ज़ी-5 तमिल पर एक नयी वेब श्रृंखला “गॉडमैन” 12 जून से प्रकाशित होने जा रही थी, जो ज़बरदस्त विरोध के बाद चैनल द्वारा स्थगित कर दी गयी है। इस शो को बाबू योगेश्वरण द्वारा निर्देशित और एलैंगो रघुपति द्वारा निर्मित किया गया है। पूरे देश में हिंदू धर्म पर लगातार हो रहे आक्षेप मानो एक नया प्रचलन हो गया है। हालांकि तमिलनाडु में यह अल्पसंख्यक ब्राह्मण समुदाय (जिन्हें हिंदू धर्म के प्रतिनिधि के रूप में आक्षेपित किया जाता है) से गहरी नफरत भी प्रदर्शित करता है और “पेरियारिस्ट” मानसिकता को बढ़ावा देता है।
जैसा की यह ट्वीट दर्शाती है – तमिल नाडु में ब्राह्मण समुदाय की गिनती राज्य की जनसंख्या में 5% से भी कम है और इनका कोई राजनीतिक अस्तित्व भी नहीं है, फिर भी ये राजनेताओं, कॉलिवुड और हर ऐरे गेरे के निशाने पर हैं।
Less than 5% of this state's population with no standing politically and yet we are relentlessly under siege by politicians, kollywood, every T, D& H.
So what do we do now? Trend #BoycottZee5?
This is tiring. pic.twitter.com/CT7n6W2gMi
— Bharath (@brakoo) May 26, 2020
इस सीरीज का ट्रेलर निर्माताओं के अपमानजनक इरादे को बिल्कुल स्पष्ट करता है। इसमें ब्राह्मणों के बारे में बहुत ही गंदी भद्दी गालियों का प्रयोग किया गया है और प्रमुख पात्रों में से एक को ऐसा भगवा वेशधारी दिखाया गया है जो आमतौर पर स्वामीनारायण संप्रदाय से संबंधित साधुओं का निरुपक है। इसके अतिरिक्त नायक एक शराबी है जिसे स्वामी अपने उत्तराधिकारी के रूप में नामित करना चाहता है। स्वामी द्वारा उत्तराधिकारी के रूप में चुने गए नायक पर दर्शाए कामुक दृश्यों का उपयोग हिंदू धर्म को कामुकता और अनैतिक व्यवहार के साथ जोड़ने के लिए किया गया है।
ट्रेलर में दर्शाए गए कुछ दृश्य, जैसे एक हिंदू पवित्र पुस्तक में छिपे हथियार को दर्शाना, हिंदू स्वामी को पुलिस द्वारा गिरफ्तार करके ले जाते हुए दिखाना, और धारावाहिक की टैग लाइन “एक अपवित्र कहानी” निस्संदेह हिंदू धर्म पर एक सांकेतिक प्रहार है।
जैसा कि इंदू मक्कल काची (IMK) नेता अर्जुन संपत कहते हैं- “यह धारावाहिक जानबूझकर जातिगत घृणा को उकसाने के उद्देश्य से, एक विशेष समुदाय को अपमानित करने और भगवा का अपमान करने के लिए बनाया गया है। अगर देखा जाए तो आज यह प्रचलन हो गया है कि हिंदू धर्म को चोट पहुंचाने वाली फिल्में और शो अक्सर विमोचित किए जाते हैं, जबकि फिल्म बिरादरी द्वारा हिंदू धर्म का अपमान करने के इस तरह के लगातार प्रयासों को रोकने के लिए कानूनी आश्रय लिया जाना चाहिए।” यहां एक बात उल्लेखनीय है कि IMK इस धारावाहिक के प्रसारण को रोकने के लिए कानूनी सहारा ले रहा है।
Our legal wing is working on stopping this.
How much of creative license nonsense can Hindus take. pic.twitter.com/DvzYlu3z4x
— Indu Makkal Katchi (Offl) 🇮🇳 (@Indumakalktchi) May 28, 2020
तमिलनाडु में हिंदू समुदाय के और भी नेता इन निर्माताओं की निंदा करते हुए इस धारावाहिक को वापस लेने की मांग के साथ आगे आए हैं। हिंदू मुन्नानी नेता कृष्णमूर्ति ने आरोप लगाया है कि ईसाई धार्मिक रूपांतरण माफिया ऐसे शो और फिल्मों को प्रायोजित कर रहा है। एलांगो रघुपति के साथ अपनी टेलिफोनिक बातचीत में कोयंबटूर स्थित ब्राह्मण संस्था राष्ट्रीय सनातन सेवा संघ के अध्यक्ष श्री रामनाथन ने अपनी पीड़ा व्यक्त की और सवाल उठाया कि क्या वह ईसाई पादरी द्वारा यौन उत्पीड़न के मामलों की वास्तविकता पर कोई धारावाहिक का निर्माण करने की हिम्मत करेगें? उन्होंने एलंगो पर ब्राह्मण समुदाय को निशाना बनाने का भी आरोप लगाया क्योंकि ये समुदाय कभी कोई प्रतिकार नहीं करता है।
निर्देशक योगेश्वरण की ट्वीट से साफ ज़ाहिर है की वह एक तमिल अलगाववादी है जो मानता है कि तमिलनाडु भारत का हिस्सा नहीं है बल्कि देश के साथ केवल संप्रभुता साझा कर रहा है। ऐसी सोच का प्रचार डीएमके (DMK), उसकी मूल द्रविड़वादी पार्टी डीके (DK) और ईसाई मिशनरियों द्वारा बड़े पैमाने पर किया जाता है।
https://twitter.com/BabuYogeswaran/status/980448539799990274
निर्माता का ट्वीट भी उसकी मानसिकता के बारे में पर्याप्त जानकारी देता है। उसका मानना है कि सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) के बाद नजरबंदी शिविर, गैस कक्ष, मानव चमड़े का उत्पाद और अन्य हिटलर जैसी गतिविधियाँ देखी जाएँगी। क्या वह एक उदारपंथी धर्मनिरपेक्ष गट के सदस्य नहीं प्रतीत होते?
