उत्तर प्रदेश में चुनाव निकट आते ही वह सभी मौसमी नेता अपने हर दांव खेलने लगे हैं, जिनके आधार पर वह जनता को भ्रमित कर पाएं। ऐसे में उनका मंदिर टूरिज्म चालू हो गया है। कारसेवकों पर गोली चलाने वाली समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव इन दिनों मंदिरों में नज़र आ रहे हैं, वह हर दिन अपनी किसी न किसी मन्दिर की तस्वीर पोस्ट कर रहे हैं। और इतना ही नहीं चुनाव आते ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी वैष्णो देवी माँ के दरबार में गए ही नहीं, बल्कि स्वयं को कश्मीरी हिन्दू भी कह आए।
अब इस कड़ी में सबसे नया नाम है आम आदमी पार्टी के नेताओं का। आज दिल्ली में शिक्षा मंत्री अयोध्या जी के दर्शन करने गए और आशीर्वाद मांगा। यह वही आम आदमी पार्टी है, जिसके मुखिया अरविन्द केजरीवाल मंदिर को अनावश्यक बता चुके थे।
अरविन्द केजरीवाल ने कहा था कि यदि जवाहर लाल नेहरू आदि ने मंदिर की बात की होती तो बीएचईएल, आईआईटी का निर्माण नहीं हुआ होता। बीएचईएल और आईआईटी ही देश निर्माण का आधार हैं, मंदिर नहीं।
इतना ही नहीं, मनीष सिसौदिया भी मंदिर को अनावश्यक बता चुके थे।
मनीष सिसौदिया ने कहा था कि राम मंदिर के स्थान पर स्कूलों की जरूरत है। स्कूल में ऐसे सिद्धांत दिया जाए, जिनसे प्रभु श्री राम के सिद्धांतों का पालन किया जा सके।
वहीं आज प्रभु श्री राम जी के मंदिर में दर्शन करने वाले संजय सिंह तो “हवा में उड़ गए जय श्री राम” कह चुके हैं
प्रश्न यह है कि पहले तो मुस्लिम वोटों के लिए हर स्थिति में राम मंदिर निर्माण का विरोध करने वाले लोग अब दिन रात राम मंदिर के दर्शन के लिए क्यों तड़प रहे हैं और क्यों बार बार उसी अयोध्या जी में राम मंदिर में बार बार जाने की हुड़क उनके दिल में उठ रही है, जहाँ पर यह लोग मंदिर के स्थान पर अस्पताल या विश्वविद्यालय बनाने की मांग कर चुके हैं।
अरविन्द केजरीवाल हों या मनीष सिसौदिया, या फिर संजय सिंह, उनके द्वारा देश तोड़ने वाली शक्तियों का साथ देने के कारण संत समाज में भी आक्रोश है। मनीष सिसौदिया के अयोध्या जाने के समाचार पर तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने आम आदमी पार्टी की तिरंगा यात्रा को काला झंडा दिखाने की घोषणा की है।
वहीं हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास ने उनकी मंशा पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि जो बाबरी मस्जिद और बाबर के पक्षधर थे, उन सभी विरोधियों को मोदी जी एक मंच पर ले आए हैं। संतो ने एक स्वर में यह माना है कि महज वोट लेने के लिए आम आदमी पार्टी अयोध्या आकर तिरंगा यात्रा और राम की शरण में आने का नाटक कर रही है।
न्यूज़18.कॉम के अनुसार हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि जब हम लोगों को जरूरत थे, तब यही मनीष सिसौदिया कहा करते थे कि मंदिर का क्या काम। तो वहीं सरयू नदी में आरती कराने वाले शशिकांत दास का भी ऐसा ही मत है कि यह राजनीतिक स्टंट है। उन्होंने कहा कि जो भगवान राम को काल्पनिक कहते थे, जो राम के अस्तित्व को नकारते थे। उनके मन में न तो कहीं श्रद्धा है न ही भगवान के प्रति कोई विश्वास है। ये केवल राजनीतिक वोट लेने के लिए भगवान की शरण में जा रहे हैं।
ट्विटर पर भी लोगों के मन में आम आदमी पार्टी के इस राजनीतिक स्टंट के प्रति गुस्सा है और लोग मनीष सिसौदिया के पुराने वीडियो दिखाकर पूछ रहे हैं कि राम मंदिर के स्थान पर स्कूल का पक्ष रखने वाले लोग आज मंदिर में क्यों जा रहे हैं?

वहीं यह भी नहीं भूलना चाहिए कि जहाँ एक ओर राम मंदिर के लिए चंदे के अभियान का भी इन्हीं राजनीतिक दलों ने विरोध किया था और साथ ही मंदिर के ट्रस्ट पर भी घपले का आरोप लगाया था।
यही मनीष सिसौदिया जो आज खुद को रामभक्त स्थापित करने गए थे, उन्होंने ही राममंदिर ट्रस्ट पर कथित खुलासे को लेकर तमाम बातें कहीं थीं। और हर मूल्य पर राममंदिर निर्माण को घोटाले में घसीटने का गन्दा प्रयास किया था। लोगों के मन में यह अविश्वास भरने की गन्दी चाल थी कि मंदिर में घोटाला हो रहा है।
स्पष्ट है कि कल तक राम मंदिर को काल्पनिक, प्रभु श्री राम को काल्पनिक बताने वाले लोग हिन्दुओं की एकजुटता को तोड़ने के लिए राम मंदिर के दर्शन करने जाएंगे और हिन्दुओं को इस मंदिर टूरिज्म से प्रभावित करने का षड्यंत्र रहेंगे।
अरविन्द केजरीवाल अतीत में खुद को रामभक्त घोषित कर चुके हैं: तो वहीं पूर्व में वह हनुमान जी को अपमानित भी कर चुके थे
परन्तु वोट पाने की निर्लज्जता होती ही ऐसी है कि एक समय में जिसका विरोध करे, उसी के पैरों में ले जाए! और यह इस समय आम आदमी पार्टी के नेताओं की स्थिति है, जो कल तक राम मंदिर के स्थान पर कुछ भी बनाने की बात करते करते आज प्रभु श्री राम की शरण में पहुँच गए है,
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