कल दिनांक 29/05/22 को पंजाब के गायक और कांग्रेस के नेता सिद्धू मूसेवाला की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना से लोग सकते में आ गए हैं, और इस प्रकार खुलेआम एक जाने माने गायक की हत्या होने से लोगो में गुस्सा तो है ही पर इसके साथ ही प्रदेश में कानून व्यवस्था की बिगड़ती हालत को लेकर आशंकाओं का बाजार गर्म हो गया है। सिद्धू मूसेवाला सिर्फ प्रसिद्द गायक ही नहीं बल्कि कांग्रेस के नेता भी थे, पिछले ही वर्ष सिद्धू मूसेवाला ने कांग्रेस पार्टी का हाथ थामा था और मानसा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। हालांकि, चुनाव में उन्हें आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
यहाँ यह बताना महत्वपूर्ण है कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने एक ही दिन पहले 424 लोगों की सुरक्षा या तो हटा दी थी या कम कर दी थी, उन लोगों में सिद्धू मूसेवाला भी थे। मूसेवाला की दुर्दांत हत्या के बाद पंजाब सरकार पर भी प्रश्न उठने आरम्भ हो गए हैं। जिस प्रकार पंजाब सरकार ने जल्दबाजी में सुरक्षा कम की, और यह जानकारी मीडिया में वितरित की गयी, यह पंजाब सरकार की कार्यप्रणाली पर बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह लगाती है।
पंजाब पुलिस ने जांच के लिए एसआईटी गठित की
पंजाब पुलिस के डीजीपी वीके भावरा ने बताया कि इस विषय पर जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर आईजी रेंज को एसआईटी बनाने का आदेश दे दिया गया है। पुलिस के अनुसार मौके पर मिले कारतूस से प्रथम दृष्टया यह अनुमान लगाया जा रहा है कि तीन अलग अलग हथियारों का इस्तेमाल किया गया है। यह मामला आपसी दुश्मनी का भी लग रहा है, क्योंकि अपराधी लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के कनाडा स्थित सदस्यों ने इस हत्या की जिम्मेदारी ले ली है।
डीजीपी भावरा ने बताया कि मूसेवाला के पास निजी बुलेटप्रूफ गाड़ी थी, लेकिन घटना के समय वे इसे अपने साथ नहीं ले गए थे. उन्होंने कहा, ‘अपने घर से निकलने के बाद मूसेवाला दो अन्य लोगों के साथ मनसा जिले में अपनी गाड़ी चला रहे थे. इतने में 2-2 गाड़ियां आगे और पीछे से आईं और इनकी गाड़ी पर फायरिंग की, मूसेवाला को अस्पताल ले जाया गया और वहां उनको मृत घोषित कर दिया गया।
पंजाब में कानून व्यवस्था बर्बाद हुई – खालिस्तानी तत्वों को मिल रहा समर्थन
पंजाब में पिछले वर्ष से ही अपराधों में बढ़ोत्तरी हो गयी थी, जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे थे, आम आदमी पार्टी के पक्ष में माहौल बनता देख खालिस्तानी तत्व भी खुल कर सामने आने लगे थे। पहले उन्होंने किसान आंदोलन का फायदा उठा अराजकता फैलाई, फिर बेअदबी के नाम पर कई हत्याएं हुई। अप्रैल में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद तो जैसे आपराधिक तत्वों को खुल छूट ही मिल गयी, और धीरे धीरे पंजाब में 70 और 80 के दशक जैसी घटनाएं होने लगी।
आम आदमी पार्टी पर पहले से ही खालिस्तानी तत्वों से सम्बन्ध रखने के आरोप लगते रहे हैं, और उनकी सरकार बनने के बाद इन तत्वों के प्रति सरकार ने अपनी आँखें हो मूँद ली, और पंजाब पुलिस को कुछ अनावश्यक कार्यों जैसे भाजपा नेताओं पर एफआईआर आदि में व्यस्त कर दिया। इसका लाभ खालिस्तानी तत्वों एवं अपराधियों ने उठाया और पिछले 2 ही महीनो में कई घटनाएं पंजाब में हो चुकी हैं, जिनसे यह प्रतीत हो रहा है कि पंजाब अब फिर से 3 दशक पहले जैसे हालातो में घिरता जा रहा है।
