दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने यह कहकर कि उनके साथ उनके पिता ने बचपन में यौन शोषण किया था, कहकर एक नई बहस को जन्म दे दिया है। उन्होंने यह बात 11 मार्च को आयोजित एक कार्यक्रम में प्रेस से बात करते हुए कही थी। उन्होंने कहा कि जब वह छोटी थीं तो उनके पिता उन्हें मारा करते थे और उनका उन्होंने यौन शोषण किया था।
फिर उन्होंने यह भी कहा कि वह बिस्तर के नीचे घुस जाती थीं और यह योजना बनाती थीं कि कैसे वह बड़े होकर ऐसी औरतों को न्याय दिलाया करेंगी।
यह वीडियो सामने आते ही सोशल मीडिया पर उनका विरोध आरम्भ हो गया। क्योंकि यह वक्तव्य लोगों के गले नहीं उतरा। एक समय में उन्होंने अपने पिता पर गर्व करने की पोस्ट की थी तो अब कैसे वह अपने पिता के विषय में यह कह सकती हैं?
लोगों ने उनके पुराने ट्वीट साझा करने आरम्भ कर दिए।
कुछ लोगों ने उनके वह ट्वीट साझा किए जो उन्होंने अपने तलाक के समय किए थे। जब उनका तलाक हुआ था तब उन्होंने कहा था कि उनके लिए बहुत ही कठिन समय है, जब एक परिकथा का अंत हुआ और उन्होंने कहा था कि कभी कभी बस सबसे अच्छे लोग एकसाथ नहीं रह सकते हैं।
मगर फिर उन्होंने डेढ़ साल बाद यह कहा कि वह तलाक के बाद बहुत प्रसन्न हैं और एक खराब शादी से बाहर आना कितना शांति देता है
लोगों ने प्रश्न किए कि एक व्यक्ति जो स्वाति मालीवाल के लिए एक समय में आदर्श हुआ करते थे, जिन्होनें स्वाति को लड़ना सिखाया वह कैसे एकदम से यौन शोषण करने वाले हो गए?
वहीं अब स्वाति मालीवाल के पूर्व पति नवीन जिंदल ने ट्वीट किया कि
फ़िल्म का नया नाम होना चाहिए था “तू महाझूठी मैं महामक्कार” जब आदमी मक्कार।मौक़ामार और मुर्दा हो जाता है तो वो मुर्दों पर ही वार करता है आदमी में हरामीपन आ जाता है लोभ लालच तन मन पर छा जाता है तो वो ज़िंदा लोगो के कुकर्मों पर नही बोल पाता है।मुर्दों पर बोलके मर्द नहीं बनते घटिया
यहाँ यह भी ध्यान देने योग्य है कि नवीन जयहिंद ने स्वाति का समर्थन तब भी किया था जब स्वाति मालीवाल के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत ने भ्रष्टाचार के आरोप तय किए थे।
उन्होंने लिखा था कि जज साहब यह कुछ भी हो सकती है मगर बेईमान या भ्रष्ट नहीं!
नवीन जयहिंद ने बाद में यह भी लिखा कि वह इस गटर में नहीं उतरना चाहते हैं
मेरी हाथ जोड़ के प्रार्थना है पत्रकार साथियों मीडिया व सोशल मीडिया के साथियों से कि मैं गटर में नहीं उतरना चाहता बहुत गंदगी होती है गटर में तो इस कीचड़/गंदगी से मुझे दूर रखे दोस्तों। मेरे पास और बहुत काम है मुझे मुर्दों(आत्माओ)पर सवाल करने के लिए कोई पत्रकार साथी फ़ोन ना करे”
वैसे यह बहुत ही हैरान करने वाला वक्तव्य है और लोग यह प्रश्न कर रहे हैं कि स्वाति पहले ठीक कह रही थीं या अब? या फिर यह आम आदमी पार्टी के खिलाफ बढ़ रहे आरोपों से ध्यान भटकाने की चाल है!
जो भी है, सोशल मीडिया ने स्वाति मालीवाल की इस हरकत को स्वीकारा नहीं है और असलियत सामने ला दी है कि कहीं यह कोई स्टंट तो नहीं है!