आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने पिछले दिनों यह कहकर हलचल मचा दी कि केजरीवाल पंजाब में अलगाववादियों के समर्थन में थे। उनका एक वीडियो 16 फरवरी को वायरल हुआ जिसमें उन्होंने केजरीवाल के विषय में कहा कि “एक दिन उसने मुझसे कहा था कि वह या तो पंजाब का मुख्यमंत्री बनेंगे या फिर आजाद देश (खालिस्तान) के पहले प्रधानमंत्री!”
जैसे ही कुमार विश्वास का यह वीडियो वायरल हुआ, वैसे ही एक बार फिर से उस विषय पर चर्चा शुरू हो गयी, जो एक बार पहले भी हो चुकी थी। हालांकि इस बयान के आते ही कुमार विश्वास पर आम आदमी पार्टी के नेताओं का हमला शुरू हो गया। और राघव चड्ढा ने मीडिया को धमकी दी थी कि वह इस वीडियो को न चलाएं। चड्ढा का कहना था कि जो भी चैनल इन सभी बयानों को दिखाएगा, उसके विरुद्ध कानूनी कदम उठाया।
इस पर कुमार विश्वास का कहना था कि वह चेलों से बात नहीं करते हैं। उनके आका आएं और बात करें।
हालांकि उनका यह बयान कितना महत्वपूर्ण है, यह इस बात से पता चल सकता है कि अरविन्द केजरीवाल पहली बार बैकफुट पर आते हुए दिखाई दे रहे हैं। और कुमार विश्वास के इस बयान के आधार पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी अरविन्द केजरीवाल को घेरते हुए कहा कि
इनके इरादे कहीं ज्यादा खतरनाक हैं। जिसने ये भेद खोला वे इनके पुराने विश्वस्त साथी रहे हैं। कवि और चिंतक होने के नाते देश भर में उनके कवि सम्मेलनों को सुनने के लिए देश भर में युवा पीढ़ी उनका इंतजार करती है। ऐसे इंसान ने कल कह दिया और जो आरोप लगाया है वो बहुत खतरनाक है। उन्होंने कहा कि दर्द ज्यादा हुआ होगा तो ही ये खुलासा किया है।
यह देखना सुखद है कि कुमार विश्वास अब उन बातों पर बोल रहे हैं, जिन बातों का उन्हें आज नहीं बल्कि कई वर्षों से संज्ञान था। हालांकि राजनीति में टाइमिंग बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। तो क्या यह समझा जाए कि क्या वह सही समय की प्रतीक्षा में थे? या फिर कुछ और कारण है।
कपिल मिश्रा ने वर्ष 2017 में ही कुमार विश्वास से कई प्रश्न पूछे थे
आज जब कुमार विश्वास यह कह रहे हैं कि अरविन्द केजरीवाल के सम्बन्ध खालिस्तानियों से हैं, और प्रधानमंत्री मोदी भी कुमार विश्वास पर विश्वास करते हुए भाषणों में उनका उल्लेख कर रहे हैं, तो ऐसे में उनके एक और पूर्व सहयोगी और वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा का ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
दरअसल इस ट्वीट में कपिल मिश्रा वर्ष 2017 में लिखे गए एक पत्र का उल्लेख कर रहे हैं, और उन्होंने लिखा है
3 नवम्बर 2017 का ये लेटर
केजरीवाल और खालिस्तानी कनेक्शन
केजरीवाल का आतंकी के घर रुकना, दुर्गेश पाठक का सिख फ़ॉर जस्टिस के गढ़ जर्मनी में रुकना
विदेश यात्राएँ, फंडिंग, चंदे में गड़बड़ी, नोटबन्दी में लगे छापे में पकड़ा पैसा
हर सवाल पांच साल पहले का ये पत्र
इस पत्र में लिखा है:
Open questions to अर्थात
@DrKumarVishwas से खुले प्रश्न
अब आइये इन पत्रों में क्या लिखा है:
कपिल मिश्रा ने लिखा है कि
“आदरणीय कुमार भैया,
कहाँ रुके हो? कहाँ फंसे हो? क्या दुविधा है? कैसी असमंजस? किस उम्मीद और किस आशा में?
आज कुछ बातें खुलकर लिख रहा हूँ, पत्र थोड़ा लम्बा है, पर पढ़ना जरूर!”
