झारखण्ड में हुए रिबिका पहाड़िया हत्याकांड ने पूरे देश को एक बार फिर से हिलाकर रख दिया है। आज झारखंड विधानसभा में भी इस बात पर बहस हुई और जमकर हंगामा हुआ। खैर वह तो राजनीति है, और इसके मूल में जो कारण है उसे लेकर कोई भी शायद गंभीर नहीं है। इसके मूल में कारण कहीं न कहीं वही मानसिकता है, जो हर काफिर को ईमान में लाने के लिए आमदा है। यह कैसे होता है, बस यही द्वन्द है।
जहाँ भारत में यह कई तरीकों से हो रहा है, तो उनमें एक बहुत बड़ा तरीका लव जिहाद भी है। इसमें हिन्दू लड़की का धर्मांतरण किया जाता है। जब लड़की इंकार करती है तो फिर उसे या ती ठिकाने लगा दिया जाता है या फिर अत्याचार किए जाते हैं।
कल अर्थात 18 दिसंबर 2022 को रिबिका पहाड़िया की जिस प्रकार से हत्या की गयी है, वह तो दिल दहलाती ही है, मगर अब कारण भी निकल कर आया है। मीडिया के अनुसार रिबिका ने चूंकि अपना धर्म नहीं बदला तो उसे पहले प्रताड़ना दी और जब वह उस पर भी नहीं मानी तो उसकी हत्या कर दी और उसके शरीर के कई टुकड़े कर दिए। इस कुकृत्य में दिलदार के मामा ने उसका साथ दिया था।
अब ऐसा नहीं है कि श्रद्धा हत्याकांड या फिर रिबिका हत्याकांड के बाद ऐसी घटनाएं रुक गयी हैं। जैसे ही यह समाचार निकलकर आया कि रिबिका ने धर्मांतरण करने से इंकार किया तो उसके कारण उसका क़त्ल किया गया, तो इसे लेकर आज झारखंड विधानसभा में बहुत हंगामा हुआ। भारतीय जनता पार्टी ने इस विषय पर आज विधानसभा में भीतर और बाहर दोनों स्थानों पर प्रदर्शन किया
यह समस्या मजहबी वर्चस्व की है। इसमें लड़कियों को जबरन किसी न किसी तरीके से धर्म परिवर्तन के लिए बाध्य किया जाता है। नाम बदलकर इन कट्टरपंथीतत्वों के हाथों फंसी लड़कियों की पीड़ाएं इस तरीके से विमर्श में नहीं आ पाती हैं कि उनकी मृत्यु आखिर किस विचार के चलते हुई है?
यह भी नहीं कि घटनाएं थमने का नाम ले रही हैं। आज ही उत्तर प्रदेश से एक ऐसी सूचना सामने आई है जिसमें एक युवती को अपहरण करके ले जाया जा रहा था।हालांकि पुलिस की तत्परता से युवती बच गयी है और अनरगंज निवासी युवक ओवैस को हिरासत में ले लिया गया है।
मीडिया के अनुसार “एसीपी स्वरूप नगर मृगांक शेखर पाठक ने बताया कि लल्लनपुरवा आजाद नगर निवासी ओम प्रकाश यादव ने बेटी के अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई थी। नवाबगंज पुलिस ने जांच शुरू की तो सामने आया कि युवती कोचिंग जाने की बात कहकर घर से निकली थी, लेकिन लौटकर नहीं आई।
कॉल डिटेल में सामने आया कि रामचंदी का हाता अनवरगंज निवासी मो। वकार के संपर्क में थी। पुलिस ने वकार की डिटेल खंगाली तब पता चला कि वह किसी युवती के साथ सूरत के लिए फजलगंज की एक निजी ट्रैवेल्स एजेंसी की बस से निकला है।
इस घटना में युवती का सकुशल बच जाना एक उपलब्धि है। मगर ऐसा रोज हो रहा है हर क्षण हो रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे लगभग हर हिन्दू लडकी पर इनकी नजर है। ऐसा क्यों किया जा रहा है? आखिर ऐसी क्या मानसिकता है जो मजहब में न आने पर इस हद तक बेचैन कर देती है कि इंकार करने वाली को मार ही डाला जाए? रिबिका को धर्म न बदलने को लेकर मार डाला गया?
और वह भी इस हद तक खौफनाक तरीके से?
मगर जिसमें मुस्लिम लड़की हो और हिन्दू लड़का, उसमें भी कहीं न कहीं हिन्दू पक्ष ही मारा जाता है। जैसा पिछले दिनों दिल्ली में हुआ था। दिल्ली में पिछले दिनों 55 वर्षीय गीता शर्मा की हत्या तीन लोगों ने गोली मार कर कर दी थी। चूंकि गोली मारने वाले युवा सीसीटीवी में कैद हो गए थे, तो वह पकडे गए।
इस घटना में गीता शर्मा की बहू के मायके वाले शामिल थे, जो मुस्लिम थे। गीता शर्मा के बेटे दीपक शर्मा ने मुस्लिम युवती सितारा से डेढ़ साल पहले शादी कि थी और उसके बाद उन दोनों में बहुत लड़ाई झगड़ा होता था। इससे दुखी होकर गीता शर्मा ने अपने बेटे से कहा था कि वह कहीं और जाकर रहे।
दीपक के भाई धर्मेन्द्र ने आरोप लगाया कि सितारा के परिवार वाले चाहते थे कि वह इस्लाम में आ जाए और वह उसे धमकी भी दे रहे थे, मगर दीपक ने ऐसा करने से इंकार कर दिया था तो यह गोलीबारी काण्ड हुआ।
हालांकि पुलिस का ऐसा मानना नहीं है। पुलिस के अनुसार सितारा अपने मायके से एक ही दिन पहले लौटी थी, तो कहा जाता है कि कुछ पैसे और गहने ले आई थी, जिसके चलते उसके भाई गुस्सा थे और वह उसे अपनी चीजें लौटा देने के लिए कहते थे।
वहीं एक स्थानीय यूट्यूब चैनल arpan news ने गीता शर्मा के घर का दौरा किया और गीता की भतीजी से बात की।
इस वीडियों में कई बातें स्पष्ट होती हैं कि क्या चल रहा था। कुछ भी कारण रहा हो, चाहे रिबिका दिलदार के हाथों मारी जाए या फिर गीता शर्मा की हत्या आमिर, नावेद, सलमान करें, मरना हिन्दू को ही है! ऐसे न जाने कब तक चलता रहेगा? क्या इन्हें सामान्य अपराध मानकर ही प्रबंधित किया जाएगा? या फिर वास्तव में समस्या की जड़ को समझकर उसका उपचार किया जाएगा?