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Thursday, April 25, 2024

रुपाली का बुर्के से इंकार, तकरार और इकबाल द्वारा गला रेता जाना: और भारत के फेमिनिज्म का कट्टरता के समक्ष समर्पण कर देना

कल अर्थात 26 सितम्बर को ही केरल के कोज़िकोड़े में एक स्कूल से एक छात्रा ने इस बात को लेकर अपना नाम वापस ले लिया क्योंकि उसके स्कूल ने उसे स्कूल में हिजाब नहीं पहनने दिया था। और फिर इस बात को लेकर वहां पर हंगामा हुआ है। इस सीमा तक लड़कियों में और कट्टरपंथी वर्ग में हिजाब को लेकर जूनून है। यह जूनून किस बात को लेकर है, या तो पहचान को लेकर या फिर वर्चस्व को लेकर!

मगर इस पूरे मामले की एक और कड़ी आगे आती है, मुम्बई में इकबाल शेख द्वारा उसकी हिन्दू बीवी रूपाली की हत्या के रूप में! यह इस पहचान और लव जिहाद दोनों का ही मिला हुआ रूप है। यह जहाँ पहचान के वर्चस्व का मामला है, तो वहीं यह उस जिद्द का भी मामला है कि कोख पर अधिकार हो गया तो हो गया।

यह मामला है 36 वर्षीय इकबाल मोहम्मद शेख का जिसने अपनी बीवी रूपाली चन्दनशिव की गला रेत कर हत्या कर दी, क्योंकि वह इस्लामी तौर तरीकों से ज़िन्दगी नहीं जीना चाहती थी। शेख और रुपाली की शादी तीन वर्ष पहले हुई थी और उनके एक दो साल का बेटा भी है।

आजतक के अनुसार रूपाली पर इस्लामी तरीके से जीवन जीने का दबाव था और चूंकि वह इस्लामी तौरतरीकों का पालन नहीं करती थी, तो उन दोनों में झगड़ा होता रहता था। इकबाल का पहली बीवी से तलाक हो गया था, क्योंकि उसके बच्चा नहीं हुआ था। रूपाली के साथ लव मैरिज के बाद इकबाल के बेटा हुआ था। मगर रूपाली को बहुत परेशान किया जाता था तो वह पिछले छः महीने से अलग रह रही थी।

उसने तलाक की मांग की थी और रिपोर्ट्स के अनुसार इक़बाल का कहना था कि वह बच्चे के कारण तलाक नहीं देगा, और इसी बीच उनमें कहासुनी हुई और उसने रूपाली का गला रेत दिया। रूपाली की चीख पुकार सुनकर जब तक लोग आते तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

रूपाली के परिवार वालों का साफ़ कहना है कि शादी के पहले दिन से ही शेख और उसका परिवार उस पर इस्लामी रीति-रिवाजों का पालन करने और बुर्का पहनने के लिए दबाव डालता था। हालांकि रूपाली इसके लिए राजी नहीं हुई। इसी बात को लेकर दोनों के बीच अक्सर कहासुनी हो जाती थी और रूपाली अपना वैवाहिक घर छोड़कर पिछले कुछ महीनों से अलग रह रही थी।

तिलक नगर पुलिस स्टेशन के निरीक्षक विलास राठौड़ के अनुसार “26 सितंबर की रात करीब 10 बजे, इकबाल मोहम्मद शेख ने अपनी बीवी का गला काटकर मार डाला। शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपी और उसके परिवार के सदस्य उस पर इस्लामी परंपराओं का पालन करने और मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले कपड़े पहनने के लिए दबाव डालते थे। हालांकि, महिला के ऐसा करने से इनकार करने के बाद पारिवारिक विवाद शुरू हो गया, ” ।

राठौड़ ने कहा कि“वे पिछले कुछ महीनों से अलग रह रहे थे। हालांकि, वे फोन पर बात करते थे और उनके बीच अक्सर झगड़ा हो जाता था। सोमवार को जब दंपति फोन पर बात कर रहे थे तो महिला ने आरोपी से तलाक मांगा लेकिन बाद में उसने इनकार कर दिया। इसके बाद उस व्यक्ति ने अपने बेटे की कस्टडी मांगी जिसका महिला ने विरोध किया। इससे उनके बीच बहस हुई जिसके कारण हत्या हुई ”।

रूपाली की हत्या भी उन्हीं असंख्य हिन्दू लड़कियों की हत्याओं में एक से कड़ी है, जो कोख जिहाद का शिकार होती हैं। यह कहा जा सकता है कि उसने जानबूझकर शादी की, या फिर कुछ और, परन्तु यह समाज की एक बहुत बड़ी विफलता है कि लड़कियों को यह बात धोखा खाने के बाद ही समझ आती है कि कहीं न कहीं उनके साथ छल हुआ है। फिर वह इस छल से बाहर नहीं आ पाती हैं।

दरअसल प्यार, मोहब्बत और इश्क की शेरो शायरी ने कम उम्र की लड़कियों के दिल में शाहरुख, सलमान आमिर आदि की ऐसी तस्वीर बनाई है कि उन्हें ऐसा लगता है कि जैसे उनके इकबाल से बढ़कर शरीफ तो कोई हो ही नहीं सकता, उनसे बढ़कर वफादार तो कोई हो ही नहीं सकता!

कल ही कानपुर से यह मामला सामने आया था कि एक कक्षा 11 के छात्र ने दोस्तों के बहकावे में आकर नमाज पढ़ना शुरू कर दिया था। हिन्दुओं के धार्मिक मामलों एवं धार्मिक आस्थाओं को लेकर जितना छिछला हुआ जा सकता है, उससे भी कहीं अधिक न केवल पाठ्यपुस्तकों बल्कि साहित्य तथा फिल्मों में हो किया जा चुका है, और कहीं न कहीं वह इस हद तक न्यूट्रल हो जाती हैं, कि उनके दिल में उस मजहब के लिए आकर्षण अपने आप उत्पन्न हो जाता है, क्योंकि उन्हें बचपन से “अकबर” महान के रट्टे लगवाए जाते हैं।

परन्तु अकबर महान की कहानियां छिपा ली जाती हैं। ऐसा नहीं है कि लड़कियों को इनकी असलियत नहीं पता होती है। जो लड़की इनकी असलियत को जानकर शादी से इंकार करती है, उसे भी मौत ही मिलती है और चरित्र हनन होता है सो अलग! जैसे निकिता तोमर, जैसे झारखंड की अंकिता आदि!

यह कोख को लेकर जिहाद है, और इससे लड़ने के लिए विमर्श के स्तर पर नई पीढ़ी को इतना मजबूत बनाने की आवश्यकता है कि वह समझ सके सदियों से चले आ रहे इस षड्यंत्र को! और इस बात को भी सभी को समझाना होगा कि यह मात्र एक अपराध नहीं है, यह हिन्दू “जाति” के साथ किया जा रहा षड्यंत्र है, जो जीनोसाइड है!

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