भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा ने 9 जुलाई 2022 को हिन्दू समाज की ओर से संकल्प मार्च निकालने का निर्णय करते हुए नारा दिया है कि भारत संविधान से चलेगा, शरीयत से नहीं!
उन्होंने लोगों से आह्वान किया है कि वह मित्रों के साथ मंडी हाउस पहुंचें।
कपिल मिश्रा हिन्दुओं के मामलों पर खुलकर बोलते हैं और यही कारण है कि वह जिहादी तत्वों की आँखों में खटकते हैं। कौन भूल सकता है कि दिल्ली में जो दंगे हुए थे, उनमें भी कपिल मिश्रा जी को ही फंसाने की योजना बनाई गयी थी। इस विषय में हमने भी अपने पूर्व के लेखों में उल्लेख किया है।
कपिल मिश्रा ने उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या के बाद उनके परिवार को आर्थिक सहायता देने का अभियान चलाया था। उन्होंने जनता से अपील की थी कि वह एक करोड़ रूपए कन्हैया लाल के परिवार को देने के लिए दान दें। जनता ने उनकी अपील को सुना और देखते ही देखते एक ही दिन में एक करोड़ रूपए एकत्र हो गए थे।
कल कपिल मिश्रा ने विवरण साझा करते हुए कहा कि कन्हैया लाल जी की धर्म पत्नी के खाते में एक करोड़ रूपए पहुँच गए हैं:
कपिल मिश्रा ने अमरावती में जिहादी हिंसा का शिकार हुए उमेश कोल्हे के परिवार को भी 30 लाख रूपए की आर्थिक सहायता देने की बात की और वह आज उनसे मिलने के लिए अमरावती गए हुए हैं:
उन्होंने मात्र कन्हैया लाल जी और उमेश कोल्हे के लिए ही नहीं बल्कि कन्हैया लाल के जीवन को बचाने वाले ईश्वर सिंह के परिवार को भी पच्चीस लाख रूपए देने की बात की है क्योंकि उनके पास लक्ष्य से अधिक राशि आ गयी थी।
उन्होंने इस बात को दोहराया कि वह कानूनी लड़ाई में भी साथ खड़े रहेंगे!
कपिल मिश्रा को मिली जान से मारने की धमकी
कपिल मिश्रा को उनकी इस हिन्दू सक्रियता के कारण जान से मारने की भी धमकी दी जा रही है और उनके पास एक ईमेल आया जिसमें यह लिखा था कि आतंकी उन्हें अधिक दिन जीने नहीं देंगे, और उन्हें मारने की प्लानिंग बन गयी है।
यह बहुत ही चिंताजनक बात है कि दिनों-दिन धमकियों की संख्या बढ़ रही है। आम लोगों को धमकियां मिल रही हैं। उन्हें उनका शहर छोड़ने के लिए विवश किया जा रहा है। पिछले दिनों हमने देखा था कि कैसे पहले तो नवीन जिंदल को धमकियां दी गईं! नुपुर शर्मा को तो छोड़ ही दिया जाए क्योंकि उन्हें जो धमकियाँ मिली हैं, उनका तो कोई ओर छोर ही नहीं है।
जिस प्रकार से इस पूरे षड्यंत्र को रचा गया, वह स्वयं में हैरान करने वाला है। कैसे एक ऐसे वक्तव्य को आधार बनाकर हिन्दुओं के बीच भय का वातावरण उत्पन्न किया जा रहा है, जो एक तो सत्य है और दूसरा उनकी किताब के अनुसार है और तीसरा उकसावे में आकर नुपुर के मुंह से निकल गया था। परन्तु इन बातों की ओर ध्यान न होकर मात्र यही बात बार-बार दोहराई जा रही है कि नुपुर ने यह किया, और जो भी नुपुर का समर्थन करेगा, उसका गला रेता जाएगा।
तभी माफी मांगने के बाद कन्हैया लाल का गला रेता गया, उमेश कोल्हे को मारा गया और अब वह पूरे भारत को जैसे धमका रहे हैं कि हम तो यही करेंगे, जो करना है आप कर लीजिये!
ऐसा ही एक मामला नागपुर से प्रकाश में आया है, जहाँ पर एक एक व्यापारी परिवार के एक युवक को मात्र इस बात पर धमकियां दी गईं कि उसने नुपुर शर्मा का पक्ष रखते हुए वीडियो साझा कर दिया था। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने बात की पुष्टि की कि उन्होंने उस युवक पर हमला रोक दिया था नहीं तो उदयपुर या अमरावती जैसी घटना हो सकती थी।
हालांकि उस युवक ने और परिवार ने वह पोस्ट, वीडियो आदि सब कुछ डिलीट कर दिया था, और माफी भी मांग ली थी, फिर भी कट्टरपंथी जिहादी तत्वों ने उस युवक की हत्या की धमकी दी थी। इस घटना के बाद से ही पूरा परिवार डरा हुआ है और वह केवल काम के ही सिलसिले में घर से बाहर निकल पा रहे हैं।
परिवार वालों का कहना है कि वह उस युवक को घर ही नहीं ला पा रहे हैं।
बड़े नेताओं को धमकी, आम लोगों को धमकी, और यह जिद्द कि सिर तो तन से अलग किया ही जाएगा, तो ऐसे में क्या समय नहीं आ गया है कि इस असहिष्णुता का विरोध किया जाए? हर संभव विरोध किया जाए? डच सांसद गीर्ट विल्डर्स जो नुपुर शर्मा के मामले में मुखर रहे हैं उन्होंने भी लिखा कि हिन्दू धर्म की रक्षा आतंकवादियों और जिहादियों से करनी चाहिए, इस्लाम का तुष्टिकरण न करें, यह आप पर बहुत भारी पड़ेगा! हिन्दुओं को ऐसा नेता चाहिए, जो उनकी 100% रक्षा करे
और यह जिहादी तत्व हिन्दुओं की बात करने वाले नेताओं को भी धमकी देने से बाज नहीं आ रहे हैं, और उनमें कपिल मिश्रा भी उन नेताओं में से हैं, जो हिन्दू धर्म के लिए कार्य कर रहे हैं, और जिहादी तत्वों को पहचानते हैं, तभी अब वह उन्हें भी धमकी दे रहे हैं!