहा कि वह उनके साथ हैं, समस्या इस्लामिक जिहाद है और हल कथित आधुनिक विकास में खोजा जा रहा है!
Whenever a Hindu or a Jew or a Christian is killed by Muslims, there is no repercussion in the Muslim world. No Muslim decries it or denounces it. Whereas if any country, say, France, Israel or India adopts a countermeasure to bring the offenders to book, Muslim countries rise to the occasion. Raise protest. Begin diplomatic tussel. Muslims their stage demonstration, resort to effigy & flag burning.
Our world is fast polarizing into two worlds– Muslim world and the other is non-Muslim world. There is no peace between these two.
Kashmir” Unless sympathizers of separatists are shot down for working as insiders, these jihadis will not stop killing our Hindus…for every Hindu shot take revenge by shooting 10…note the results