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Friday, March 29, 2024

अब रामनवमी पर शोभायात्रा भी हुई भड़काऊ और साम्प्रदायिक? जगह जगह हुई पत्थरबाजी, शोभायात्राओं पर हुआ हमला

भारत जैसा देश खोजना बहुत ही मुश्किल होगा जहाँ पर प्रभु श्री राम के जन्मदिवस पर अवकाश की व्यवस्था तो है ही नहीं बल्कि अब तक प्रभु श्री राम का नारा भी भड़काऊ की श्रेणी में आ रहा है, श्री राम नवमी पर प्रभु श्री राम की शोभायात्रा पर जो भी हमले हुए हैं, उनमें यही आरोप लगाया जा रहा है कि उसमें भड़काऊ नारे थे, इसलिए पत्थरबाजी कर दी गयी।

परन्तु यह एक प्रश्न उठ सकता है कि यदि नारे भड़काऊ थे तो अचानक से ही पत्थरबाजी के लिए पत्थर कहाँ से आए और अचानक से ही आगजनी के लिए आग कैसे आ गयी? यह एक बड़ा प्रश्न है, जिसका उत्तर किसी के भी पास नहीं है? क्योंकि उत्तर दरअसल है ही नहीं! जो भी है अब सब बहाने से हैं, हिन्दुओं के पर्व को दिनों दिन नष्ट करने का और साम्प्रदायिक ठहराने का प्रयास किया जा रहा है। यह एक इतने सुनियोजित तरीके से हो रहा है कि इसकी आहट भी पता नहीं लगी है।

खैर, जो लोग बार बार यह कहते हैं कि हिंसा का कारण हिन्दुओं का उग्र होना है, वह कभी छत पर रखे गए पत्थरों की संख्या पर उंगली नहीं उठाते हैं। कल रामनवमी पर एक नहीं कई स्थानों पर पत्थरों से शोभायात्रा का स्वागत किया गया। आगजनी की गयी और इतना ही नहीं अब यह पता चल रहा है कि अचानक कुछ नहीं था।

मध्यप्रदेश में खरगोन में हिंसा हुई,

भास्कर के अनुसार खरगोन में रामनवमी पर उपद्रव अचानक नहीं हुआ। उपद्रवियों ने इसकी पूरी तैयारी कर रखी थी। उन्होंने घरों की छतों पर पत्थर और पेट्रोल बम जमा कर रखे थे। रविवार को श्रीराम शोभायात्रा तालाब चौक की तरफ बढ़ी तो पथराव शुरू हो गया। उपद्रवी ताबड़तोड़ पत्थर बरसाने लगे। शहर के 6 से ज्यादा स्थानों पर पथराव और 30 से ज्यादा दुकान-मकान में आगजनी हो गई। लोग घरों में फंसे तो नेताओं और पुलिस को फोन लगाकर बचाओ-बचाओ चिल्लाते रहे। देर रात आनंद नगर, संजय नगर मोतीपुरा में घर फूंक दिए।

आधी रात तक यह हमले चलते रहे:

परन्तु यह योजनाबद्ध तरीके से किये गए हमले कभी भी उन्हें दिखाई नहीं देते हैं, जो बार बार हिन्दुओं को ही गाली देने का कार्य करते हैं। इसी बीच खरगोन ही नहीं बल्कि गुजरात में भी हिन्दुओं पर पत्थरबाजी हुई, और वाहनों एवं दुकानों में भी जमकर तोड़फोड़ हुई।

गुजरात के हिम्मत नगर में और आणंद में रामनवमी के दौरान शोभायात्रा पर पथराव किया गया और जमकर वाहनों में तोड़फोड़ की गयी।

गुजरात से ही एक समाचार आया था, जिसमें मंदिर को रोजेदारों के लिए खोल दिया गया था। परन्तु उसी गुजरात में हिन्दुओं को शोभायात्रा निकालने पर पत्थरों का सामना करना पड़ रहा है!

झारखण्ड में भी यही पैटर्न दोहराया गया

झारखण्ड के लोहरदगा जिले में रविवार को रामनवमी के अवसर पर हिराही-हेंदलासो गांव में पथराव और आगजनी की गयी।

इतना ही नहीं दिल्ली में जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में भी हिंसा के समाचार आए। हम प्रयास कर रहे हैं कि अपने पाठकों के लिए वहां से छात्रों के अनुभव उपलब्ध करा सकें। फिर भी जो भी मीडिया में समाचार आ रहे हैं उसके अनुसार रामनवमी को लेकर एबीवीपी और लेफ्ट के छात्रों के बीच झगड़ा हुआ और फिर मारपीट भी हुई।

दैनिक जागरण के अनुसार “जेएनयू के कावेरी हास्टल में पूर्व छात्रों के द्वारा रामनवमी की पूजा की जा रही थी। वहीं वामपंथी विचार धारा से जुड़े छात्र संगठन पूजा नहीं होने देना चाह रहे थे। हालांकि पूजा शांति से हो गई। वहीं, पूजा नहीं रोक पाने पर वामपंथी छात्र संगठनों ने नॉन वेज खाने से रोकने का मुद्दा उठाया। बताया जा रहा है कि कावेरी हॉस्टल के मेनू में नॉन वेज और वेज दोनों शामिल है। एबीवीपी के कार्यकर्ता रविवार को नॉन वेज खाने बनाने और खाने से रोक रहे थे।“

जब एक बड़ा वर्ग हिन्दुओं को यह सलाह देता है कि हिन्दुओं को दिलबड़ा करके अजान की आवाज और हलाल मांस को स्वीकार करना चाहिए तो ऐसे में यह बहुत महत्वपूर्ण है कि क्या वह एक दिन नॉन-वेज नहीं छोड़ सकते? क्या वह दिल बड़ा नहीं कर सकते?

क्या दिन में पांच बार अजान की आवाज सुनाने वाला समुदाय वर्ष में एक दिन के लिए दिल बड़ा नहीं कर सकता और शोभायात्रा नहीं निकलने दे सकता?

यह सब प्रश्न है जो पूछे जाने चाहिए? पर पूछे नहीं जाएंगे क्योंकि यह सुनियोजित हमले हैं, और इन्हें हलके में लेना एक बहुत ही बड़ी गलती होगी। जैसा भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने भी कहा है:

एक और प्रश्न उठता है कि क्या यह स्वाभाविक है या वास्तव में किसी बड़ी घटना का पूर्वाभ्यास हैं? यह आकस्मिक घटनाएं नहीं हैं, यह पूर्वनियोजित षड्यंत्र है। जनता इस बात को लेकर प्रश्न कर रही है कि यह सब पूर्वनियोजित नहीं हो सकता है। जिन्होनें भी ऐसा किया है, उन्हें चिन्हित करके कड़े से कड़ा दंड देने की आवश्यकता है!

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