ऑस्ट्रेलिया में लगातार तीसरे हिन्दू मंदिर पर हमला हुआ है। कुछ ही दिन पहले एक मंदिर पर हमला हुआ था, उसकी दीवारों पर खालिस्तानी समर्थन के नारे लिखे गए थे। उसके हमलावरों पर अभी तक संभवतया ठोस कदम नहीं उठा है तो अब तीसरे मंदिर पर हमला किया गया है।
इस बार हमला हुआ है इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कांशियसनेस अर्थात इस्कॉन पर! इस्कॉन आज ऐसी संस्था है, जिसके मंदिर पूरे विश्व में हैं। यह मंदिर भी मेलबर्न में भक्ति योग आन्दोलन का विख्यात केंद्र है।
मगर इसी केंद्र पर हिन्दुस्तान मुर्दाबाद के नारे लिखकर हमला किया गया है। ऑस्ट्रेलिया टुडे के अनुसार इस्कॉन के संवाद निदेशक भक्ति दास ने कहा कि हमें इस पूजा स्थल के प्रति व्यक्त की गयी इस घृणा से बहुत दुःख हुआ है।
इस्कॉन के एक भक्त एवं आईटी पेशेवर ने कहा कि विक्टोरिया पुलिस हिन्दू मंदिरों पर होने वाले हमलों को रोकने में अक्षम रही है। यह भी बात सत्य है कि हिन्दू समुदाय सबसे उदार एवं शांतिप्रिय समुदाय है। परन्तु दिनों दिन हिन्दुओं पर हमले बढ़ रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार यह कहा जा रहा है कि यह हमले पूरे विक्टोरियन समाज के मतों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं क्योंकि विक्टोरिया की विविधता ही यहाँ की सबसे बड़ी शक्ति है और इन हमलों की निंदा की जाती है।
परन्तु दुर्भाग्य यही है कि कितनी भी निन्दा हो जाएं, जब तक इन हमलों को रोका नहीं जाएगा तब तक हिन्दुओं के हृदय में जो क्षोभ एवं क्रोध उत्पन्न हो गया है, वह संभवतया कम नहीं हो पाएगा।
हालांकि यह भी बात सच है कि शासन के स्तर पर यह आश्वासन दिया जा रहा है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, परन्तु तीसरे मंदिर पर हमले ने यह दिखाया है कि ऐसे क़दमों का विशेष लाभ नही हो रहा है। ऑस्ट्रेलिया टुडे के अनुसार विक्टोरियन लिबरल पार्टी के सांसद ब्रैड बैटिन ने कहा कि यह बहुत ही दुखी करने वाला है। हम ऐसा होने नही दे सकते हैं।
वहीं सांसद जोश बर्न्स ने एक वक्तव्य जारी करते हुए कहा कि मुझे अलबर्ट पार्क में हरे कृष्ण मंदिर पर इस हमले के विषय में सुनकर दुःख हुआ है।
उन्होंने कहा कि यह हाल ही के दिनों में हिन्दुओं के मंदिरों पर तीसरा हमला है। यह भी देखने में आया है कि जैसे पिछले मंदिर पर किए गए हमले का वीडियो खालिस्तानी तत्व जम कर साझा कर रहे हैं और वीरता को प्रदर्शित कर रहे हैं, इस मंदिर पर हमले का भी वीडियो उसी प्रकार साझा कर रहे हैं।
इससे पहले कैरम डाउन्स में एतिहासिक श्री शिव विष्णु मंदिर एवं बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर पर हिन्दुस्तान मुर्दाबाद के नारे लिखे गए थे एवं हमला किया गया था। भारत द्वारा भी मंदिरों पर हुए इन हमलों की निंदा की गयी है
ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी समर्थक इन दिनों भारत सरकार का विरोध करने के लिए और अपने लिए अलग खालिस्तान की मांग करने के लिए हिन्दू मंदिरों और भारत से प्यार करने वाले लोगों पर निशाना साध रहे हैं। वह हर संभव प्रयास कर रहे हैं और हर तरह की घृणा का प्रदर्शन कर रहे हैं।
भारत में भी खालिस्तानी आन्दोलन को दोबारा जिंदा करने का कुछ आतंकी प्रयास कर रहे हैं और अभी हाल ही में एक संदिग्ध खालिस्तानी आतंकी ने नौशाद के साथ मिलकर एक हिन्दू युवक की हत्या कर दी थी। और यह हत्या केवल इसलिए की गयी थी जिससे पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं को वह लोग यह विश्वास दिला सकें कि वह हत्या कर सकते हैं।
दिल्ली पुलिस के अनुसार गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी जगजीत सिंह और नौशाद ने युवक का पहले गला दबाया था और फिर उसके शरीर के आठ टुकड़े कर दिए थे।
भारत के नागरिक आज भी उस हिंसा को स्मरण करके सिहर उठते हैं जो खालिस्तानी आतंक के दौर में हुई थी। हजारों हिन्दुओं को खालिस्तानी आतंकियों ने अपनी घृणा का शिकार बनाया था।
खालिस्तानी आतंकी सिखों के लिए खालिस्तान की मांग करते हैं, मगर यहीं पर उनका सारा एजेंडा विफल हो जाता है क्योंकि उन्हें केवल भारत वाले पंजाब के लिए ही आजादी चाहिए। पाकिस्तान वाले पंजाब की वह लोग बात नहीं करते हैं।
यही कारण है कि ऑस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीय इस खालिस्तानी आतंक का जमकर सामना करते हैं और उनका हर सम्भव विरोध करते हैं, जैसा विभिन्न अवसरों पर देखा भी गया है।