I am expecting more … Concentration camp , Gas Champer , Human leather products and even more creative than Hitler
— Elango Raghupathy (@raghuelango) December 11, 2019
जिनके मन में हिंदुओं के प्रति इतनी घृणा है, जो घृणा उनके ट्वीट में साफ झलकती है , वह ‘हिंदूफोबिया’ अर्थात हिन्दू-विरोधी विचारधारा को ही तो बढ़ावा देंगे!
ज़ी 5, अमेजॉन प्राइम, नेटफ्लिक्स आदि जैसे ऑनलाइन मनोरंजन प्लेटफॉर्म जिन्हें ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म के रूप में भी जाना जाता है, पारंपरिक वितरण धाराओं को दरकिनार करने के लिए इंटरनेट का प्रयोग करते हैं। उन्हें किसी भी सरकारी लाइसेंस प्राप्त करने या सरकारी सेंसर बोर्ड जैसे सीबीएफसी, जो कि फिल्मों को सर्टिफिकेट जारी करते हैं, से अपने धारावाहिक या फिल्म के विषय को पारित कराने की आवश्यकता नहीं है।
कई वेब श्रृंखलाओं की आलोचना के बाद OTT प्लेटफॉर्मों पर “सेल्फ-सेंसरशिप कोड” (स्व-नियंत्रण संहिता) पर हस्ताक्षर करने की बात हुई। लेकिन “सेक्रेड गेम्स”, “घाउल”, “लीला”, “पाताल लोक” और अब “गॉडमैन” जैसी वेब श्रृंखलाओं से स्पष्ट है की फिल्म और मनोरंजन उद्योग में कार्यग्रस्त “रचनात्मक” लोगों के लिए हिन्दुओं और हिंदू धर्म को गलत रूप में प्रदर्शित करना एक आम बात है, उन्हें ऐसा करने में एक विचित्र प्रकार का आनंद मिलता है।
इस तरह की हिंदूफोबिक सामग्री पर सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय का कड़ी कार्यवाही करने का समय आ गया है। एक विशेष समुदाय को चिन्हित करना और हिंदू धर्म को बदनाम करने का इरादा पूरी तरह स्पष्ट है, फिर भी इस तरह की गतिविधियां दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं और दूसरी तरफ विरोधी पक्ष मोदी सरकार को “फासिस्टवाद” का ताना दे रहे हैं।
यह समाचार, मनोरंजन और फिल्मों सहित पूरे मीडिया पारिस्थितिकी तंत्र में एक प्रतिबद्ध हिंदू आवाज की कमी को भी दर्शाता है। एक तरफ ज़ी जैसे मीडिया हाउस ज़ी न्यूज़ पर तबलीगी जमात के कुकर्मों के बारे में सच्चाई बताने का साहस दिखाते हैं, लेकिन इसी मीडिया हाउस की ऑनलाइन मनोरंजन शाखा ज़ी-5 ऐसी नीचता और अश्लीलता दिखाते हैं। टाइम्स नाउ के एंकर राहुल शिवशंकर ने भारत विरोधी ताकतों से कुछ कठिन सवाल अवश्य पूछे हैं, लेकिन वही टाइम्स ग्रुप के अखबार “टाइम्स ऑफ इंडिया” में हिंदू धर्म के खिलाफ वामपंथी उदारवादी रुझान स्पष्ट है।
इस शो के निर्माताओं, अभिनेताओं और ज़ी-5 को अदालत ले जाना चाहिए ताकि समाज में एक उदाहरण स्थापित हो। बहुत लंबे समय तक हिंदू समाज ने रचनात्मक स्वच्छंदता के नाम पर अपमानजनक विषयों को बर्दाश्त किया है। हिंदू सहिष्णुता ने अंजाने में ऐसे हिंदूफोबिक निर्माताओं, निर्देशकों और अभिनेताओं को बढ़ावा ही दिया है। अब समय है की हम एक सीमा रेखा खींचें इससे पहले कि “पाताल लोक” और “गॉडमैन” की शैली के और वेब सीरीज बने और समाज में अपनी भ्रष्ट सोच का प्रसार करें।
(रागिनी विवेक कुमार द्वारा इस अंग्रेजी लेख का हिंदी अनुवाद)
क्या आप को यह लेख उपयोगी लगा? हम एक गैर-लाभ (non-profit) संस्था हैं। एक दान करें और हमारी पत्रकारिता के लिए अपना योगदान दें।
हिन्दुपोस्ट अब Telegram पर भी उपलब्ध है। हिन्दू समाज से सम्बंधित श्रेष्ठतम लेखों और समाचार समावेशन के लिए Telegram पर हिन्दुपोस्ट से जुड़ें ।