spot_img

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

spot_img
Hindu Post is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
22 C
Sringeri
Friday, April 26, 2024

क्या तमिलनाडु बनेगा अगला आंध्रप्रदेश? मुख्यमंत्री के बेटे उदयनिधि स्टालिन का खुलासा, वह और उनकी पत्नी हैं ईसाई

भारत में धर्मांतरण एक बहुत ही गंभीर समस्या बन चुकी है। वेटिकन पोषित मिशनरी देश भर में गरीब और वंचित हिन्दुओं को प्रलोभन दे कर उन्हें ईसाई बनाने का कार्य कर रही है, और इसके लिए हर वर्ष अरबों रूपए का फण्ड भी विदेशों से आता है। इन मिशनरियों को राजनीतिक संरक्षण भी मिलता है, और यही कारण है कि इनका कार्य निर्बाध रूप से चल रहा है। वहीं एक नई और परेशान करने वाली प्रवृति दिखने लगी है, कई राजनीतिक परिवार ईसाई रिलिजन अपना चुके हैं, और अब वह खुल कर यह बात मानते भी हैं, इसका प्रभाव आम जनता पर पड़ता है।

ऐसा ही हमने आंध्र प्रदेश में देखा है, जहां मुख्यमंत्री जगन और उनके पिता वाईएसआर खुल कर ईसाई धर्म का प्रचार करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह परिवार ईसाई रिलिजन को अपना चुका है। आंध्रप्रदेश के राजनीतिक परिवार के ही रास्ते पर चलते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे और खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा है कि वह और उनकी पत्नी ईसाई हैं। उन्होंने डीएमके द्वारा आयोजित क्रिसमस उत्सव के कार्यक्रम में यह बात कही।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों ने अतीत में बार-बार यह कहकर ईसाई वोट बैंक को भुनाया है कि डीएमके ईसाई समुदाय की सहायता से ही सरकार बना सकती है। लेकिन उदयनिधि स्टालिन ने तो इस बार तुष्टिकरण की पराकाष्ठा ही पार कर दी है, वनहोने बड़ी ही बेशर्मी से अपने वक्तव्य का बचाव किया, और साथ ही इसका कारण भी बताया।

उदयनिधि को चेन्नई में उनके निर्वाचन क्षेत्र में डीएमके द्वारा आयोजित एक क्रिसमस समारोह कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था। हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआरसीई) मंत्री सेकर बाबू और चेन्नई की मेयर प्रिया ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वहां बोलते हुए उदयनिधि ने कहा, “हर कोई पूछ रहा है कि द्रविड़ मॉडल क्या है। यह एक एचआरसीई मंत्री है जो यहां लोगों को बधाई देने के लिए हालेलूजाह कह रहा है, यही सामाजिक न्याय है। पेरियार, अन्ना (दुरई), करुणानिधि, अंबाझगन आदि ने हमें यही सिखाया है।”

उदयनिधि ने कहा, “अगर मैं ऐसा कहूं तो संघी चिढ़ जाएंगे। लेकिन मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि मैं एक ईसाई हूं। मैं एक क्रिश्चियन स्कूल, क्रिश्चियन कॉलेज में गया और जिस महिला से मैंने प्यार किया और शादी की वह एक ईसाई है। यह आयोजन इस बात का प्रमाण है कि मंत्री शेखर बाबू सामाजिक समरसता कैसे बनाए हुए हैं।

कुछ महीनों पहले इन्ही उदयनिधि ने कहा था कि वह और उनकी पत्नी नास्तिक हैं। उन्होंने गणेश चतुर्थी के समय अपनी बेटी की गणेश मूर्ति पकड़े हुए एक चित्र साझा किया था। हालांकि उनका यह प्रयास उग्र द्रविड़वादी और पेरियारवादी लोगों को पसंद नहीं आया था। इन लोगों को द्रमुक वंशज द्वारा हिन्दू भगवान् का चित्र साझा करना एक बहुत बड़ा पाप था, क्योंकि द्रमुक पार्टी और उसके मातृ संगठन नीतिगत तौर पर “मूर्ति पूजा” के विरुद्ध हैं।

इस विषय पर विवाद होने के पश्चात उदयनिधि ने वह ट्वीट हटा दिया था और एक ‘स्पष्टीकरण’ दिया था कि “वह और उनकी पत्नी नास्तिक हैं”। अब वह कह रहे हैं कि वह और उनकी पत्नी ईसाई हैं, आखिर सत्य क्या है?

