जिस दिन पूरा देश सीडीएस जनरल रावत के शोक में डूबा था, उस दिन देश के सबसे बड़े राजनीतिक परिवारों में से एक लालू प्रसाद यादव के राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव का अत्यंत गोपनीयता का परिचय देते हुए विवाह हो रहा था। मीडिया तक को नहीं पता था कि तेजस्वी यादव का विवाह हो रहा था, और जब विवाह की सूचना मिली तो दुल्हन के नाम पर संशय था। परन्तु शाम होते होते यह पता चल गया था कि यह अंतर्धार्मिक विवाह था, तेजस्वी यादव की दुल्हन विवाह पूर्व ईसाई थीं। और यह लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के ट्वीट से पता चला था;
हालांकि बाद में यह भी संज्ञान में आया कि रेचेल ने तेजस्वी से विवाह से पहले अपना धर्म बदल लिया था और उनका नाम अब राजेश्वरी देवी हो गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लालू प्रसाद यादव इस सम्बन्ध से प्रसन्न नहीं थे यही कारण था कि रेचेल का धर्म परिवर्तन कराया गया। तेजस्वी यादव और उनकी पत्नी रेचेल बचपन के दोस्त हैं। वह दोनों साथ में डीपीएस आरके पुरम में पढ़ते थे। और रेचेल का धर्म अलग होने के कारण ही लालू प्रसाद यादव को मनाने में इतना समय लग गया।
लालू प्रसाद यादव के साले साधु यादव हैं बहुत नाराज
इस विवाह से कुछ लोग प्रसन्न हैं तो वहीं कुछ लोगों में भयंकर नाराजगी है, जिनमें साधु यादव सम्मिलित हैं। साधु यादव लालू प्रसाद यादव के साले हैं और उन्होंने कहा कि
“ये राजा नहीं रंक है, बिहार का कलंक है!”
उन्होंने कहा कि परिवार के सदस्य सम्मिलित नहीं थे और चोरी चुपके शादी की गयी। रातों रात शादी नहीं होती है और किसी को जानकारी भी नहीं थी। उन्होंने कहा कि तेजस्वी एक व्यक्ति नहीं है, बल्कि उन पर बिहार की तेरह करोड़ जनता का भरोसा था, जिसे उन्होंने चकनाचूर कर दिया है।
मीसा भारती के विवाह का एक किस्सा बताया
साधु यादव की शिकायत इस बात को लेकर है कि जब परिवार के सभी बच्चों की शादी यादव परिवार में की तो तेजस्वी की शादी दूसरे धर्म में क्यों कर दी? फिर लड़कियों की शादी क्यों जाति में की? उन्होंने एक किस्सा साझा करते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव की सबसे बड़ी बेटी मीसा की शादी के लिए एक शाही परिवार के एक लड़के को मात्र इसलिए मना कर दिया गया था क्योंकि लड़के की माँ ब्राह्मण हैं। इस करण लालू प्रसाद यादव ने मीसा की शादी उस परिवार में नहीं की थी। उनका यही प्रश्न है कि जब लालू प्रसाद यादव ने हमेशा कुल को ध्यान में रखा तो तेजस्वी यादव की शादी में इतनी हड़बड़ी क्यों की गयी?
इसके साथ ही उन्होंने यह कहा कि यादव समाज किसी का बंधुआ नहीं है और उन्हें पटना में प्रवेश नहीं करने देंगे?
तेज प्रताप यादव ने किया पलट कर वार:
हालांकि लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को अपने मामा का यह प्रहार पसंद नहीं आया और उन्होंने इसका विरोध करते हुए लिखा
रुकऽअ हम आऽवतानी बिहार तऽ गर्दा उड़ाऽव तानी तोहार।।!
बुढ़-बुजुर्ग बाड़ऽअ, तनिक औक़ात में रहल सिखऽ। पाजामा से बाहर आऽवल के कौनो ज़रूरत नईखे।।!
