अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में नस्लवाद एक बहुत बड़ी सामाजिक समस्या है, और एशियाई मूल के लोगों को तो आम तौर पर विदेशों में इस समस्या से दो चार होना ही पड़ता है। वैसे तो यह नस्लवादी संगठन स्थानीय होते हैं, जो रंगभेद के कारण अश्वेत और एशिया के लोगो पर हमले करते थे। लेकिन पिछले कुछ समय में यह देखने में में आ रहा है कि पाकिस्तानी, इस्लामिक और खालिस्तानी तत्वों ने भी इस तरह के नस्लवादी संगठन बना लिए हैं, और इनका उद्देश्य है विदेशों में रहने वाले भारतीयों पर हमले करना।
पिछले कुछ महीनों में इन देशों में नस्लवादी टिप्पणियों और मंदिरों में तोड़फोड़ करने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। 28 अगस्त को भारत-पाकिस्तान टी-20 क्रिकेट मैच में पाकिस्तान की शर्मनाक हार के बाद हिन्दुओं पर नस्लीय हमलों की खबरें आ रही हैं। पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश इस्लामी गिरोहों ने ब्रिटेन के लीसेस्टर के एक हिंदू बहुल इलाके में लोगों के घरों में तोड़फोड़ की और उन्हें आतंकित भी किया। सोशल मीडिया पर 29 और 30 अगस्त को हुए हमलों के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं।
ऐसे ही एक वीडियो में एक गिरोह कारों में तोड़फोड़ करते हुए एक युवक को धक्का देता हुआ दिख रहा है। हमलावरों में से एक के पास चाकू है, जबकि दूसरे ने एक हिंदू के घर से धार्मिक भगवा झंडा उखाड़ रखा है। ऊपर अपने घर से वीडियो शूट करने वाला एक हिंदू परिवार पुलिस को फोन करते हुए कह रहा है कि “20 लोग मेरे घर पर हमला कर रहे हैं , चाकुओं के साथ, हमे तत्काल सहायता की आवश्यकता है।”
एक अन्य वीडियो में दिख रहा है कि कट्टर इस्लामिक भीड़ आपत्तिजनक नारे लगा रही है। वह लोग ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’, ‘मोदी कुत्ता है’, और ‘अल्लाह-ओ-अकबर’ के नारे लगा रहे हैं। वहीं एक दंगाई कह रहा है कि वह लोग “मुशरिकों के इस पूरे ब्लॉक पर दबाव डाल रहे हैं”। मुशरिक एक अरबी शब्द है जो बहुदेववादियों, गैर-मुस्लिमों या ‘मूर्तिपूजकों’ के लिए उपयोग किया जाता है, यह एक अपमानजनक शब्द है जो इस वीडियो में हिन्दुओं के लिए उपयोग किया जा रहा है।
एक अन्य वीडियो में मुस्लिम पुरुषों का एक समूह किसी ऐसे हिन्दू व्यक्ति को गालियां देते हुए दिखाई दे रहा है, जिसे पुलिस उनसे बचाने का प्रयत्न कर रही है। पुलिसकर्मी “वापस जाओ” चिल्लाते हैं लेकिन भीड़ खतरनाक रूप से आगे बढ़ती रहती है। अंत में, पुलिस के कुत्तों को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाया जाता है। वीडियो का अंत भीड़ के नारे के साथ होता है “नार-ए-तकबीर, अल्लाह-ओ-अकबर” । क्या यह लोग इस हिन्दू व्यक्ति की लिंचिंग करना चाहते थे?
