गुजरात के वडोदरा में दिवाली की देर रात जिहादी तत्वों ने सांप्रदायिक हिंसा की और हिन्दुओं पर जमकर पत्थरबाजी और आगजनी की गई। इतना ही नहीं, इन जिहादी उपद्रवियों ने पुलिस पर पेट्रोल बम से हमले भी किये। पुलिस के अनुसार यह घटना पानीगेट के मुस्लिम मेडिकल सेंटर के पास हुई, जहां मुस्लिम दंगाइयों ने पहले तो स्ट्रीट लाइट पर पत्थर चला कर बवाल काटा, बाद में हिन्दुओं के प्रतिष्ठानों पर पथराव भी किया।
पुलिस के अनुसार यह जानकारी मिली है कि हिन्दू वहां दिवाली हर्षोउल्लास से मना रहे थे, तभी एक रॉकेट मुस्लिम सवार के वाहन पर लगा गया, जिसके पश्चात दोनों पक्षों में कहासुनी शुरू हो गयी। इतनी में वहां जिहादी तत्व इकठ्ठा होने लगे और उन्होंने इलाके की कई स्ट्रीट लाइट्स को पत्थर मार कर बंद कर दिया था, ताकि अंधेरे में उनकी पहचान ना की जा सके।
पुलिस डीसीपी यशपाल जगनिया के अनुसार उन्हें घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस दस्ता मौके पर पंहुचा और 26 अपराधियों को को हिरासत में ले लिया है, साथ ही 100 लोगों पर दंगे का केस भी दर्ज किया गया है। इन सभी अपराधियों से कड़ी पूछताछ की जा रही है। स्थिति फिलहाल पूरी तरह से नियंत्रण में है, पुलिस आस पास के इलाके ले सीसीटीवी कैमरों की जांच कर रही है, इसके अतिरिक्त कई चश्मदीदों से भी पूछताछ की जा रही है।
वडोदरा के डीसीपी ने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी और नगर में किसी को भी कानून व्यवस्था की समस्या पैदा करने नहीं दी जायेगी। इस घटना के कई वीडियो और तसवीरें पुलिस को मिली हैं, जिनमे यह देखा जा रहा है कि कैसे जिहादी तत्व पुलिस अधिकारियों पर पेट्रोल बम फेंक रहे थे, और इस हमले में कई अधिकारी बाल बाल बचे हैं। पटाखे फोड़ने और एक दूसरे पर रॉकेट बम फेंकने के विषय पर दोनों समुदायों के लोगों ने एक-दूसरे पर पथराव किया, लेकिन यह भी पता लगा है कि झगडे की शुरुआत जिहादियों ने ही की थी।
चुनाव से पहले सांप्रदायिक घटना, सरकार और पुलिस के लिए चुनौती
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वडोदरा जैसे संवेदनशील नगर में इस तरह से हिंसा होना सरकार और पुलिस के लिए चुनौती मानी जा रही है। इससे पहले वडोदरा में स्कूटरों की टक्कर के बाद भी दो गुटों में हिंसा हो चुकी है, तब हंगामे के दौरान जमकर पत्थरबाजी और तोड़फोड़ की गई थी। इस झड़प के पश्चात बादरावपुरा और धीकाटा इलाके में पुलिस बल तैनात करना पड़ गया था।
बता दें कि इस प्रकार की सांप्रदायिक घटना इससे पहले गुजरात के खेड़ा में भी सामने आ चुकी है। इससे पहले नवरात्रि में खेड़ा में एक गरबा कार्यक्रम के दौरान ज़बरदस्त पत्थरबाजी हुई थी, जिसमें 6 लोग घायल हो गए थे। आरोप था कि इस इलाके के कुछ गरबा कार्यक्रम आयोजित करने का विरोध किया जा रहा था, जिससे चिढ कर जिहादी तत्वों ने तोड़फोड़ कर दी थी।
इससे पहले जून 2022 में आणंद जिले के बोरसाड इलाके में ऐसी ही सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। एक मंदिर के पास जमीन को लेकर हुए विवाद के बाद जिहादियों ने हिन्दुओं पर हमला किया था, जिसके पश्चात क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया था। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे और कई संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेना पड़ा था।
हिन्दू त्यौहारों पर जिहादी हमले होना अब ‘आम’ बात
कहने को भारत एक हिन्दू-बहुल देश है, लेकिन अब परिस्थिति ऐसी हो गयी है कि हिन्दू अपने त्यौहार भी स्वतंत्रता से नहीं मना सकते हैं। चाहे दीवाली हो, रामनवमी हो, दुर्गा पूजा हो, या हनुमान जयंती हो, हिन्दुओं के त्यौहारों पर जिहादी तत्व किसी ने किसी बहाने से हमला कर ही देते हैं। इन घटनाओं से ना मात्र हिन्दुओं को जान माल की हानि होती है, बल्कि उनके उत्साह और मनोबल पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
हिन्दुओ के मन में यह बात घर कर जाती है कि उनके ही देश में उन्हें अपने त्यौहार मनाने पर हिंसा का सामना करना पड़ता है। किसी भी प्रकार का प्रतिकार करने पर मीडिया और सेक्युलर पक्ष हिन्दुओं को ही दोष देने लग जाते हैं। वहीं सरकार और प्रशासन की ओर से इन विषयों पर चुप्पी साध ली जाती है, जो कहीं ना कहीं हिन्दुओं को चुभता है । इस समस्या का हल खीजना अत्यंत आवश्यक है।