कहते हैं कि भारत एक हिन्दू बहुल देश है, कम से कम आंकड़े तो यही दिखाते हैं, लेकिन सच्चाई इससे कहीं अलग है। कथित बहुसंख्यक हिन्दू समाज ही भारत में सबसे ज्यादा शोषित है, और यह कह कर हम कोई अतिश्योक्ति नहीं कर रहे, आंकड़ें देखेंगे तो आपको यह सत्य समझ आ जाएगा। हिन्दुओं के धर्म, उनकी मान्यताओं और संस्कृति पर हमले होते ही रहते हैं, लेकिन अब तो हिन्दुओं के लिए अपने त्यौहार मनाना ही अत्यंत कठिन हो गया है।
ऐसा ही हिन्दू द्वेष का मामला हैदराबाद में सामने आया है, जहाँ एक ईसाई परिवार ने दीपावली के अवसर पर एक हिंदू परिवार द्वारा रखे रंगोली और दीपकों को लात मार दी। जब हिन्दू महिला ने आपत्ति जताई तो ईसाई परिवार द्वारा उस हिंदू महिला को गाली देने और चप्पल से पीटा गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। बात बढ़ने पर पुलिस ने विवश हो कर ईसाई परिवार के विरुद्ध मामला दर्ज किया है, लेकिन उन्होंने साथ ही यह भी बता दिया है कि इस घटना में कोई धार्मिक कोण नहीं है।
इस घटना से सम्बंधित एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमे आप देख सकते हैं कि एक हिन्दू परिवार द्वारा बनायी गयी रंगोली और दीयों पर एक ईसाई परिवार ‘आपत्ति’ जता रहा है। यह घटना हैदराबाद के चिक्कड़पल्ली इलाके में स्थित अर्चना अपार्टमेंट में हुई है। इस वीडियो में एक महिला और दो पुरुष एक हिन्दू महिला को गाली देते हुए और चप्पल से उस पर हमला करने का प्रयत्न करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इन ईसाई महिला और पुरुष ने उस हिन्दू महिला को रंगोली और दीयों को हटाने के लिए कहा था।
वीडियो में आप ईसाई महिला को रंगोली पोंछते और दीयों को लात मारते हुए देख सकते हैं। वीडियो के वायरल होने के बाद हिंदू संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई और पुलिस से इस विषय पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग की। ईसाई परिवार की हिंदू घृणा की निंदा करते हुए, हिंदू संगठनों ने अपार्टमेंट के सामने विरोध प्रदर्शन किया। चौतरफा दबाव पड़ने के पश्चात पुलिस ने आरोपी शालिनी देव कृपा (63), जी.ए. क्रिस्टोफर (68), राजीव अब्राहम (36) और अजित एबेनेजर को गिरफ्तार कर लिया था।
ईसाई परिवार पर अब धारा 295 (किसी भी वर्ग के धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल को चोट पहुँचाना या अपवित्र करना), 295A (किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करना) के अंतर्गत तमामला दर्ज किया गया है। धारा 34 के साथ ही 509 (शब्द, हावभाव या कार्य जिसका उद्देश्य किसी महिला की लज्जा का अपमान करना), 355 (व्यक्ति का अपमान करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना), और धारा 34 के साथ 506 (आपराधिक धमकी देना) जैसी धाराएं भी लगाई गयी हैं।
पुलिस और मीडिया कर रही है गलत तथ्यों का प्रसार
वहीं पुलिस का कहना है कि यह एक धार्मिक मुद्दा नहीं है, और उन्होंने दोनों परिवार के मध्य किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता या द्वेष होने की सम्भावना को भी खारिज किया है। मीडिया और पुलिस दोनों ने ही इस गंभीर विषय को बहुत ही हल्का बना कर प्रस्तुत किया है। पुलिस के अनुसार हिंदू परिवार रंगोली और दीये बनाने के लिए ‘कॉमन एरिया’ का उपयोग कर रहे थे, जिससे पड़ोसियों को आपत्ति हुई।
हालांकि वीडियो में यह साफ़ प्रतीत हो रहा है कि हिन्दू परिवार ने रंगोली और दीये अपने फ्लैट के प्रवेश द्वार पर ही लगाए थे। इस तरह के अपार्टमेंट्स में पडोसी आपस में सीढ़ी, गलियारा और लिफ्ट की जगह साझा करते हैं, लेकिन हर घर का अलग प्रवेश द्वार होता है, जिस पर वह परिवार कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र था।
हिंदू परंपरा में प्रवेश द्वार के सामने रंगोली लगाने की प्रथा है। इसे एक ‘सामान्य क्षेत्र’ कहना और अपनी आस्था और परंपरा का पालन करने के लिए इसका उपयोग करने के लिए हिंदुओं को दोष देना और कुछ नहीं बल्कि उन स्थानों को सिकोड़ने का एक और प्रयास है जहां हिंदू स्वतंत्र रूप से अपने धर्म का अभ्यास कर सकते हैं।
मेरठ में हिन्दुओं के लिए बनाये जा रहे थे ज़हरीले रसगुल्ले
