spot_img

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

spot_img
Hindu Post is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
31.4 C
Sringeri
Friday, March 29, 2024

विश्व शरणार्थी दिवस: अपने ही देश में शरणार्थी होता हिन्दू

आज विश्व शरणार्थी दिवस है। 4 दिसम्बर 2000 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यह निर्णय लिया कि हर वर्ष 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस के रूप में मनाया जाएगा। तब से हर वर्ष यह मनाया जा रहा है। हालांकि वैसे तो यह दिवस मात्र अंतर्राष्ट्रीय या एक देश से दूसरे देश में शरण लेने वाले शरणार्थियों के लिए है। मगर क्या आपको नहीं लगता कि आज के दिन यदि बात होनी चाहिए तो भारत में, अर्थात अपने ही घर में शरणार्थी बनते हुए हिन्दुओं की।

सुनने में अजीब अवश्य लग सकता है, परन्तु जो सत्य जानते हैं, वह यह जानते हैं कि हिन्दुओं से बड़ा शरणार्थी इस पूरे विश्व में कहीं नहीं होगा, जिसे अपने ही देश में उन लोगों के कारण विस्थापित होना पड़ा, जिन्हें कथित रूप से अल्पसंख्यक कहा जाता था।

वैसे तो हिन्दुओं का शरणार्थी बनना इतिहास में काफी लम्बे से चला रहा है। जब से इस्लाम की नज़र भारत पर पड़ी! परन्तु अभी हम केवल उनपर बात करेंगे जो हमने हाल ही में देखे हैं। हालाँकि कारण वही है, जो हज़ारों साल पहले थे! मजहबी जुल्म! मगर यह मजहबी जुल्म सेक्युलरता की चाशनी में पगे हुए होते हैं तो दिखाई नहीं देते। न केवल दिखाई नहीं देते है, बल्कि यह जुल्मियों को ही पीड़ित दिखा देते हैं, सेक्युलर चाशनी ऐसी होती है।

वर्ष 1947 में न जाने कितने हिन्दू पाकिस्तान से भारत चले आए। अपनी जमीन छोड़कर, अपने घर छोड़कर, और सब कुछ छोड़कर! खैर उन्हें शरणार्थी का दर्जा मिला हुआ है। पर जो देश में कोने कोने में पाकिस्तान बन रहे हैं और वहां से हिन्दुओं को अपना घर छोड़कर भागना पड़ रहा है, उसके शरणार्थियों का क्या?

कश्मीरी हिन्दू: स्वतंत्र भारत में अपने ही देश में शरणार्थी

वर्षों से कश्मीरी हिन्दुओं पर बात होती आई है, और वह मुद्दा है भी बात के योग्य। कश्मीरी हिन्दुओं को उनकी ही धरती से सुनियोजित जनसंहार स्वतंत्रता के उपरान्त निकाल दिया गया, और वह उस मजहबी मानसिकता ने किया, जिसका उद्देश्य है “गजवा ए हिन्द करना”।

उन्नीस सौ नब्बे का दशक कौन भूल पाएगा, जब कश्मीरी हिन्दुओं को चुन चुन कर मारा जा रहा था और नारे लग रहे थे “हिन्दू घाटी छोड़ जाएं, मगर औरतें यहीं छोड़ जाएं!” आतंक का ऐसा नंगा नाच हो रहा था, जिसे महसूस करके अब तक सिहर जाते हैं, वहां से आए हुए लोग।

कश्मीरी हिन्दुओं के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे संगठन पनुन कश्मीर  के संयोजक डॉ. अग्निशेखर कहते हैं कि हम लोगों के लिए विस्थापित जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। कश्मीरी हिन्दू अपने ही देश में शरणार्थी है। हमारे साथ नरसंहार हुआ था, और सबसे दुखद बात है कि आज तक हमारे साथ हुए नरसंहार को नरसंहार घोषित नहीं किया है। यदि वह घोषित हो जाए तो आज पूरे विश्व में तस्वीर बदल जाएगी। उनका कहना है कि सरकारें आज भी उस समूह के प्रति असंवेदनशील हैं, जिस समूह का नरसंहार किया गया क्योंकि जब तक उसे नरसंहार घोषित नहीं किया जाता, तब तक आगे के कदम नहीं उठाए जा सकेंगे।

वह भरे दिल से कहते हैं कि कोई भी कह सकता है कि कोई भी अपने ही देश में शरणार्थी नहीं होता, मगर सच्चाई यह है कि हम अपने ही देश में शरणार्थी बने हैं। फिर सरकार यदि खूब कहती रहे कि हम विस्थापित हैं, मगर सच्चाई यही है कि हम अपने ही देश में शरणार्थी हैं।

हिन्दू पोस्ट से बात करते हुए डॉ. अग्निशेखर ने कहा कि जब एक बार आप नरसंहार को अनदेखा कर देते हैं, या उस पर कोई कठोर कदम नहीं उठाते हैं, तो उसकी पुनरावृत्ति होती है, वह बार बार आता है।

