spot_img

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

spot_img
Hindu Post is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
23.1 C
Sringeri
Friday, April 19, 2024

बीरभूम मे मृतकों का नाम आते ही न केवल सक्रिय हुआ लुटियन गैंग बल्कि ममता बनर्जी पर हमलावर भी हुआ

बंगाल में हुई हिंसा किसी से छिपी नहीं है, रह रहकर वहां से ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं, जो दिल दहलाने के लिए पर्याप्त होती हैं। समय समय पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की हत्याएं दिल्ली तक आने से पहले ही दम तोड़ देती हैं। ममता बनर्जी को अगला प्रधानमंत्री मान चुका एक बड़ा पत्रकार वर्ग खुलकर ममता बनर्जी के पक्ष में है और वह वर्ग भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की हत्या पर भी मौन रहा था।

फिर अचानक से ऐसा क्या हुआ कि वही गैंग, ट्विटर से लेकर यूट्यूब तक ममता बनर्जी के खिलाफ लिख रहा है, बोल रहा है? अजित अंजुम जो बंगाल के चुनावों में खुलकर ममता बनर्जी के पक्ष में वीडियो बनाते थे, और कई वीडियो ऐसे थे उनके जिसमें वह भारतीय जनता पार्टी के प्रशंसकों के साथ कुछ असहज भी नजर आए थे, वह भी इस हत्याकांड के बाद ममता बनर्जी के राज को जंगल राज कहते हुए दिखाई दिए।

बीरभूम में आज ममता बनर्जी गयी हुई हैं। इस घटना में टीएमसी के दो गुटों के बीच लड़ाई हुई थी और फिर उसके बाद कई घरों में आग लगा दी गयी थी, जिसमें कहा जा रहा है कि 8 लोगों की मौत हुई है, परन्तु कहीं कहीं 12 लोगों की मृत्यु का दावा किया जा रहा है। इस घटना के होते ही इतने दिनों से शांत रहा लिबरल समूह एकदम से उन ममता बनर्जी पर हमलावर हो गया, जिन्हें वह कल तक प्रधानमंत्री का प्रबल दावेदार मान रहा था।

विनोद कापड़ी ने ट्वीट किया:

वही साक्षी जोशी ने भी इस विषय में ट्वीट किया:

साक्षी जोशी ने यूट्यूब पर वीडियो भी पोस्ट किया तो अजित अंजुम ने भी इस घटना की निंदा करते हुए वीडियो पोस्ट किए। परन्तु यह देखना बहुत ही रोचक है कि कैसे बंगाल में चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ हुई हिंसा पर अधिकतर लोग मौन थे।

हिन्दुओं और भारतीय जनता पार्टी के विरोध में ही बोलने वाली स्वाति मिश्रा ने लिखा

वहीं टेलीग्राफ ने भी ममता बनर्जी के विरुद्ध कुछ नहीं लिखा, बस इस घटना को एक संघर्ष की संज्ञा दी और लिखा

कि संघर्ष ने जलाया और मार डाला

वही टेलीग्राफ ने आज भी मुख्यमंत्री से प्रश्न पूछने का साहस नहीं जुटाया। बल्कि कल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जो कहा है, उसका ही उपहास उड़ाया है। लिखा है कि लखीमपुर खीरी के लिए एक भी शब्द नहीं, तो वहीं बीरभूम के लिए आंसू:

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बीरभूम की घटना पर कल दुःख व्यक्त करते हुए कहा था कि

मैं बंगाल के लोगों से भी आग्रह करूंगा कि ऐसी वारदात को अंजाम देने वालों को, ऐसे अपराधियों का हौसला बढ़ाने वालों को कभी माफ न करें: PM

उन्होंने केंद्र की ओर से राज्य सरकार को आश्वस्त करते हुए कहा था कि वह अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाने में मदद करेंगे

इस घटना को लेकर पत्रकार अभिजित मजुमदार ने कहा कि पश्चिम बंगाल ने 26 राजनीतिक हत्याएं एक सप्ताह में देखी हैं। बीरभूम हत्याकांड में 12 महिला और बच्चे जल गए हैं और पश्चिम बंगाल फिर से जिहादी आतंक और कम्युनिस्ट युग के अपराधियों की जगह बनता जा रहा है,

उत्तर प्रदेश में चुनावों के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हर प्रकार के आरोप लगाने वाले रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने भी ममता बनर्जी को घेरा:

यहाँ तक कि एनडीटीवी के पत्रकार संकेत उपाध्याय भी बंगाल के मुद्दे पर ममता बनर्जी को घेरते हुए दिखाई दिए। वह पूछते हैं कि आखिर अपराधियों के हौसले इतने बुलंद क्यों हुए?

यह वही लोग हैं जो आज तक गोधरा में जले हुए हिन्दुओं के स्थान पर दंगों पर बात करने में सहज अनुभव करते हैं, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की मृत्यु पर मौन रहते हैं! दरअसल नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को न हरा पाने की अपनी घृणा में यह लोग इतने अंधे हो गए हैं कि इन्हें हर वह अराजक व्यक्ति मसीहा प्रतीत होता है, जो भारतीय जनता पार्टी को किसी न किसी प्रकार पराजित कर दे!

स्वाति चतुर्वेदी ने बिना नाम लिए इस घटना की निंदा की:

बहुत ही दुःख की बात है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का आतंक इन्हें नहीं दिखता, न ही बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का आतंक, महाराष्ट्र में नया प्रेम है शिवसेना उसके कैडर की गुंडागर्दी नहीं दिखाई देती और न ही दिखाई देता है केरल में वामपंथी आतंक! बस एक पूरे वर्ग को यही आशा है कि कोई आकर किसी भी प्रकार से नरेंद्र मोदी को परास्त कर दे, इसके लिए वह किसी को भी समर्थन देने के लिए तैयार रहते हैं।

अब प्रश्न यह भी उठ रहा है कि बंगाल में चुनावों के बाद हिंसा पर मौन रहने वाले यह सेक्युलर पत्रकार अचानक से ही इस मामले पर क्यों बोलने लगे हैं? क्या नाम सामने आने से? या वास्तव में ही इन्हें बुरा लगा है? यह समय बताएगा।

इस मामले में बंगाल सरकार से एनसीपीसीआर ने तीन दिनों में रिपोर्ट माँगी है!

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

Thanks for Visiting Hindupost

Dear valued reader,
HinduPost.in has been your reliable source for news and perspectives vital to the Hindu community. We strive to amplify diverse voices and broaden understanding, but we can't do it alone. Keeping our platform free and high-quality requires resources. As a non-profit, we rely on reader contributions. Please consider donating to HinduPost.in. Any amount you give can make a real difference. It's simple - click on this button:
By supporting us, you invest in a platform dedicated to truth, understanding, and the voices of the Hindu community. Thank you for standing with us.