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Tuesday, April 16, 2024

नौ बच्चों का बाप साकिर मोहम्मद और राजकुमार बनकर हिन्दू महिला को फंसाना और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालना: कहानी फिर वही है, पीड़ित फिर वही है

मध्य प्रदेश से फिर से वही कहानी सामने आ रही है, जिसमें हिन्दू महिला से पहले झूठे नाम से पहचान बढ़ाई गयी और फिर उस पर जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव डाला गया।  

यह कहानी है मध्य प्रदेश की ऐसी महिला की, जो असमय ही वैधव्य का दुःख झेल रही थी।  यह मामला इसलिए और भी अधिक गंभीर है क्योंकि इसमें महिलाओं को तब फंसाया गया है जब वह आत्मनिर्भर होने की दिशा में बढ़ी है।  अर्थात जब वह व्यापार आदि के लिए ऋण की बात करने की सोच रही है।  ग्रूमिंग जिहाद का यह बहुत ही अजीब उदाहरण है।  

इस उदाहरण से ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे उनके लिए हर हिन्दू महिला, हर अवसर पर शिकार है।  और वह उसे अपने कब्जे में करने के लिए सब कुछ कर सकते हैं।  महिला ने जो शिकायत बताई है उसके अनुसार साकिर ने कहा कि उसके मजहब में एक से ज्यादा औरतें रखने और धर्म परिवर्तन कराने पर जन्नत नसीब होती है। यह बहुत गहरी बात है क्योंकि इस मामले में यह बात ही महिला को परेशान करने के लिए मुख्य कारक है।  यही उस महिला की पीड़ा का मुख्य उत्प्रेरक है।  

यह कहानी है इंदौर में रहने वाली एक महिला की।  जब वह राजकुमार की पहचान धरे हुए साकिर का शिकार हुई।  और सबसे दुःख की बात यह है कि उसकी इस पीड़ा को बढ़ाने में पुलिस भी सहायक रही क्योंकि पुलिस ने उसकी शिकायत तक दर्ज नहीं की थी।  उसके बाद महिला ने उच्च न्यायालय में गुहार लगाई क्योंकि साकिर उसे तब भी परेशान कर रहा था जब वह शहर छोड़कर चली गयी थी।  

क्या है मामला?

शहडोल की एक पंजाबी विधवा महिला ने उच्च न्यायालय में दायर की गयी अपनी याचिका में कहा कि उसके पति की चार वर्ष पहले मृत्यु हो चुकी है और उसके बाद से वह अकेली रह रही थी।  उसने कहा कि साकिर से उसकी मुलाकात एक बैंक में हुई जब वह नौकरी न मिलने के कारण अपना काम शुरू करने के लिए लोन की बात करने के लिए गयी थी।  

महिला के अनुसार मुलाकात के दौरान, साकिर ने अपना परिचय राजकुमार के रूप में दिया और कहा कि उसकी बीवी मर चुकी है और उसके एक सन्तान है। उसके बाद उसने इस परिचय और विश्वास का फायदा उठाते हुए न कुछ नशीला पदार्थ खिलाया और उसके अचेत होने पर उसके साथ बलात्कार किया। उसने इस कृत्य का एक वीडियो भी शूट किया जिसके साथ वह उसे ब्लैकमेल करता था। वह पीड़िता को घर लाता, बुर्का पहनाता और उसके साथ मारपीट करता। इसके अलावा, उसे मदरसे में ले जाने के लिए और उर्दू में लिखे कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करवाने के बाद उस पर धर्मांतरण का दबाव डालने लगा।

पीड़िता ने खुलासा किया कि उसने यह जानने के बाद विरोध किया कि साकिर की पत्नी अभी भी जीवित है। और उसी के बाद उसे यह भी पता चला कि उसके नौ बच्चे हैं। साकिर ने उसे यह कहते हुए जबाव दिया कि एक से अधिक पत्नियाँ होना एक सबाब का काम है जो उसे जन्नत ले जाएगा। फिर उसने उसे और उसकी छोटी बेटी को इस्लाम में परिवर्तित करने के लिए मजबूर करना शुरू कर दिया।

पीड़िता अपनी बेटी को लेकर इंदौर चली गई जहां वह विजय नगर थाना क्षेत्र के किराए के मकान में रहने लगी। साकिर उसका पीछा करते हुए इंदौर पहुँच गया और फिर उसने वीडियो वायरल करने की धमकी दी। पीड़िता का आरोप है कि वह आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने महिला थाने गई थी। हालांकि, उनसे शहडोल में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कहा गया। महिला ने कई अतिरिक्त पुलिसकर्मियों से बात की, लेकिन किसी ने मामला दर्ज नहीं कराया।

पुलिस की ओर से निराश होकर और साकिर के लगातार उत्पीडन के चलते पीड़िता ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई और प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। अदालत के आदेश में कहा गया है कि पीड़िता को उच्च अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस थाने में रिपोर्ट करने की जरूरत नहीं है। न्यायालय ने आगे फैसला सुनाया कि उसके बयान को उसकी ओर से एक औपचारिक शिकायत के रूप में माना जाना चाहिए और उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।

यह घटना महिलाओं की उस आत्मनिर्भरता के विरुद्ध है जो उनका स्वाभाविक अधिकार है और इस घटना से यह भी पता चलता है कि जिहादी मानसिकता वाले लोगों के लिए कोई भी हिन्दू लड़की सुरक्षित नहीं है।  कोई भी हिन्दू महिला सुरक्षित नहीं है।  ऋण लेने के लिए जाएगी तो भी वह जिहादी मानसिकता वाले ऐसे आदमी का शिकार हो सकती है जो हिन्दू महिला से निकाह करना “सबाब” का काम मानता है, जिससे उसे जन्नत मिलेगी!

प्रश्न यही है कि ऐसे अपराधों को कब तक क़ानून एवं व्यवस्था की समस्या माना जाता रहेगा, जबकि यह हिन्दू लड़कियों/महिलाओं के साथ किए गए वह अपराध हैं, जो उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर होते हैं? ‘

कब तक 9 बच्चों के बाप साकिर का शिकार हिन्दू महिलाएं होती रहेंगी?

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