नवजोत सिंह सिद्धू का इमरान और बाजवा के प्रति प्यार जगजाहिर है। शनिवार को करतारपुर कॉरिडोर से पाकिस्तान के करतारपुर में जब वह पहुंचे तो उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अपना बड़ा भाई बताया और यह भी कहा कि उन्हें इमरान ने बहुत प्यार दिया है।
हालाँकि इसके बाद वह भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के ही कई नेताओं के निशाने पर आ गए। परन्तु यहाँ पर उससे भी बड़ी घटना का प्रश्न है। जब सिद्धू इमरान खान को अपना बड़ा भाई बता रहे थे, उसी दिन पाकिस्तान में एक जघन्य अपराध हो रहा था।
गुरु नानक जयंती पर जब हिन्दू और सिख प्रकाश पर्व मना रहे थे, उसी समय पाकिस्तान में एक बच्चे के साथ नृशंसता की कहानी लिखी जा रही थी। सिंध प्रांत के खैरपुर मीर क्षेत्र में एक 11 वर्षीय हिन्दू बच्चे की हत्या कर दी गयी। हत्या से पहले उसके साथ दुष्कर्म भी किया गया। कन्ना कुमार नामक यह बच्चा शुक्रवार से नहीं मिल रहा था। शनिवार को उसका शव एक सुनसान घर से मिला, जहाँ पर कोई आता जाता नहीं है।
पाकिस्तान में मानवाधिकार के लिए कार्य करने वाले अहमद मुस्तफा के अनुसार मोहम्मद अनम और मदस्सर ने यह घृणित कार्य किया है और दोनों ने अपना अपराध भी स्वीकार कर लिया है:
मीडिया से बात करते हुए उसके एक रिश्तेदार राजकुमार ने बताया कि पूरा परिवार गुरुनानक देव के प्रकाश पर्व में व्यस्त था। और हमें पता ही नहीं चला कि कैसे और कब बच्चा गायब हो गया। और वह रात को ग्यारह बजे मृत पाया गया। उसका जन्म 2011 में हुआ था और वह ग्यारह साल का था।
कुमार के अनुसार पूरे इलाके में इस घटना के बाद डर का माहौल है।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले अत्याचार नए नहीं हैं। हर साल हजारों हिन्दू पकिस्तान छोड़कर भारत आ जाते हैं।
हाल ही में पाकिस्तान को अमेरिका ने ऐसी सूची में स्थान दिया है, जहाँ पर धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर भेदभाव होता है।
ऐसी घटनाएं हर वर्ष बढ़ती ही जा रही हैं। बीबीसी ने भी एक वीडियो दिखाया था जिसमें पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दुओं के साथ भेदभाव तो दिखाया ही था, पर यह भी दिखाया था कि उन्हें पढ़ाया क्या जाता है? जैसे हिन्दुओं के साथ होने वाली हिंसा को स्कूलों में ही जस्टिफाई किया जाता है।
मंदिर तोड़ने वालों का दंड भी चुकाएं हिन्दू
पाकिस्तान में मंदिर तोड़े जाते हैं, यह सभी ने देखा है। परन्तु कल ही यह समाचार आया है कि पाकिस्तान में पिछले वर्ष ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा में मुस्लिमों की भीड़ द्वारा तोड़े गए कारक मंदिर को तोड़ने वाले मजहबी नेताओं पर लगाए हुए दंड को भी हिन्दू समुदाय चुकाने जा रहा है।

एक्सप्रेस ट्रिब्यूनल ने एक स्थानीय नागरिक के हवाले से बताया कि “हिन्दू काउंसिल ने जमायत – ए- इस्लाम फजल, जिला अमीर मौलाना मेरे ज़कीम, भूतपूर्व जिला नजीम कारक रहमत सलाम खट्टक, मौलाना शरिफुल्ला और आठ और नेताओं के दंड चुकाने का निर्णय लिया है और प्रति व्यक्ति 2,68,000 पहले ही चुकाए जा चुके हैं।”
ऐसा “गुडविल जेस्चर” अर्थात सद्भावना दिखाने के लिए किया जा रहा है।
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने मंदिर तोड़ने वालों से 30।30 मिलियन वसूलने का आदेश दिया था, जिससे मंदिर दोबारा बनाया जा सके। हालांकि इस मंदिर को दोबारा सरकार द्वारा बनवाया जा रहा था, परन्तु स्थानीय मौलवी के उकसाने पर भीड़ ने इस मंदिर को तोड़ दिया था।
जिला प्रशासन ने स्थानीय मौलवी के खिलाफ कोई भी कदम उठाने से इंकार कर दिया है, जिसने कहा था कि इस बिल्डिंग में हिन्दू मंदिर का बोर्ड नहीं लगना है। हालांकि अब सभी 123 आरोपी दंड चुकाने की मांग कर रहे हैं, पर हिन्दू समुदाय के लिए यह असंभव है।
कुछ धार्मिक नेताओं के आर्थिक दंड चुका दिए गए हैं।
यह पाकितान है, जहाँ पर गुरुपर्व के दिन एक हिन्दू बच्चे का अपहरण और मृत्यु होती है, जहाँ पर हिन्दू मंदिर को तोड़ने वाले मुस्लिम मजहबी नेताओं का आर्थिक दंड हिन्दू चुकाते हैं, और यह वही नया पाकिस्तान है जहाँ पर जबरन धर्मांतरण वाला कानून रोक दिया जाता है।
परन्तु इसी नए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जो भारत की क्रिकेट टीम पर पाकिस्तान की जीत पर तंज कसते हैं, और हिन्दुओं के साथ होने वाले अपराधों को रोकने में विफल हैं, वह सिद्धू के बड़े भाई हैं!