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Friday, March 29, 2024

इमरान मसूद और इमरान प्रतापगढ़ी के बहाने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के संकेत

कांग्रेस ने कल उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों की घोषणा कर दी है। इमरान मसूद को अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी में राष्ट्रीय सचिव के साथ साथ दिल्ली का भी प्रभारी बनाया गया है तो वहीं फिलिस्तीन प्रेमी शायर इमरान प्रतापगढ़ी को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक इकाई का अध्यक्ष बनाया गया है।

इमरान मसूद और इमरान प्रतापगढ़ी में कई बातें आम हैं, पर सबसे अधिक आम यह है कि दोनों को ही हिन्दुओं और नरेंद्र मोदी से घृणा है।  वर्ष 2014 में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से चुनाव लड़ने वाले इमरान मसूद ने नरेंद्र मोदी की बोटी बोटी करने की धमकी दी थी। और जनता को उनके विरुद्ध भड़काया था।

इमरान मसूद ने कहा था कि वह गुजरात समझ रहा है, 4% मुसलमान है गुजरात में, यहाँ 42% मुसलमान हैं। यहाँ गुजरात बना देंगे………………. बोटी बोटी काट देंगे.”

इसके बाद इमरान मसूद को हिरासत में ले लिया गया था। हालांकि इमरान मसूद की आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस ने हमेशा ही इमरान मसूद का साथ दिया तथा इस घृणास्पद भाषा को ही बढ़ाया।

इन घृणा से भरी टिप्पणियों के इनाम के परिणाम स्वरुप इमरान मसूद को कांग्रेस में महत्व मिलता रहा और फिर इमरान मसूद ने कांग्रेस के टिकट से सहारनपुर से वर्ष 2019 में चुनाव लड़ा, जिसमें वह तीसरे स्थान पर रहा। परन्तु इससे इमरान मसूद के कद पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा और जब से प्रियंका गांधी कांग्रेस में सक्रिय हुई हैं, तब से वह लगभग साथ ही है।

इमरान प्रतापगढ़ी, जिसे राष्ट्रीय अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बनाया गया है, उसका अपनी कौम के प्रति प्रेम जगजाहिर है और केवल अपनी ही कौम के प्रति प्रेम! इमरान प्रतापगढ़ी कहने के लिए शायरी करते हैं, परन्तु उनकी शायरी में हमेशा अपनी कौम के प्रति ही लगाव ही अधिकतर दिखता है। परन्तु एक बात जो ख़ास दिखती है वह है फिलिस्तीन के प्रति प्रेम।

https://www.facebook.com/ImranPratapgarhiOfficial

जिन दिनों पश्चिम बंगाल के हिन्दुओं पर हिंसा हो रही थी, उन्होंने कुछ नहीं लिखा, परन्तु इमरान प्रतापगढ़ी के फेसबुक पेज पर एक भी खबर ऐसी नहीं थी जिससे यह पता चले कि वह वाकई जुल्म का विरोध कर रहे हैं। दरअसल वह केवल एक ही प्रकार के जुल्म का विरोध करते हैं!

उनका कहना है कि वह जुल्म का विरोध करते हैं, तो उन्होंने ममता की हिंसा का विरोध नहीं किया और मजेदार बात है कि बंगाल की हिन्सा को नकारा है, और उनका प्रेम आजम खान के लिए प्रकट होता है, परन्तु किसी ऐसे हिन्दू नेता के लिए नहीं जो भाजपा से है या कहें हिंदुत्ववादी विचार रखे हुए हैं। कुम्भ के सम्बन्ध में खबरें फैलाते हैं, पर ईद पर या फिर राजस्थान में जो पिछले दिनों मजहब विशेष की महत्वपूर्ण हस्तियों के जनाजे की भीड़ थी उस पर मुंह सी लेते हैं।

सपा के मुस्लिम नेता की सेहत के लिए दुआएं मांगते हैं, फिलिस्तीन के मुसलमानों के लिए इमरान प्रतापगढ़ी दुआएं मांगते हैं, मगर वह बंगाल की हिंसा को नकारते हैं।

वह शाहबुद्दीन के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाते हैं, और यहाँ तक कि मुजफ्फरनगर वाली वह प्रोपोगैंडा खबर अभी तक लगाए हुए हैं, जिसका खंडन वह पत्रकार स्वयं कर चुका है और माफी मांग चुका है।

https://www.facebook.com/ImranPratapgarhiOfficial

मगर महान शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने अब तक यह खबर नहीं हटाई है।

इतना ही नहीं इनकी शायरी में ज़ुल्म से लड़ने की बात होती है, पर वह ज़ुल्म वह ज़ुल्म नहीं होता जो इस्लामी कट्टरपंथी हिन्दुओं पर करते हैं। और न ही उनके मुंह इन दिनों अलीगढ़ में नूरपुर में इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहा है और हिन्दुओं को पलायन करना पड़ रहा है, पर कोई शब्द निकल रहा है।

कांग्रेस ने पदाधिकारियों के चयन के साथ ही अपनी प्राथमिकताएं उत्तर प्रदेश के लिए निर्धारित कर दी हैं।

Featured image: Zeenews


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