इंडिया टुडे का मूड ऑफ द नेशन सर्वे आया है, उसमें लव जिहाद को लेकर भी एक प्रश्न पूछा गया है और उसमें लिखा है कि क्या मुस्लिम आदमी लव जिहाद में शामिल हैं? तो उसमें 53% लोगों ने उत्तर दिया कि हाँ, मुस्लिम आदमी लग जिहाद करते हैं, जानबूझकर हिन्दू लड़कियों को फंसाते हैं।
इस प्रश्न की प्रतिक्रिया इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मीडिया द्वारा इस बात को बार-बार नकारा जाता है कि ऐसा कुछ होता भी है। मजहबीकरण के लिए यह कदम बहुत आम है और यह केवल भारत या हिन्दुओं के साथ नहीं हो रहा है, बल्कि यह सिखों से लेकर ईसाइयों तक हो रहा है। twitter पर रोज ही ग्रूमिंग गैंग की कहानियाँ सामने आती रहती हैं। इसे केवल हिन्दुओं का प्रोपोगैंडा कहकर अस्वीकार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह तो सच्चाई है।
भारत में यह अपने चरम पर है। रोज ही नए किस्से, नए उदाहरण आ रहे हैं, जिनमें हिन्दू लड़कियों को किसी न किसी प्रकार से निशाना बनाया जा रहा है। गरीब लड़कियों को किसी न किसी लोभ आदि से या फिर डराकर या फिर नाम बदलकर प्रेम जाल में फंसाकर फंसाया जा रहा है। सेलेब्रिटीज तक सुरक्षित नहीं हैं। उनके साथ भी हिंसा हो जाती है, फिर ऐसा क्या है, जो मीडिया इस बात पर चर्चा करने से डरती है। या कहें उन मामलों को सामने लाती ही नहीं है।
एक दो श्रद्धा या आफताब जैसे मामले होते हैं, या अंकिता को शाहरुख द्वारा जलाया जाना तो वह अवश्य सामने ले आती है, नहीं तो वह मौन ही धारण करना पसंद करती है, आखिर ऐसा क्यों? ऐसा क्यों करती है मीडिया? मीडिया का विमर्श क्यों उन तमाम महिलाओं के पक्ष में नहीं है जो ऐसी हिंसा का शिकार हो रही है, जो उनके धर्म के अस्तित्व से जुड़ी है?
यह प्रश्न इंडिया टुडे के सर्वे में क्या सोचकर सम्मिलित किया गया होगा? क्या यह सोचा गया होगा कि लोग इसे नकारेंगे या फिर इसे केवल अफवाह ही प्रमाणित करने के लिए सम्मिलित किया गया होगा? यह बहुत ही महत्वपूर्ण बिंदु है, जिस पर वास्तव में विमर्श होना चाहिए कि आखिर यह प्रश्न सम्मिलित करने का उद्देश्य क्या रहा होगा?
इस पूरे सर्वे में कुल लगभग डेढ़ लाख लोगों से राय ली गयी थी। और उनमें से 53% लोगों ने यह कहा कि उनका विश्वास है कि कथित लव जिहाद में मुस्लिम आदमी सम्मिलित होते हैं। वहीं इस सिद्धांत के आलोचकों का यही कहना है कि यह शब्द मुस्लिमों को नीचा दिखाने के लिए “दक्षिणपंथी” हिन्दुओं द्वारा प्रयोग किया जा रहा है।
परन्तु यह लोग बिलकुल भी उन तमाम घटनाओं पर बात नहीं करते हैं जो कट्टर इस्लामिस्ट की इस मानसिकता पर उंगली उठाती हैं जो हिन्दू लड़कियों को या कहें गैर-मुस्लिमों को निशाना बनाती हैं।
जब लोग इस सर्वे में उत्तर दे रहे होंगे, तभी उन दिनों भी लग जिहाद की कई घटनाएं हो रही होंगी और जब यह सामने आया है, तब भी उत्तर प्रदेश से लव जिहाद का एक मामला सामने आया है।
