“ढाँचों को बचाने के लिए कॉन्ग्रेस ने बनाया जो कानून, उसको सुप्रीम कोर्ट में चुनौती: बोले विष्णु शंकर जैन- मंदिरों पर मोहम्मद बिन कासिम के हमलों से पहले की स्थिति बहाल हो”, ऑपइंडिया, दिसंबर 06, 2024
“विष्णु शंकर जैन ने कहा, “हमने प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट 1991 की संवैधानिक मान्यता को चुनौती दी है। हमारा कहना है कि इस एक्ट का जो मतलब जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द बता रहा है, वह असंवैधानिक है। दूसरी सबसे जरूरी बात यह है कि इस एक्ट में कट ऑफ की तारीख 15 अगस्त, 1947 क्यों है, यह तारीख 712 ईस्वी क्यों नहीं है?”
हिन्दू हितों के लिए काम करने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा है कि 1991 में लाया गया प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट असंवैधानिक है। उन्होंने कहा है कि इसमें मंदिरों और बाकी धार्मिक स्थलों की जोस्थिति को तय करने वाली जो तारीख रखी गई है, वह गलत है। जैन ने इस कानून को नागरिक अधिकारों का हनन बताया है।
वकील विष्णु शंकर ने इस मामले में हिन्दू पक्ष की तरफ से बहस कर रहे हैं। उन्होंने कोर्ट से माँग की है कि इस कानून को असंवैधानिक घोषित किया जाए। इस संबंध में गुरुवार (5 दिसम्बर, 2024) को हुई सुनवाई के बाद उन्होंने इसकी कमियाँ भी गिनवाई हैं….”
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