दिल्ली में अवैध अतिक्रमण के विरुद्ध बुलडोज़र की कार्यवाही आरम्भ होने के साथ ही राजनीतिक आरोपों और प्रत्यारोपों का नया दौर आरम्भ हो गया है। जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के दिन श्रद्धालुओं पर कट्टर इस्लामिक तत्वों ने हमला किया था, जिसके बाद दिल्ली नगरपालिका के दस्तो ने अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही की थी, इसके बाद से ही यह विषय बढ़ता गया और आज यह दिल्ली में बहुत बड़ा मुद्दा बनकर सामने आया है।
आम आदमी पार्टी इस मामले में बड़ी आक्रामक दिख रही है, और अब तो उनका नेतृत्व खुल कर अवैध अतिक्रमणकारियों के समर्थन में सामने आ गया है और केंद्र सरकार और दिल्ली नगरपालिका को चुनौती दे रहा है। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित नगर निगमों ने चुनावों से पहले इस अभियान को शुरू किया है, जबकि निगम में रहते हुए भाजपा नेताओं ने पिछले 15 वर्षों से रिश्वत लेकर दिल्ली भर में अनधिकृत निर्माण और बस्तियों को बनने दिया।
आम आदमी पार्टी ने भाजपा की आलोचना करते हुए एक हैरानी भरा दावा किया है। आम आदमी पार्टी के अनुसार भाजपा के बुलडोजर अभियान से दिल्ली में 63 लाख लोग बेघर हो जाएंगे। आम आदमी पार्टी ने मांग की कि दिल्ली नगर निगम के चुनावों को शीघ्र ही संपन्न कराया जाए एवं जो भी नव निर्वाचित पदाधिकारी आएंगे तो तय करेंगे कि अनधिकृत निर्माण और बस्तियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाए या नहीं।
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि लोगो के घरों को तोड़ने से पहले सभी भाजपा नेताओं, पार्षदों और एमसीडी अधिकारियों के घरों पर बुलडोजर चलाए जाएं, जिन्होंने शहर में अनधिकृत निर्माण, बस्तियों और अतिक्रमणों होने देने के लिए रिश्वत ली। उन्होंने कहा कि सबसे पहले दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता के घर पर बुलडोजर चलाए जाएं।
मदनपुर खादर में अतिक्रमण हटाने गए दस्ते के काम में व्यवधान डालने के आरोप में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। उसके पश्चात तो आम आदमी पार्टी का पारा ही चढ़ गया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक चिट्ठी लिख कर अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही को तुरंत रोकने का आग्रह किया है।
उन्होंने अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही को “दिल्ली में बुल्डोज़र से वसूली” करने का भाजपा का षड्यंत्र बताया है। उन्होंने इसे 63 लाख घरों पर बीजेपी का तबाही का प्लान है बताया है, और कहा कि दिल्ली में 60 लाख घर कच्ची कॉलोनी और झुग्गियों में है, वहीं तीन लाख घर पक्की कालोनियों में है। भाजपा का इन 63 लाख परिवारों को संदेश साफ़ है – या तो पैसा दो या बुल्डोज़र से तबाह होने को तैयार रहो।
हालाँकि आंकड़े कुछ और ही कहानी बताते हैं, दिल्ली की जनसँख्या 2 करोड़ से थोड़ा ही ऊपर है, और दिल्ली में घरो की संख्या 63 लाख से कम है, तो क्या नगर निगम दिल्ली के हर घर को ढहाने वाली है? 13 मई को दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अप्रत्याशित तरीके से सभी विधायकों की बैठक बुलवाई थी, जिसमे अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही पर मंत्रणा हुई।
आम आदमी पार्टी क्यों तिलमिलाई हुई है?
जब जहांगीरपुरी में अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही हुई थी, तब वामपंथी दलों ने मात्र विरोध ही नहीं किया था बल्कि वही लोग लोग उच्चतम न्यायालय भी गए थे। न्यायालय से उन्हें अधिक सहायता नहीं मिली, उसके बाद आम आदमी पार्टी ने एकाएक आक्रामकता दिखानी शुरू कर दी है। इसका सबसे बड़ा कारण है आम आदमी पार्टी के वोट बैंक में सेंध की आशंका।
प्राय: यह माना जाता है कि आम आदमी पार्टी का प्राथमिक वोट बैंक हैं कच्ची बस्ती में रहने वाले लोग और मुस्लिम लोग। कुछ क्षेत्र हैं जैसे जहांगीरपुरी, मदनपुर खादर, जामिया, शाहीन बाग़, बदरपुर बॉर्डर आदि, यहाँ आश्चर्जनक रूप से मुसलमानो का जनसँख्या घनत्व बहुत अधिक है। ऐसा भी कथित रूप से आरोप लगाया जाता है कि यहाँ बांग्लादेशियों और रोहिंग्या मुस्लिमो को एक षड़यंत्र के अनुसार अवैध रूप से बसाया गया है।
पाठकों को स्मरण होगा कि कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने मदनपुर खादर क्षेत्र में रोहिंग्या मुस्लिमो द्वारा कब्ज़ा की गयी 2 हेक्टेयर जमीन से अतिक्रमण हटाया था । इस जमीन का मूल्य 150 करोड़ रूपए से अधिक था, लेकिन आम आदमी पार्टी के नेताओं ने इस कार्यवाही का विरोध किया था।
आम आदमी पार्टी ने एक योजना के अनुसार मदनपुर खादर क्षेत्र में लगभग 5 एकड़ जमीन पर रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानो को बसाया है। दिल्ली सरकार ने इन अवैध लोगो को झुग्गी, पानी, और बिजली की सुविधा भी दी है। कालिंदी कुञ्ज में इन अवैध मुस्लिमो ने आतंक मचाया हुआ है, आस पास की परिसरों के लोगो ने पुलिस को कई बार लिखित शिकायतें दी, इस इलाके में ये लोग ड्रग्स बेचते हैं, अपराध करते हैं, और अन्य कई आपत्तिजनक काम करते हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार का वरदहस्त होने की वजह से इन पर कोई भी कार्यवाही नहीं हुई।
भाजपा के संसद महेश गिरी ने इस विषय पर दिल्ली पुलिस को कई बार सूचना दी और कार्यवाही करने को कहा, लेकिन हर बार अमानतुल्लाह खान ने इन लोगो का बचाव किया। आम आदमी पार्टी ने इन अवैध मुस्लिमो के लिए सरकारी कागजात जैसे आधार कार्ड और राशन कार्ड भी बनवा दिए हैं, और इतनी बड़ी जनसँख्या उन्हें वोट बैंक के रूप में मिल गयी है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने भी आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया और कहा कि सिसोदिया अतिक्रमण विरोधी अभियान से चिंतित हैं, क्योंकि आम आदमी पार्टी ही इन अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या को संरक्षण दे रही है। आम आदमी पार्टी इन लोगो का उपयोग दंगे और अन्य असामाजिक गतिविधियों में करती है, और इन्हे कानूनी कार्यवाही से भी बचाती है।
आरोप प्रत्यारोपों के इस दौर में देखना होगा कि क्या एक वैध समस्या अर्थात अवैध नागरिकों को वापस भेजना, कब तक अपने समाधान तक पहुँचती है!