इस घटना में भी लड़की को लालच दिया गया। उसे नौकरी के नाम पर बहकाया गया और माता पिता रहित लड़की जब नौकरी या कहें अपने जीवन को बेहतर करने के लिए उसके पास पहुँची तो उस किशोरी के साथ उस शहनवाज ने बलात्कार ही नहीं किया, बल्कि उसे बंधक भी बनाकर रखा।
घटना है कानपुर की। दैनिक जागरण के अनुसार गुजैनी के अम्बेडकर नगर की १७ वर्षीय किशोरी को शहनवाज ने बेहतर काम देने का लालच देकर लखनऊ बुलाया। वह किशोरी अपने मातापिता के देहांत के बाद अपनी बूढ़ी दादी के साथ किराए के घर पर रहती है और यशोदा नगर के एक पार्लर में काम करती है। तीन महीने पहले ही उसकी भेंट उसकी सहेली ने शहनवाज से कराई थी।
शहनवाज ने उसे लखनऊ में अच्छे पार्लर में काम दिलाने के बहाने आलमबाग में बुलाया और फिर वह चार दिन की छुट्टी लेकर वहां पहुँची।
लड़की को शहनवाज़ ने एक कमरे में बंद कर दिया, जहाँ पर वह नशेबाजी करता था। और वह टालमटोल करता रहा। फिर उसने घर जाने पर धमकी दी। पीड़िता का आरोप है कि वह उसके मतांतरण के लिए हर संभव कोशिश कर रहा था। दबाव बना रहा था। फिर उसने तीन जनवरी को उसकी कैद से भागने की कोशिश की तो पकड़ी गयी। उसे शहनवाज ने बेल्ट से पीटा ही नहीं बल्कि केरोसीन डालकर उस पर आग लगा दी।
उसकी चीखपुकार सुनकर पडोसियों ने उसे बचाया और शहनवाज उसे अस्पताल ले गया।
यह भी आरोप है कि शहनवाज ने घरवालों ने धमकाया कि आग लगाने की बात किसी से कही तो जहरीला इंजेक्शन लगवा मार देंगे। पीड़िता ने अपनी बुआ को किसी तरह वीडियो कॉल करके बुलाया और फिर उसे परमपुरवा स्थित नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया।
इतना ही नहीं, पीड़िता ने यह तक आरोप लगाया कि कुछ पुलिस वालों ने यह कहकर धमकाया था कि खुद ही आग लगाने की बात करना। उनसे डरकर वीडियो में खुद आग लगाने की बात बोली, मगर सच यही है कि शहनवाज ने ही आग लगाई थी।
वहीं जूही थाना प्रभारी जितेन्द्र सिंह ने बताया कि पीड़िता ने बयान दिया है कि उसने लखनऊ आलमबाग के मित्र से नाराज होकर खुद आग लगाई है। वह कई दिनों तक लखनऊ जिला अस्पताल में भी भर्ती रही। शरीर में संक्रमण फैलने से घरवालों ने परमपुरवा स्थित नर्सिंगहोम में भर्ती कराया है। घटना का जूही थाने से संबंध नहीं है। घटना लखनऊ के आलमबाग और गुजैनी थाने से संबंधित है।
यह तो नई घटना है, परन्तु ऐसा नहीं है कि यही घटना थी। बीस जनवरी को ही इंदौर में बजरंगदल ने एक सदान खान को एक हिन्दू लड़की के साथ पकड़ा था, जिसने अभिनव नाम रखकर कई लड़कियों को फंसाया था और उसके फोन से कई लड़कियों के साथ गंदे फोटो और वीडियो मिले
फिर भी ऐसी घटनाएँ विमर्श का हिस्सा नहीं बनती हैं, हालांकि अब मीडिया चाहे इन घटनाओं के कारणों पर चर्चा करे या न करे, सोशल मीडिया के माध्यम से आम लोग चर्चा करने लगे हैं और कारण वह समझ गए हैं, तभी इंडिया टुडे के सर्वे में वह कहते हैं कि मुस्लिम आदमी लव जिहाद में सम्मिलित हैं, और यह प्रतिशत बताता है कि मीडिया और आम जनता के मध्य कितनी दूरी आ चुकी है
अब भी प्रश्न है कि क्या मीडिया अब इन घटनाओं पर सही कारणों के साथ बात करना आरम्भ करेगा?