पिछले 2 महीने – पंजाब की कानून व्यवस्था हुई तार तार
अरविन्द केजरीवाल ने चुनावों से पहले वादा किया था कि वह प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुधारेंगे, लेकिन पिछले 70 दिनों में हुई घटनाओं को देखा जाए, तो यह साफ़ है कि पंजाब की कानून व्यवस्था दिन प्रतिदिन बिगड़ती ही जा रही है, और सबसे चिंताजनक बात यह है कि सरकार इस विषय पर कुछ ख़ास कर भी नहीं पा रही है।
पंजाब सरकार को बने अभी 75 दिन भी नहीं हुए हैं, लेकिन अभी तक ढेरों जघन्य अपराध प्रदेश में हो चुके हैं :
- 14 मार्च को जालंधर में अंतराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप नांगल अम्बिया की दिन दहाड़े हत्या कर दी गयी थी । इस हत्या के पीछे कनाडा में कबड्डी संघ चलाने वाले सनोवर ढिल्लों का हाथ सामने आया।
- 5 अप्रैल को पटियाला में एक और अंतराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी धरमिंदर सिंह की भी दिन दहाड़े हत्या कर दी गयी, इस मामले में अभी तक जांच चल रही है।
- 23 अप्रैल को ही पंजाब में टिफिन विस्फोटक पाए गए थे । इन्हे इंडियन सिख यूथ फेडरेशन नामक आतंकवादी गुट ने ड्रोन का प्रयोग करके भेजा था।
- 29 अप्रैल को पटियाला में खालिस्तानी तत्वों ने एक रैली पर हिंसक हमला किया और हिन्दुओ के मंदिर पर भी हमला किया। इसी दिन मलेरकोटला में जिलाधीश कार्यालय के बाहर खालिस्तान का झंडा भी लहराया गया था।
- पिछले ही महीने पंजाब पुलिस ने डेढ़ किलो आरडीएक्स के साथ दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों के पास से एक काले रंग का बॉक्स मिला, जिसमें आईईडी टाइमर, डेटोनेटेर, बैटरी और छर्रे बरामद हुए थे।
- 5 मई को ही करनाल में हरियाणा पुलिस ने बसताड़ा टोल प्लाजा के पास से एक इनोवा कार में चार आतंकियों को गिरफ्तार किया था। उनसे करीब साढ़े सात किलो विस्फोटक सामग्री, पाकिस्तान निर्मित एक पिस्टल, मैगजीन, 31 कारतूस, छह मोबाइल फोन और 1.30 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं।
- 9 मई को ही मोहाली में पंजाब इंटेलिजेंस के मुख्यालय पर एक राकेट ग्रेनेड से हमला किया गया था।
- 29 मई को ही प्रख्यात गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की नृशंस हत्या कर दी गयी।
- 29 मई को ही जालंधर में पंजाब पुलिस के ASI स्वर्ण सिंह की लाश मिली। हालाँकि पुलिस के अनुसार ये आत्महत्या का मामला बताया जा रहा है।
पंजाब एक सीमावर्ती प्रदेश है, इसके अतिरिक्त धार्मिक रूप से भी यह प्रदेश संवेदनशील है। यही कारण है कि हमारा दुश्मन देश पाकिस्तान येन केन प्रकारेण पंजाब में अस्थिरता फैलाने के प्रयास करता रहता है। चाहे खालिस्तानी तत्वों को बढ़ावा देना हो, ड्रोन के सहायता से हथियार पहुँचाना हो, या आईएसआई के हाथो ड्रग्स और नकली मुद्रा भारत भिजवाना हो, पंजाब उनके लिए एक उपयुक्त माध्यम बनता है। यही कारण है कि पंजाब जैसे प्रदेश में हमेशा एक दृढ़ सरकार और कानून व्यवस्था होनी अत्यंत आवश्यक है।
आम आदमी पार्टी की सरकार को आये अभी 100 दिन भी नहीं हुए हैं, ऐसे में हो सकता है कि लोग कहें कि उन्हें दोष देना तर्कसंगत न हो, परन्तु जिस प्रकार से पहले से ही अलगाववादी तत्व सिर उठाने लगे थे तो ऐसे में अब लगता है कि उन्हें कानून व्यवस्था को सुधारने पर काम करना ही पड़ेगा, अन्यथा पंजाब में स्थिति बिगड़ सकती है, और उसके कई तरह के नकारात्मक प्रभाव आने वाले दिनों में राज्य और जनता को देखने को मिल सकते हैं।