कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर कांग्रेस ने एक लड़की का वीडियो जारी किया था, और बहुत साझा किया था जिसमें वह अपनी कथित मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही है और साथ ही बहुत बातें कह रही है। वह कह रही थी “नहीं तो सर हमको कलेक्टर बना दो। हम कलेक्टर बनने के लिए तैयार हैं। सबकी मांगें पूरी कर देंगे सर, आप कर नहीं पाते तो। किसके लिए बनी है सरकार, जैसे क्या हम भीख मांगने के लिए यहां आए हैं। हमारे गरीब के लिए तो कुछ व्यवस्था तो करो सर। हम इतनी दूर से आते हैं आदिवासी लोग, किराये के कितने पैसे देकर आते हैं”
सोशल मीडिया पर यह खूब वायरल हुआ। कांग्रेसियों ने इसे खूब प्रचारित किया।
लल्लनटॉप जैसे एजेंडा पोर्टल्स के साथ कई चैनल्स ने भी लडकी की प्रशंसा की थी।
निर्मला चौहान नामक लड़की आलिराजपुर जिले के खंडाला खुशाल गांव की रहने वाली है। आवास भत्ता, छात्रवृत्ति और बस किराये में छूट को लेकर कॉलेज के छात्रों ने कलेक्टर कार्यालय में प्रदर्शन किया था। जिसमें निर्मला चौहान भी सम्मिलित थीं।
इस मामले को लेकर यूथ कांग्रेस ने भी शिवराज चौहान सरकार को घेरा था:
परन्तु अब एक नया वीडियो सामने आया है, जिसमें उसी बहादुर लडकी पर चोरी का आरोप लगा है। निर्मला चौहान एक लड़की के साथ इमली तिराहा पर एक दुकान में दिखाई दे रही हैं। और उसने दुकानदार से कुछ सामान माँगा, जैसे ही वह दुकानदार सामान लेने के लिए मुड़ता है, उसके साथ आई लड़की चॉकलेट के डिब्बे के साथ भाग जाती है।
यद्यपि वीडियो में यह साफ़ दिखाई दे रहा है कि वह दोनों ही लडकियां एक दूसरे को जानती हैं, परन्तु निर्मला चौहान का दावा है कि वह उसे नहीं जानती हैं।
निर्मला का कहना है कि वह लड़की कुछ ही दिन पहले उसके आवास पर रहने के लिए आई थी। और जब उन्हें इस बात का पता चला तो उन्होंने उस लड़की से उसे लौटाने के लिए कहा। पर उस लड़की ने कहा कि दुकानदार पर उसका कुछ पैसा उधार है, इसलिए उसने यह कदम उठाया।
हालांकि स्थानीय मीडिया के अनुसार निर्मला चूंकि अब एनएसयूआई से जुड़ चुकी हैं, और वह एनएसयूआई की गर्ल्स कॉलेज की महासचिव हैं, इसलिए कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई से प्रश्न किए जा रहे हैं, परन्तु वह भी सफाई देते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं स्थानीय मीडिया के अनुसार एबीवीपी ने इस मामले में दोनों लड़कियों के खिलाफ पुलिस प्रशासन से कदम उठाने के लिए कहा है।
स्थानीय दुकानदार, शिरीष शाह का कहना है कि उन्होंने अभी पुलिस में शिकायत इसलिए दर्ज नहीं की है क्योंकि लड़कियों की उम्र कम है, पढ़ाई की है।
परन्तु सोचने वाली बात यह है कि कथित रूप से न्याय पाने के लिए कलक्टर तक बनने की बात करने वाली निर्मला क्या कभी कलक्टर बनकर नियम कानून का पालन कर पाएंगी जब वह अपने साथ रहने वाली लड़की की छोटी चोरी में ही साथ दे रही हैं?
क्या यह बच्चे जो वायरल हुए वीडियो को शोहरत और जीवन का अंतिम लक्ष्य मानकर चलते हैं और चोरी जैसी घटनाएं करने लगते हैं, वह आगे जाकर वास्तव में सभी से जुड़ पाएंगे? और उन लक्ष्यों को पा पाएंगे जिन्हें पाने का दावा करते हैं?
फिलहाल दूसरा वायरल समाचार अधिक हैरान करने वाला है क्योंकि कलक्टर बनने का दावा करने वाली लड़की और इस बात पर सरकार को घेरने वाली लड़की कि सरकार न्याय नहीं करती है, खुद चोरी के पक्ष में जाकर खड़ी हो गयी है?
एनएसयूआई संगठन से जुड़े होने के कारण क्या यह गुंडागर्दी की भावना आई है या फिर क्या कारण है, इसे खोजना ही होगा!
फिलहाल यह सोचने का विषय है कि कैसे व्यवस्था बदलने का दावा करने वाले युवा खुद ही चोरी करने वाली व्यवस्था बना रहे हैं और ऐसे किसी में कांग्रेस का हाथ न हो, ऐसा हो नहीं सकता!
या यह भी कह सकते हैं कि क्या कांग्रेस अपने छात्र संगठन के माध्यम से युवाओं के सहज असंतोष को आपराधिक प्रवृत्तियों की ओर मोड़ रही है? क्या वह स्वयं जब सरकार को परास्त करने में विफल है तो वह अब इन बच्चों के सहारे बंदूक चलाना चाहती है?