उदयनिधि ने यूं तो यह वक्तव्य कथित रूप से ‘संघियों’ को परेशान करने के लिए दिया है। लेकिन यह किसी अन्य सामाजिक या राजनीतिक विषय से ध्यान हटाने का षड्यंत्र भी हो सकता है। जैसा कि ज्ञात है, तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई अक्सर डीएमके सरकार में हर स्तर पर भ्रष्टाचार को उजागर करते रहे हैं, यह उनकी बातों से लोगों का ध्यान भटकाने का प्रयास भी हो सकता है।

हाल ही में डीएमके ने अन्नामलाई की राफेल घड़ी के मुद्दे को उठाते हुए जनता का ध्यान इन खुलासों से हटाने का प्रयास किया था, जिसमें यह दावा किया गया था कि उन्हें महंगी घड़ी ‘उपहार’ के रूप में मिली थी। लेकिन यह आरोप टिकता नहीं दिख रहा है और वास्तव में डीएमके पर ही उल्टा पड़ गया है, क्योंकि लोगों ने प्रश्न करने शुरू कर दिए हैं कि उदयनिधि या स्टालिन के दामाद सबरीसन की संपत्ति एकाएक इतनी ज्यादा कैसे बढ़ गयी हैं।

एक और संभावना यह है कि आंध्र प्रदेश की तरह, ईसाई समुदाय की आबादी तमिलनाडु में भी बढ़ रही है। जनगणना में दिए गए आंकड़ों की तुलना में यह बहुत अधिक है और डीएमके इतने वृहद् वोट बैंक को प्रलोभन दे कर अपने पाले में करने का प्रयास कर रही है। पिछले ही दिनों वाईएसआरसीपी के बागी सांसद रघुराम राजू ने खुलासा किया था कि राज्य में ईसाई आबादी कम है और उनकी वास्तविक संख्या लगभग 25% होगी।

अगर आप देखेंगे तो पाएंगे कि सत्ता में आने के बाद से ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन सहित सरकार के हर प्रभावशाली व्यक्ति ने बार-बार कहा है कि यह ईसाई समुदाय और उनकी प्रार्थनाओं का धन्यवाद है कि वे सत्ता में आए हैं। मुख्यमंत्री स्टालिन ने चर्च ऑफ साउथ इंडिया (सीएसआई) के एक कार्यक्रम में कहा, “यह सरकार आपके द्वारा स्थापित की गई थी”। ऐसे कथनों का क्या अर्थ है, यह सोचियेगा।

तीसरी संभावना, भले ही यह एक प्राकृतिक पर्यवेक्षक के लिए दूरस्थ प्रतीत हो, पूर्ण सत्य हो सकती है। उदयनिधि और उनकी पत्नी किरुथिगा वास्तव में ईसाई हैं और नास्तिकता और तर्कवाद की आड़ में उस तथ्य को छिपाते रहे हैं। हमे यह नहीं भूलना चाहिए, कि भारत एक ऐसा देश है जहां एक ‘दलित’ राष्ट्रपति था, जिन्हे एक ईसाई कब्रिस्तान में दफनाया गया था। ऐसे में वोट बैंक को प्रसन्न करने के लिए इस प्रकार के छल और प्रपंच करना कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है।

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

Thanks for Visiting Hindupost

Dear valued reader,
HinduPost.in has been your reliable source for news and perspectives vital to the Hindu community. We strive to amplify diverse voices and broaden understanding, but we can't do it alone. Keeping our platform free and high-quality requires resources. As a non-profit, we rely on reader contributions. Please consider donating to HinduPost.in. Any amount you give can make a real difference. It's simple - click on this button:
By supporting us, you invest in a platform dedicated to truth, understanding, and the voices of the Hindu community. Thank you for standing with us.