पाकिस्तान से एक बार फिर से हिन्दू लड़की के अपहरण और मतांतरण की सूचना आ रही है और हर बार की तरह पुलिस का यही कहना है कि उसने खुद अपनी मर्जी से इस्लाम कुबूल किया है। हालांकि मीडिया में आ रही उसकी उम्र के समाचार और सोशल मीडिया पर आ रहे उम्र के समाचारों में कुछ अंतर है, परन्तु लड़की का अपहरण हुआ है और उसका जबरन मजहबीकरण भी कराया गया है।
जहां मीडिया में उसकी उम्र 17 वर्ष बताई जा रही है तो वहीं सोशल मीडिया उसकी उम्र को लेकर 15 वर्ष तक बात कर रहा है।
मीडिया के अनुसार नाबालिग लड़की मीरपुर ख़ास से नौकोट की रहने वाली थी, परिवार वालों का कहना है कि वह अपनी बेटी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए गए थे, मगर पुलिस ने उनकी बात नहीं सुनी।
परिजनों का कहना है कि किशोरी 15 फरवरी को घर से अपने छोटे भाई के साथ सब्जी लेने के लिए निकली थी। और भाई का कहना था कि जब वह लोग बाजार में थे तो दो लड़कों ने उसकी बहन पर कुछ टिप्पणियाँ कीं और फिर उसे जबरन अपने साथ ले गए।
वहीं पीड़िता के पिता रमेश भील का कहना है कि जब वह लोग शिकायत दर्ज करने के लिए गए तो पुलिस ने उनकी ओर से कोई भी मामला दर्ज करने से इंकार कर दिया। पुलिस का कहना था कि लड़की अपने मन से उस लड़के के साथ गयी है, और फिर 19 फरवरी को पुलिस ने लड़की के पिता रमेश भील को बुलाया और एक निकाहनामा उनके हाथों में सौंपकर कहा कि उनकी बेटी ने अपनी मर्जी से शादी कर ली है।
स्थानीय मीडिया का कहना है कि उसने फोन करके यह खुद यह कुबूला कि उसने इस्लाम क़ुबूल कर लिया है और अब वह राउफ के परिवार के साथ ही उमरकोट में रहना चाहती है।
वहीं रमेश भील को अब यह डर है कि वह अपनी बेटी से कभी नहीं मिल पाएँगे क्योंकि जैसे ही वह तीन महीने बाद 18 वर्ष की होगी तो वह लोग उसके अपहरणकर्ता के साथ उसका निकाह कर देंगे!
पाकिस्तान में आए दिन ऐसे समाचार आते रहते हैं। शायद ही कोई सप्ताह ऐसा जाता हो जिसमें यह होता हो कि किसी हिन्दू लड़की का अपहरण नहीं हुआ हो।
18 फरवरी को ही एक हिन्दू युवती अनीता का अपहरण कर लिया गया था और उससे बन्दूक की नोक पर निकाहनामे पर हस्ताक्षर करवाए गए थे, लड़की ने बताया था कि उसका जबरन निकाह पढवाया गया है
ऐसा नहीं है कि केवल लड़कियों के साथ ही ऐसा अन्यायपूर्ण कार्य हो रहा है। अभी हाल ही में गरीब हिन्दू बागरी समुदाय पर मुस्लिमों के एक वर्ग ने हमला कर दिया था, जिसमे महिलाओं सहित कई लोग घायल हो गए थे
नारायण दास भील ने सिंध प्रांत से उन हिन्दू लड़कियों का आंकड़ा दिया है, जिनका अपहरण जनवरी 2023 में कर लिया गया था। हालाँकि उनका कहना है कि ऐसे बहुत मामले होते हैं, जिनमें रिपोर्ट नहीं दर्ज की जाती है।
हिन्दुओं के साथ पाकिस्तान में जबरन निकाह, मजहबीकरण एवं अन्य प्रकार शोषण के मामले बढ़ते जा रहे हैं परन्तु विश्व में कहीं पर भी पाकिस्तान के हिन्दुओं की पीड़ा पर बात नहीं होती है, कहीं पर भी यह बात नहीं उठती है कि विश्व में अल्पसंख्यक समुदाय, जिनके लिए एक भी देश नहीं है, कोई स्थान नहीं है, उनके लिए न्याय की बात की जाए? यूएन से लेकर हर संस्था में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों पर चर्चा नहीं होती।
उनकी पीड़ा ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे विमर्श से बाहर की पीड़ा है, जिसे कोई समझना नहीं चाहता है और जिसे कोई देखना नहीं चाहता है।
The rule of the outlaws is the order of the day in Pakistan. It continues unabated since the very inception of this country. So little wonder why minorities will be denied justice, social protection, and freedom of life in Pakistan.