हिंसा और आक्रामक धार्मिक नारेबाजी के इनमें से अधिकांश दृश्य शहर के बेलग्रेव इलाके में सामने आए। लीसेस्टरशायर पुलिस ने कहा कि वह इस जिहादी भीड़ द्वारा लगाए गए नारों और संबंधित हिंसा को ‘घृणा अपराध’ के रूप में देख रही है। पुलिस ने बेलग्रेव, रुशे मीड और स्पिनी हिल्स के इलाकों में विशेष रोक और तलाशी अभियान चलाया है। आस्था समुदायों के बीच एक आपात बैठक भी बुलाई गई है। इस घटना में एक स्थानीय पुलिस कर्मचारी भी चोटिल हुए हैं।
यह घटना एशिया कप के 28 अगस्त के टी-20 ग्रुप मैच में पाकिस्तान के विरुद्ध भारत की जीत के बाद शुरू हुई है। लीसेस्टर के बेलग्रेव इलाके की सड़कों पर भारतीय मूल के हिंदू भारतीय ध्वज लहराकर, कार के हॉर्न बजाकर और ढोल पर नाचकर जीत की ख़ुशी मनाने के लिए उमड़ पड़े थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि किसी अवांछनीय व्यक्ति ने भारतीय झंडे पर कोई मुहर लगा दी, जिसके कारण स्थानीय भारतीय लोगो में रोष था, और उन्होंने पाकिस्तानी विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिए थे। उस व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन बाद में छोड़ दिया गया।
खालिस्तान समर्थक ब्रिटिश पत्रकार सनी हुंडल ने इस प्रकरण पर हिंदू विरोधी ट्वीट किया। उसने कहा कि, ‘लीसेस्टर में चरमपंथी हिंदुत्व समूह उपद्रव करते हैं, यह एक चौंकाने वाली बात है”। वहीं एक और गुमनाम हिंदू विरोधी वयक्ति ने ट्वीट किया, “जैसे कि यह भारत में पर्याप्त नहीं था, अब ब्रिटेन में भी यह नाजी प्रेमी (हिन्दू) आ गए हैं, जो विभिन्न समुदायों के बीच सद्भाव को बाधित कर रहे हैं”।
ब्रिटिश मीडिया ने भी 28 अगस्त की घटनाओं को ‘नस्लवादी और आक्रामक पाकिस्तान विरोधी घटना’ के रूप में रिपोर्ट किया, लेकिन जहां तक हम जानते हैं, उसके बाद हुई भयानक हिंदू विरोधी हिंसा की निंदा करने वाली कोई रिपोर्ट मीडिया ने नहीं दिखाई है। ऑस्ट्रेलियाई हिंदू मानवाधिकार कार्यकर्ता और पीएचडी स्कॉलर सारा गेट्स ने ब्रिटिश पाकिस्तानी हैंडल द्वारा साझा किए जा रहे कट्टर इस्लामिक और हिंदू विरोधी संदेशों के प्रति सचेत रहने को कहा है।
उन्होंने यह भी ट्वीट किया कि कैसे हिंदू समुदाय कहानी के अपने पक्ष को प्रस्तुत करने में पिछड़ रहा है: “मुस्लिम प्रचारकों ने अपनी भूमिका को छोड़ते हुए ब्रिटेन के हिंदुओं को हिंदुत्व चरमपंथियों के रूप में चित्रित किया है। हिंदू मीडिया प्रवक्ता, पुलिस संपर्क, सामाजिक सामंजस्य और सामुदायिक सुरक्षा अधिकारी कहां हैं? जमीन पर आउटरीच कार्यकर्ता दस्तावेजीकरण और रिपोर्ट क्यों नहीं ले रहे हैं?”
यह बड़ी ही चिंताजनक स्थिति है, क्या अब विदेशों में भी हिन्दू सुरक्षित नहीं रह सकते? हमे यह समझना होगा कि किस तरह से इस्लामिक संगठन इन देशों में पैर फैला रहे हैं, और इनकी सहायता के लिए खालिस्तानी और अन्य भारत विरोधी तत्व भी होते हैं। इनका एकमात्र ध्येय है भारतीयों और खासकर हिन्दुओं पर हमले करना और उन्हें देश छोड़ने के लिए विवश कर देना। हिन्दू समाज और भारतीय सरकार को इस विषय पर गंभीरता से योजना बना कर उचित कार्यवाही करनी ही होगी।
Just see how Islamic violence is fast spreading in Europe. Today Hindu properties have been vandalized, tomorrow there will be genocide –mass killing of the Hindus. There was no arrest. The soft stance exhibited by British police shows that Muslims can attack any Hindu there. They have waged an organized crime. Chanted slogans to kill the Hindus. Gradually, this Jihadist sentiment will grow in proportion and eventually spell disaster to Britons themselves. It seems that Hindus are not safe, even in their colony, in Britain.