“संभल हिंसा में मुस्लिम महिलाओं के 3 प्लान: (i) दंगाइयों की रक्षा (ii) पुलिस को निष्क्रिय करना (iii) पत्थर-बोतलें फेंकना – रुकैया, फरमाना, नजराना ने खोले राज”, ऑपइंडिया, नवंबर 27, 2024
“मुस्लिम महिलाओं पर कई जिम्मेदारी डाली गई थी। पहली जिम्मेदारी में पुलिस के आगे खड़े होकर दंगाइयों को कवर देना था। वहीं दूसरे काम में उनको खुद भी पत्थरबाजी और सुरक्षा बलों पर बोतलें आदि फेंकने का जिम्मा मिला था। हिंसा में शामिल रुकैया, फरमाना और नजराना ने भी इसी तरह की साजिश रचे जाने की पुष्टि की है।
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार (23 नवंबर) को भड़की हिंसा के बाद इसकी साजिश की परतें धीरे-धीरे उधड़ रहीं हैं। पकड़े गए पत्थरबाजों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि दंगाइयों को बैकअप देने के लिए कई मुस्लिम महिलाओं को भी तैयार रखा गया था। इस बीच प्रदेश सरकार ने हिंसा में हुए नुकसान की वसूली उपद्रवियों से करने का एलान किया है। उधर जमीयत उलेमा ए हिन्द ने भविष्य में किसी भी मस्जिद का सर्वे रोकने की माँग की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पकड़े गए पत्थरबाजों और गिरफ्तार हुई खातूनों से पूछताछ में सामने आया है कि संभल हिंसा के दौरान बैकअप के लिए मुस्लिम महिलाओं को तैयार रखा गया था। पहले से ही साजिश के तहत काँच की बोतलें और पत्थर जमा कर लिए गए थे। इसके बाद उपद्रवियों ने पुलिस पर हमला किया। अंत में औरतों को इस बात के लिए रेडी रखा गया था कि अगर पुलिस दंगाइयों का पीछा करे तो वो सामने आकर खड़ी हो जाएँ……”
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