बिहार के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार की पारिवारिक कलह इस प्रकार जनता में सबसे सामने आएगी ऐसा कम ही लोगों ने सोचा होगा। वैसे एस पहली बार नहीं है जब इस परिवार की पारिवारिक कलह जनता के मध्य आई हो।
पाठकों को याद होगा कि कैसे तेज प्रताप यादव की पत्नी ने अपनी सास राबरी देवी और ननद मीसा भारती पर यह आरोप लगाए थे कि उन्होंने उन्हें धक्के मारकर घर से बाहर निकाल दिया था। तेजप्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या ने यह भी कहा था कि उन दोनों ने उन्हें खाने के लिए खाना भी नहीं दिया था।

वर्ष 2018 में हुआ विवाह मात्र कुछ ही महीने चला था
12 मई 2018 को ऐश्वर्या राय जो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा राय की पोती थीं और उनके पिता चन्द्रिका राय उस समय राजद से विधायक थे के साथ लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव का विवाह हुआ था। परन्तु यह विवाह अधिक नहीं चल पाया था और ऐश्वर्या ने अपने पति पर ड्रग एडिक्ट होने का आरोप लगाया था और घरेलू हिंसा तक का आरोप लगाया था।
लोगों को याद आया अभिषेक मिश्रा का मामला
जब तेजस्वी यादव का विवाह एक ईसाई लड़की के साथ हो रहा था तो ऐसे में याद करना आवश्यक है एक ऐसा मामला भी लोगों के संज्ञान में आया, जो इसी परिवार से जुड़ा हुआ था। लालू प्रसाद यादव की बेटी रागिनी यादव और उनके कुछ दोस्त वर्ष 2006 में झारखंड में दसम फाल्स पर पिकनिक मनाने गए थे और जहाँ पर संदिग्ध स्थिति में अभिषेक मिश्रा की मृत्यु हो गयी थी। हालांकि पुलिस के अनुसार अभिषेक की मृत्यु पानी में डूबने से हुई थी, परन्तु अभिषेक के डॉक्टर पिता ने ऐसा मानने से इंकार कर दिया था और जांच की मांग की थी।
वर्ष 2006-07 में यह मामला बहुत चर्चित रहा था, और अभिषेक के पिता डॉ एससी मिश्रा ने उस समय भारत के मुख्य न्यायाधीश, झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी पत्र लिखकर सीबीआई जांच का अनुरोध किया था। वर्ष 2007 में हालांकि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गयी थी, परन्तु अभी तक उसका कोई पता नहीं है।

देखना होगा कि इस मामले में कभी निर्णय आ पाएगा या नहीं!
प्रगतिशील लेखक चुप हैं?
वैसे तो शादी विवाह व्यक्तिगत मामले होते हैं, और किसी को भी इस विषय में बोलने का अधिकार नहीं होता है और न ही होना चाहिए। परन्तु भारत में एक बहुत बड़ा वर्ग है जो एक ओर स्वयं को प्रगतिशील लेखक कहता है और दूसरी ओर राजनीतिक संरक्षण खोजता है। वह ऐसा वर्ग है जो तेजप्रताप यादव में नायक खोजता है और जिसने लालू प्रसाद यादव को अपना नायक बनाकर रखा हुआ है।
वह भी यह नहीं पूछ रहा कि लालू प्रसाद यादव के नियम अपनी बेटियों के लिए अलग और बेटे के लिए अलग क्यों है? वह यह भी नहीं पूछ रहा कि यदि अंतर्धार्मिक शादी करनी ही थी तो कथित रूप से नाम बदलने का स्वांग क्यों करवाया? वह परजीवी प्रगतीशील वर्ग सोनिया गांधी को अपना आदर्श मानता है और सोनिया गांधी की चरण रज लेकर स्वयं को धन्य मानता है, वह कभी सोनिया गांधी या लालू प्रसाद यादव जैसे नेताओं से यह नहीं पूछता कि उनका राजनीतिक उत्तराधिकारी बेटा ही क्यों है? क्यों स्त्री समानता के लिए लड़ता यह वर्ग अपने प्रिय नेताओं से यह नहीं पूछता कि आप बेटे और बेटी में भेदभाव क्यों करते हैं?
बहरहाल तेजस्वी यादव और रेचेल अर्थात राजेश्वरी यादव को उनके नवजीवन के लिए बधाई! परन्तु यह बात सत्य है कि आने वाला समय तेजस्वी यादव के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि अंतरजातीय विवाह से लोगों को समस्याएं कम हैं परन्तु अंतर्धार्मिक और वह भी ईसाई तो उसे लेकर लोगों में कई प्रकार की शंकाए होती हैं।
फिर भी किसी भी राजनीतिक परिवार की पारिवारिक बातों का इस प्रकार लोगों के बीच आना कहीं न कहीं असहजता उत्पन्न करता है, जो कि नहीं होनी चाहिए!