अभी केवल एक सप्ताह हुआ है जब 15 वर्षीय अंकिता सिंह को उसके घर में पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई थी शाहरुख हुसैन द्वारा, अंकिता सिंह एक नाबालिग हिंदू लड़की थी जो झारखंड की रहने वाली थी।वह एक लव जिहाद का शिकार थी इसकी जांच कर रहे पुलिस अधिकारी नूर मुस्तफा ने जानबूझकर केस को अपराधी के पक्ष में करने का काम किया ।
उप पुलिस अधीक्षक नूर मुस्तुफा ने पीड़िता की उम्र को 15 वर्ष की बजाय 19 वर्ष बता दिया था , लेकिन जब मीडिया, सामाजिक बुद्धिजीवी लोगों, द्वारा यह मुद्दा उठाया गया तब जाकर पीड़िता की सही उम्र दर्ज की गई।
आरोपी पुलिस अधीक्षक के ऊपर भी कार्रवाई की गई ।सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह है कि जब इतना बड़ा हादसा हो गया तब भी बॉलीवुड का एक वर्ग जो हमेशा हाथों में तख्तियां लेकर खुद को महिलावादी, सामाजिक कार्यकर्ता कहता है, खुद को समाज के प्रति एक जागरूक नागरिक बताने का प्रयास करता है वह तख्ती गैंग इस पर मौन है।
करीना कपूर खान जो कि बॉलीवुड के ए ग्रेड की कलाकार हैं जिन्होंने अपना विवाह एक नवाबी खानदान से किया ,उस नवाबी खानदान से जिन्होंने मराठों को धोखा देकर ब्रिटिश हुकूमत के साथ हाथ मिलाया था।
करीना कपूर खान ने अपने बेटे का नाम भी उस इस्लामिक आक्रमणकारी के ऊपर रखा है ,जिसने कई हिंदुओं की हत्या की थी और कई हिंदू महिलाओं का बलात्कार किया था ।
जब कठुआ कांड हुआ था 2018 में ,तब सबसे पहले करीना कपूर खान इस तख्ती गैंग के सदस्य के रूप में उभरी थी, उन्होंने सबसे आगे होकर एक तख्ती में दर्शाया था ,जिसमें यह पूरे भारत को बदनाम करने का प्रयास कर रही थी।
उसमें यह आरोपी बलात्कारी पर मौन थी, लेकिन उन्हें पूरी तरह से हिंदू धर्म का भी अपमान किया था ,इस तख्ती प्रदर्शन के बाद अन्य कई बॉलीवुड कलाकारों ने भी आगे होकर हिंदू धर्म और मंदिरों के ऊपर टीका टिप्पणी की थी।
इन कलाकारों के नाम है थे श्रुति सेठ, मिनी माथुर जिन्होने विवाह एक मुस्लिम फिल्म कलाकारों से किया और अपनी वफादारी हिंदू विरोधी दलों के साथ दिखाई।
यह कहना गलत नहीं होगा कि करीना कपूर खान और बॉलीवुड की छोटी मोटी कलाकार ने मुस्लिम पुरुषों से शादी करके अपने आप को एक तरफ से धर्मनिरपेक्ष बताने का प्रयास किया और हिंदू विरोधी काम में जमकर भाग लिया।
कठुआ कांड पर पूरा बॉलीवुड का एक वर्ग हिंदू धर्म और हिंदू मंदिरों खिलाफ खड़ा हो गया था ,और उन्हें पूरे विश्व में सब गलत संदेश दिया था ।
लेकिन तब भी हिंदू ना जागे थे और ना आज जागे हैं, इन सब के विरुद्ध ।
बॉलीवुड वालों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि पीड़िता का बलात्कार हुआ था, या उसे जलाया गया था ,उन्हें केवल अपने एजेंडे से मतलब रहता ,और वह यह यदि कोई आरोपी धर्म विशेष से है तो उसके खिलाफ कोई बयान नहीं देंगी ना कोई तख्ती लेकर बाहर खड़े हो जाएंगे ।
वह केवल हिंदू विरोधी काम के लिए आगे रहते हैं ।हम यह भी देखते आए हैं कि काफी दशकों तक फिल्म इंडस्ट्री ने लोगों का ब्रेनवाश किया है।इस्लामिक अपराधियों को उन्होंने हमेशा अच्छा और हिंदू वर्ग को गलत दिखाया है, जबकि सच्चाई तो यही कि इस्लामिक आतंकवादियों ने मुंबई को दहला दिया था।
लेकिन बॉलीवुड में फिल्में बनाई जैसे कुर्बान और माय नेम इज खान ,जिसमें उन्होंने दिखाया गया कि एक धर्म विशेष के लोग ही पीड़ित हैं । दशकों तक बॉलीवुड के कलाकारों ने लव जिहाद का प्रचार प्रसार अपनी फिल्मों के माध्यम से और अपने निजी जीवन से किया।
जिसके कारण इसका प्रभाव काफी हद तक हमारे सामाजिक स्तर पर पड़ा है। कोई भी तख्ती ब्रिगेड अंकिता के पक्ष में आकर खड़ी नही हुई । कोई भी बॉलीवुड कलाकार सड़कों पर नहीं उतरा और उसने अपराधी शाहरुख के खिलाफ फांसी की मांग की।
इन तथाकथित सामाजिक लोगों ने कोई राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय रैली नहीं निकाली जिससे अंकिता को न्याय मिल सके।
अपनी इस गिरी हरकत से बॉलीवुड में अपना इस्लामिक प्रेम दर्शा दिया है, और यह भी कहना गलत नहीं होगा कि अब हिंदुओं को आगे होकर बॉलीवुड का तिरस्कार करना ही पड़ेगा जिससे इन लोगों की अकल ठिकाने पर आए।
मूल लेख अंग्रेजी में: https://hindupost.in/society-culture/bollywood-islamist-pawns-no-outrage-for-ankita/
Muslims and their Hindu wives are turning aggressively brutal and the govt is cool. Unite Hindus if you want to survive.