HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
20.3 C
Sringeri
Friday, March 24, 2023

कश्मीर में फिर एक कश्मीरी पंडित संजय शर्मा की हत्या: जारी है जीनोसाइड और इसे नकारे जाने का क्रम भी

जहां एक ओर सरकार इस बात को लेकर अपना दृष्टिकोण एकदम दृढ किए हुए है कि प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत कार्य कर रहे कश्मीरी हिन्दुओं को घाटी में वापस जाना ही होगा तो वहीं कश्मीर में हिन्दुओं की हत्याएं जारी हैं। कल अर्थात 26 फरवरी को भी एक कश्मीरी हिन्दू संजय शर्मा की हत्या कर दी गयी।

संजय शर्मा की हत्या इसलिए और भी परेशान करने वाली है क्योंकि संजय शर्मा न ही पुलिस कर्मी थे और न ही किसी प्रकार से सैन्य कर्मी थे, वह मात्र एक निजी सुरक्षा कर्मी थे। कश्मीर पुलिस के अनुसार जब वह स्थानीय बाजार में जा रहे थे, तो उन पर हमला हुआ, परन्तु उनके प्राणों की रक्षा नहीं हो सकी

दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकियों ने बैंक सुरक्षा कर्मी संजय शर्मा की हत्या कर दी गयी। इस घटना के बाद से एक बार फिर कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा पर प्रश्न खड़े हो गए हैं। इसी के साथ ही फिर से वही प्रश्न ताजा हो गए हैं कि आखिर कैसे बिना सुरक्षा की गारंटी के कश्मीरी पंडित वापस चले जाएं।

संजय शर्मा की हत्या उन कथित बुद्धिजीवियों के कुतर्कों को भी खोखला करती है कि कथित आतंकवादी केवल सेना और पुलिस कर्मियों का विरोध करते हैं क्योंकि वह अत्याचार करते हैं। तो फिर संजय शर्मा की हत्या क्यों कर दी गयी?

घाटी में लगातार आतंकी घटनाएँ बढ़ रही हैं। अभी हाल ही में कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों ने गोलीबारी कर एक पूर्व पंच को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। घायल आसिफ अली गनी अस्पताल में उपचारा चल रहा है। घायल के पिता अली मोहम्मद गनई पुलिस में हेडकांस्टेबल थे। आतंकियों ने 29 जनवरी 2022 की शाम गोली मार उनकी भी हत्या कर दी थी।

वहीं जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी मृतक संजय शर्मा के परिवार से मिलकर सांत्वना व्यक्त की और उन्होंने इस हमले की निंदा की एवं यह आश्वासन दिया कि दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा

भारतीय जनता पार्टी ने भी उपराज्यपाल से मांग की कि वह कड़े से कडा कदम उठाएं क्योंकि इन आतंकी घटनाओं से तीन वर्षों से घाटी में किए जा रहे उनके प्रयासों पर पानी फिर रहा है।

कल कश्मीर में आतंकियों के हाथों मारे गए संजय शर्मा का आज नम आँखों से अंतिम संस्कार कर दिया गया।

संजय शर्मा की पांच वर्ष की बेटी दीक्षा की प्रतीक्षारत आँखें आज कई लोगों ने अपने सोशल मीडिया पर साझा कीं। इन आँखों में पिता की प्रतीक्षा है, परन्तु वह कभी पूरी नहीं होगी। इस घटना को लेकर एक बार फिर से लोग सदमे में हैं

दीक्षा की आस टूट गयी है! परन्तु ऐसे ही न जाने कितने परिवार हैं उनकी आस भी इन आतंकियों के चलते टूट गयी है। यह आतंकी हर उस व्यक्ति से घृणा करते हैं, जो हिन्दू भारत से प्यार करता है। जो ऋषि कश्यप के कश्मीर से प्रेम करता है।

संजय शर्मा की हत्या की जिम्मेदारी कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स समूह ने ली है और जिसने कहा है कि उन्हें घाटी में किसी भी कश्मीरी पंडित, हिन्दू या भारत से पर्यटक नहीं चाहिए।

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वह और भी हमलों से चौंकाते रहेंगे

कश्मीर फाइल्स का निर्देशन करने वाले विवेक अग्निहोत्री ने ट्वीट करके कहा कि वह जी सिने अवार्ड्स में मिले सम्मान को संजय शर्मा को समर्पित करते हैं, जिन्होनें कश्मीर में मजहबी आतंक के चलते अपने प्राणों का बलिदान दिया!”

यही दुर्भाग्य है कि बलिदान के विमर्श में तो हिन्दू है, परन्तु पीड़ा के विमर्श से हिन्दू गायब हो गया है। संजय शर्मा भी उन्हीं असंख्य बलिदानियों में सम्मिलित हो गए हैं, जिन्हें उनके धर्म के चलते अपने प्राणों से हाथ धोना पड़ा क्योंकि उनके धर्म के ऋषि कश्यप के नाम पर बसे कश्मीर में अब उस “कश्मीरियत” का निवास हो गया है, जिसमें कश्मीर के मूल निवासी कश्मीरी पंडितों के लिए स्थान ही नहीं हैं।

वह अब “माइग्रेंट” हो गए हैं! वह अपनी ही भूमि के लिए प्रवासी हो गए हैं, प्रश्न यही उठता है कि प्रवासन का यह सिलसिला अंतत: कहाँ जाकर रुकेगा?

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.