उसके बाद उन्होंने सिलसिलेवार लिखा है कि कैसे जब 8 नवंबर 2017 को प्रधानमंत्री ने नोटबंदी की घोषणा की और उसके बाद कपिल मिश्रा ने नोटबंदी की तारीफ़ करते हुए ट्वीट किया। उसके बाद दस की सेकण्ड के भीतर कुमार विश्वास की ओर से ही फोन आया कि ट्वीट डिलीट कर दिया जाए, और फिर उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया।
बाद में अरविन्द केजरीवाल ने नोटबंदी के विरोध का निर्णय कर लिया।
फिर जो कपिल मिश्रा ने लिखा है, उसे पढ़ना अधिक महत्वपूर्ण है।
“नोटबंदी के दौरान जीके में ईडी का छापा पड़ा। वहां पर गद्दों में, बाथरूम में, सोफे पर सब जगह नोटों की गड्डियां मिलीं। जिस कम्पनी पर यह छापा पड़ा उसी कंपनी के एक डायरेक्टर ने बनारस चुनाव में केजरीवाल के नोमिनेशन से ठीक पहले हवाला के माध्यम से 5 अप्रेल की रात 12 बजे 2 करोड़ पार्टी में दिए थे। हवाला और काले धन का इससे बड़ा सबूत क्या होगा, फिर भी आप चुप हो!”
फिर उसके बाद वह लिखते हैं कि
“आपने खुद बताया कि पंजाब में पैसों का कोई हिसाब किताब नहीं रखा जा रहा, कहाँ से आ रहा, नहीं पता! इतना कुछ हुआ, फिर भी आप चुप हो!”
कपिल मिश्रा इस पत्र में लिखते हैं
“दुर्गेश पाठक लगभग एक महीना जर्मनी में रुका रहा और चर्चा यहाँ तक है कि देश विरोधी और आतंकी समर्थकों ने पंजाब चुनाव में पैसा लगाया। जनरैल सिंह एक सभा में खालिस्तान के नारे लगाते कनाडा में देखे गए। बाद में पंजाब में केजरीवाल एक आतंकवादी के घर में रुके भी! इसमें से कौन सी बात है जो आपको पता नहीं, फिर भी आप चुप हो। पंजाब के फ़ार्म हाउसेस में दारू, लडकियों और पैसों का जो खेल हुआ, वो आपसे छिपा है क्या?”
इस पत्र में सत्येन्द्र जैन की फर्जी कंपनियों की भी बात की गयी है और नगर निगम चुनाव में गड़बड़ियाँ भी हैं, और यह भी प्रश्न है कि आखिर क्यों आप चुप हैं?”
इस पत्र में अंत में लिखा है कि
मैंने और मेरे परिवार ने अनेक कष्टों का सामना किया, अपमानजनक भाषा से लेकर और हमलों तक सब झेला पर आज भी लड़ रहे हैं। भरोसा है कि एक दिन इस लड़ाई में धर्म व सत्य की जीत होगी, आत्मा प्रसन्न है और हृदय संतुष्ट!”
शायद धर्म और सत्य की इस लड़ाई में कुमार विश्वास की आत्मा जाग गयी है, जो उन्होंने यह बोला है या फिर क्या कारण है?
यह बात पूरी तरह से स्पष्ट है कि केजरीवाल के विषय में यह सब बातें पब्लिक डोमेन में हैं, उस समय मीडिया में भी रिपोर्ट की थी कि केजरीवाल मोगा की जिस कोठी में रात भर ठहरे, वह खालिस्तान कमांडो फ़ोर्स के मुखी रहे एनआरआई की।
इस बात को कई यूजर्स ने भी बताया
यह बात बार बार इस देश की मीडिया ने उठाई है, परन्तु हां यह बात सत्य है कि हो सकता है कि चुनावों से पहले कही गयी बात का मूल्य अधिक होता है तभी आज पहली बार केजरीवाल बैक फुट पर हैं और साथ ही सफाई दे रहे हैं! पर एक बार फिर से आम आदमी पार्टी का वह चेहरा सामने आया है, जो अलगाव के पक्ष में और देश के विपक्ष में है!
देखना होगा कि चुनावों से ठीक पहले यह दाँव किसे फायदा पहुंचाएगा? आम आदमी पार्टी के पक्ष में वह पक्ष लामबंद होगा जो बार बार अलगाववादी मानसिकता को लेकर स्पष्ट रूख अपनाए हुए है, या फिर कांग्रेस या फिर भारतीय जनता पार्टी को? अब जब 20 फरवरी को चुनाव है तो यह दाँव क्या मोड़ लेगा, देखना होगा!
भारतीय राजनीति में कम्युनिष्टों के बाद सबसे ज्यादा नफरत मुझे केजरीवाल से ही है। ये शख्स अपने फायदे के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।