यह कोई अकेला नस्लीय हमले का मामला नहीं था, ऐसा ही एक मामला मेरठ में देखने को आया, जहां मोहम्मद अब्दुल्ला और अब्बासी दिवाली के दौरान हिंदुओं को बेचने के लिए जहरीले रसगुल्ले तैयार करते हुए रंगे हाथो पकडे गए। मेरठ पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया और हजारों किलो जहरीली मिठाइयों को नष्ट भी कर दिया।
कई विश्वसनीय सोशल मीडिया हैंडल ने आरोप लगाया है कि करीब 300 क्विंटल (3000 किलोग्राम) खाद्य उत्पाद जहर से युक्त पाए गए थे। जैसा कि आशा थी, इस विषय को सार्वजनिक नहीं किया गया, और मुख्यधारा के मीडिया द्वारा भी इसकी कोई रिपोर्टिंग नहीं की गई है।
वडोदरा में दिवाली पर जिहादियों ने की सांप्रदायिक हिंसा
इसी प्रकार गुजरात के वडोदरा में दिवाली की देर रात जिहादी तत्वों ने सांप्रदायिक हिंसा की और हिन्दुओं पर जमकर पत्थरबाजी और आगजनी की गई। इतना ही नहीं, इन जिहादी उपद्रवियों ने पुलिस पर पेट्रोल बम से हमले भी किये। पुलिस के अनुसार यह घटना पानीगेट के मुस्लिम मेडिकल सेंटर के पास हुई, जहां मुस्लिम दंगाइयों ने पहले तो स्ट्रीट लाइट पर पत्थर चला कर बवाल काटा, बाद में हिन्दुओं के प्रतिष्ठानों पर पथराव भी किया।
पुलिस के अनुसार यह जानकारी मिली है कि हिन्दू वहां दिवाली हर्षोउल्लास से मना रहे थे, तभी एक रॉकेट मुस्लिम सवार के वाहन पर लगा गया, जिसके पश्चात दोनों पक्षों में कहासुनी शुरू हो गयी। इतनी में वहां जिहादी तत्व इकठ्ठा होने लगे और उन्होंने इलाके की कई स्ट्रीट लाइट्स को पत्थर मार कर बंद कर दिया था, ताकि अंधेरे में उनकी पहचान ना की जा सके।
राजस्थान के भरतपुर में हिन्दू परिवार पर पटाखे चलाने पर हमला
भरतपुर के एक मुस्लिम बहुल गाँव में हिन्दुओं को दीवाली मानना भारी पड़ गया। हिन्दुओ ने जब पटाखे चलाये तो उनके मुस्लिम पड़ोसियों को यह अच्छा नहीं लगा, और उन सबने मिलकर हिन्दू परिवार पर हमला कर दिया। इस घटना में हिन्दुओं को काफी चोटें आयी हैं, जिनके पश्चात उन्हें निकट के अस्पताल में भर्ती करना पड़ गया है।
वहीं राजस्थान की सेक्युलर पुलिस ने इस घटना को रफा दफा करने का प्रयास किया है। पुलिस के अनुसार हिन्दू परिवार और पडोसी मुस्लिमों के मध्य शीतल पेय को लेकर विवाद हुआ, जो अंततः मारपीट में बदल गया। हालांकि सत्य यही है कि मुस्लिम बहुल इलाकों में रहने वाले हिन्दुओं के लिए अपने त्यौहार मनाने का अर्थ है हिंसा को आमंत्रित करना।
केरल में दीवाली मना रहे हिन्दू परिवार पर कट्टर इस्लामिक परिवार का हमला
24 अक्टूबर 2022 को, लगभग 8:30 बजे, इस्लामवादियों के एक समूह ने केरल के एर्नाकुलम जिले के मुवत्तुपुझा में एक तमिल परिवार पर हमला कर दिया। उस परिवार का अपराध था कि वह अपना त्यौहार दीपावली मना रहे थे। हमले का नेतृत्व सशस्त्र रिजर्व पुलिस के अधिकारी रफीक ने किया, जिसने अपने तीन साथियों के साथ तमिल परिवार के घर में घुसकर महिलाओं और बच्चों सहित परिवार के सदस्यों को चोटिल कर दिया।
पीड़ित परिवार के मुखिया थंकपांडियन अपने परिवार के साथ मुवत्तुपुझा के बाजार क्षेत्र में रहते हैं। उनके परिवार के सदस्यों में उनके माता-पिता मीना और भास्करन, उनकी पत्नी पीटी पांडियन और उनके सात और पांच साल के दो बच्चे सम्मिलित हैं। इस परिवार की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं है, नाश्ता और अन्य खाद्य पदार्थ बेचकर यह परिवार जैसे तैसे अपना गुजारा करता है।
24 अक्टूबर को जब वह लोग दीपावली की मिठाई और नाश्ता बना रहे थे तो हमलावरों ने उनके चूल्हे तोड़ दिए। परिवार के सभी सदस्यों को भी बेरहमी से पीटा गया, पांच और सात वर्ष के बच्चों को जमीन पर पटक दिया गया। भास्करन पर एक छोटे से चाकू से हमला किया गया, जिससे उनकी आंख के नीचे चोट लग गई। वहीं इन जिहादी हमलावरों ने महिला की सोने की चेन भी छीनने का प्रयास किया।
ऐसी ही ना जाने कितनी घटनाएं होंगी, जो देश भर में हुई होंगी, और उनके बारे में किसी मीडिया समूह ने लिखा भी नहीं होगा, और ना ही किसी प्रकार की कानूनी कार्यवाही की गयी होगी। इस प्रकार की घटनायें जानबूझ कर हिन्दुओं के त्यौहारों पर भी की जाती है, ताकि हिन्दुओं का मनोबल तोड़ा जा सके , उनके मन में डर की भावना पैदा की जा सके और यह विश्वास दिलाया जा सके कि बेशक वह बहुसंख्यक हैं देश में, लेकिन शासन तो कथित अल्पसंख्यक ही करना जानते हैं।