डॉ. अग्निशेखर की यह बात पूर्णतया सत्य है क्योंकि जब कश्मीर में जिहाद को नहीं पहचाना गया और जिहाद से पीड़ित शरणार्थियों को शरणार्थी का दर्जा ही नहीं दिया गया, तो उसने अब पैर पसार लिए हैं और अब पैर पसार कर वह हमारे अगल बगल में ही आ गया है। वह पश्चिम बंगाल में है, वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है, जहां पर कैराना से हिन्दुओं को डराकर भगाया जाता है। वह आगरा, दिल्ली आदि के छोटे छोटे क्षेत्रों में छोटे रूप में है।

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के बाद हिन्दुओं के खिलाफ जो हिंसा हुई है, उसके कारण हज़ारों हिन्दुओं ने पश्चिम बंगाल से असम की ओर रुख किया।  वहां से संगठित और सुनियोजित पलायन हो रहा है। चुन चुन कर उन हिन्दुओं को मारा जा रहा है, जिन्होनें ममता बनर्जी की पार्टी के खिलाफ वोट देने की हिम्मत की थी।

दिल्ली में एक समूह है, ग्रुप ऑफ इंटेलेक्चुलस एंड एकेडमिशियन अर्थात जीआईए, जिसमें दिल्ली उच्चतम न्यायालय की वकील मोनिका अरोड़ा, दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफ़ेसर सोनाली चितलकर आदि सदस्य हैं, उन्होंने पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा पर एक फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट प्रस्तुत की। उसमे उन्होंने जो जो कहानियां बताई हैं। उनसे यह स्पष्ट होता है कि हिंसा की हरकत उन्हीं हिन्दुओं के साथ हुई हैं, जिन्होनें भाजपा को वोट दिया।

हिन्दू पोस्ट के साथ बातचीत में पश्चिम बंगाल में भाजपा महिला मोर्चा की सेक्रेटरी श्रीमती राखी मित्रा ने हिन्दुओं के साथ हुई हिंसा की जो तस्वीर प्रस्तुत की, वह दिल दहला देने वाली थी। राखी जी के अनुसार हिंसा कई दिन तक जारी रही थी। 9 मई 2021 तक भाजपा के 18 समर्थक या उनके परिवार के सदस्य मारे जा चुके थे, 170 महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ था, 6126 स्त्रियों के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई थी, और 2942 गाँव प्रभावित हुए थे, जबकि 33,840 लोग अपना घर छोड़कर भय के कारण पलायन कर गए थे।

कारण कुछ भी हो, यह हिन्दू ही है जो हर ओर से अपने ही देश में शरणार्थी हो रहा है। कश्मीरी हिन्दुओं और पश्चिम बंगाल के हिन्दू समूह के रूप में पलायन कर रहे हैं, और कभी मजहबी तो कभी मजहबी राजनीति के कारण।

पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ के साथ एक साक्षात्कार में एकजुट जम्मू के अध्यक्ष अंकुर शर्मा कहते हैं कि आज तक बीमारी को ही नहीं समझा गया। बीमारी है जिहाद रूपी कैंसर की और सरकार की ओर से इलाज हो रहा है फोड़े का।

अग्निशेखर भी ऐसा ही कुछ कहते हैं कि एक तो कश्मीरी हिन्दुओं के नरसंहार को अब तक नरसंहार घोषित न करके उनके घावों को रिसता हुआ छोड़ दिया है, तो वहीं अलगाववाद के सपोर्ट सिस्टम पर रोक नहीं लगी है, अर्थात जेएनयू आदि में कश्मीर की आज़ादी के नारे लग रहे हैं और दूसरी तरफ कश्मीरी हिन्दुओं के सुरक्षित वापस जाने का भी मार्ग अभी तय नहीं हुआ है।

आज के दिन बहुत चर्चाएँ होंगी, सीरिया, अफगानिस्तान, ईरान, ईराक आदि की! परन्तु भारत में छोटे छोटे समूहों में बने हिन्दुओं के शरणार्थी समूह की चर्चा नहीं होगी और न ही उनके कारणों की!

फीचर्ड फोटो: सौजन्य डॉ. अग्निशेखर


क्या आप को यह  लेख उपयोगी लगाहम एक गैर-लाभ (non-profit) संस्था हैं। एक दान करें और हमारी पत्रकारिता के लिए अपना योगदान दें।

हिन्दुपोस्ट अब Telegram पर भी उपलब्ध है। हिन्दू समाज से सम्बंधित श्रेष्ठतम लेखों और समाचार समावेशन के लिए  Telegram पर हिन्दुपोस्ट से जुड़ें ।

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

Thanks for Visiting Hindupost

Dear valued reader,
HinduPost.in has been your reliable source for news and perspectives vital to the Hindu community. We strive to amplify diverse voices and broaden understanding, but we can't do it alone. Keeping our platform free and high-quality requires resources. As a non-profit, we rely on reader contributions. Please consider donating to HinduPost.in. Any amount you give can make a real difference. It's simple - click on this button:
By supporting us, you invest in a platform dedicated to truth, understanding, and the voices of the Hindu community. Thank you for standing with us.