भारत में इन दिनों एक नया चलन दिख रहा है, जहाँ हिन्दुओं के देवी देवता और उनकी संस्कृति पर अशोभनीय टिप्पणियां की जाती हैं, लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नहीं होती। वहीं दूसरी तरफ अगर कोई एक मजहब और उनके पैगम्बर के बारे में उनके मजहबी लेखों में लिखी बातों को बता दे तो एक ‘सर तन से जुदा’ गिरोह उसकी जान के पीछे पड़ जाता है। और सबसे बड़ी बात है कि ऐसी परिस्थिति में शासन और प्रशासन भी पीड़ित की किसी भी प्रकार से सहायता नहीं करता।
पिछले ही दिनों हमने देखा कि कैसे भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गयी कथित विवादित टिप्पणी के बाद इस्लामिक मुल्कों ने उनकी आलोचना की। दुनियाभर के इस्लामिक संगठन, मजहबी संस्थाओं, और यहां तक कि कट्टर इस्लामिक आतंकवादी संगठनों ने भी उनकी और भारत सरकार की आलोचना की थी। इसके पश्चात भाजपा ने नूपुर शर्मा को निष्कासित कर दिया था। इस ‘विवादित’ वक्तव्य के कारण नूपुर के विरुद्ध देशभर में कई एफआईआर दर्ज हुई थी।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे, जो अपनी स्पष्टवादिता के लिए पहचाने जाते हैं, उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के विरुद्ध कथित टिप्पणी की वजह से निलंबित भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन किया किया है। उन्होंने कहा कि विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक ने यही बातें पहले कही थीं, लेकिन किसी ने उससे माफी की मांग नहीं की।
उन्होंने हिंदू देवताओं के नामों का उपहास करने पर ‘ओवैसी बंधुओं’, एमआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी और अकबरुद्दीन ओवैसी को भी आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी के भाई ने कहा था कि हमारे देवी देवताओं के नाम मनहूस हैं, वहीं विख्यात कवि इकबाल ने भी विवादित बयान दिया था। इसके बावजूद किसी ने क्षमा नहीं मांगी और ना उन पर कोई कार्यवाही ही हुई थी।
सोशल मीडिया के प्रभावी व्यक्तित्व अंशुल सक्सेना ने एक ट्वीट में ओवैसी द्वारा की गयी आपत्तिजनक टिप्पणियों का संकलन किया है। इसमें दिखाया गया है कि इन दोनों भाइयों ने किस तरह हिन्दुओं और उनके देवी देवताओं पर अत्यंत आपत्तिजनक वक्तव्य दिए हैं, लेकिन उन पर आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है। वहीं दूसरी ओर नूपुर शर्मा और अब घोशमहल के विधायक राजा सिंह पर कानूनी कार्यवाही हो रही है, उससे तो यही सन्देश जा रहा है कि देश में हिन्दुओं के देवी देवताओं का कोई सम्मान ही शेष नहीं रह गया है।
सोशल मीडिया के प्रभावी व्यक्तित्व अंशुल सक्सेना ने एक ट्वीट में ओवैसी द्वारा की गयी आपत्तिजनक टिप्पणियों का संकलन किया है। इसमें दिखाया गया है कि इन दोनों भाइयों ने किस तरह हिन्दुओं और उनके देवी देवताओं पर अत्यंत आपत्तिजनक वक्तव्य दिए हैं, लेकिन उन पर आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है। वहीं दूसरी ओर नूपुर शर्मा और अब घोशमहल के विधायक राजा सिंह पर कानूनी कार्यवाही हो रही है, उससे तो यही सन्देश जा रहा है कि देश में हिन्दुओं के देवी देवताओं का कोई सम्मान ही शेष नहीं रह गया है।
यह भी देखना महत्वपूर्ण है कि नूपुर शर्मा ने आखिर कहा क्या था क्योंकि पाकिस्तान के एक बड़े मुस्लिम उपदेशक ने भी स्वीकार किया है कि नूपुर ने कोई ‘ईशनिंदा’ नहीं की थी, बल्कि केवल मुस्लिम धर्मग्रंथ में लिखी बातों को ही बताया है। वह भी तब जब उन्हें भड़काया जा रहा था, उनके आराध्य भगवान् शिव और शिवलिंग के बारे में भद्दी टिप्पणियां की जा रही थी।