बंगाल में चुनाव हालांकि सम्पूर्ण हो गए हैं और सरकार का गठन भी हो गया है। फिर भी ममता बनर्जी का खेला चल रहा है। हिंसा के इस खेला में कल एक घटना और जुड़ गयी जब बंगाल में जलपाईगुड़ी से भारतीय जनता पार्टी के सांसद डॉ जयंत राय पर हमला हुआ और उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
डॉ जयंत राय के अनुसार इस हमले में और किसी का नहीं बल्कि तृणमूल कांग्रेस का ही हाथ है। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने उन पर हमला किया और फिर बांस के डंडों से उनके सिर और हाथों पर मारा। वहां मौजूद और भी कुछ लोगों पर हमले किए गए।
Siliguri | Around 5pm today, I was attacked by TMC goons. They attacked me with bamboo sticks on my head & arms. Few others who were with me were also attacked. There is no rule of law in West Bengal: Dr. Jayanta Kumar Roy, MP Jalpaiguri#WestBengal pic.twitter.com/QOEXVa09uF
— ANI (@ANI) June 11, 2021
गौरतलब है कि बंगाल में चुनावों के बाद हुई हिंसा का दौर थमा नहीं है और कल एक महिला पर भी हमला हुआ था। कल जब मुकुल रॉय ने दोबारा टीएमसी का दामन थामा था तो उनकी कही एक बात पर ध्यान कम गया था कि “पश्चिम बंगाल में अभी ऐसी स्थिति है कि कोई भाजपा में नहीं रहेगा।”
#WATCH मैं बीजेपी छोड़कर TMC में आया हूं, अभी बंगाल में जो स्थिति है, उस स्थिति में कोई बीजेपी में नहीं रहेगा: मुकुल रॉय pic.twitter.com/bdbD5t7kBW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 11, 2021
तो क्या इसे राजनीतिक आतंकवाद से जोड़कर देखें, कि ममता बनर्जी अपने हर राजनीतिक द्रोहियों को मरवा देंगी या किसे सन्दर्भ से लें? जाहिर है न ही अभी हिंसा का दौर थमेगा और न ही लोगों का मारा जाना कम होगा, जैसा कि पत्रकार चंद्रप्रकाश कहते हैं:
बीजेपी में रहकर मारे जाने से अच्छा है कि मुकुल रॉय जैसे लोग किसी सुरक्षित दल में जाएँ और जान बचाएँ। प्रश्न मीडिया से है कि वह इस राजनीतिक घरवापसी को तृणमूल कांग्रेस के राजनीतिक आतंकवाद से क्यों नहीं जोड़ रहा?
बीजेपी में रहकर मारे जाने से अच्छा है कि मुकुल रॉय जैसे लोग किसी सुरक्षित दल में जाएँ और जान बचाएँ। प्रश्न मीडिया से है कि वह इस राजनीतिक घरवापसी को तृणमूल कांग्रेस के राजनीतिक आतंकवाद से क्यों नहीं जोड़ रहा? https://t.co/Pqd09WL9G1
— Chandra Prakash (@CPism) June 11, 2021
एक ओर मुकुल राय का वक्तव्य है और दूसरी ओर डॉ जयंत राय पर हमला है, इसी के साथ कुछ दिन पहले सुवेंदु अधिकारी ने कोलकत्ता में तिलजल क्षेत्र में हिन्दुओं के मंदिरों पर हमला करने का वीडियो भी ट्वीट किया था।
(1/3) Journalist Sanjeeb Basu was following up on a reliable lead that Hindus were being targeted today at Tiljala area in Kolkata. The atrocities were not only limited to people and properties, even Hindu Temples were attacked. pic.twitter.com/FeKyuZZQOD
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) June 10, 2021
10 जून को भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी पर भी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था।
(1/3) Journalist Sanjeeb Basu was following up on a reliable lead that Hindus were being targeted today at Tiljala area in Kolkata. The atrocities were not only limited to people and properties, even Hindu Temples were attacked. pic.twitter.com/FeKyuZZQOD
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) June 10, 2021
और उसी दिन लॉकेट चटर्जी ने हुगली में हिन्दुओं पर हुए हमले का वीडियो भी ट्वीट किया था। उन्होंने तुष्टिकरण की नीति का विरोध करते हुए लिखा था कि अब इस मुस्लिम तुष्टिकरण का विरोध होना चाहिए क्योंकि बंगाली हिन्दू अब ममता बनर्जी की दया पर निर्भर है और प्रशासन मूक दर्शक हैं:
Riots in Chandannagore, Hooghly. Bengali Hindus are under attack, this is a result of appeasement politics, where Bengali Hindus are at the mercy of Mamata Banerjee’s vote bank.
The administration is a mute spectator. pic.twitter.com/5TEyRoacpo— Locket Chatterjee (@me_locket) June 10, 2021
अत: यह कहा जा सकता है कि मुकुल रॉय की वापसी एक प्रकार के राजनीतिक आतंक की कहानी है, जिसे जान प्यारी है, उसे एक दिन ममता की छाँव में जाना ही होगा, शायद संकेत यही है। फिर भी इस राजनीतिक आतंक के विषय में कोई बात नहीं कर रहा है।
फीचर्ड इमेज: एएनआई
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