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Monday, June 5, 2023

मुस्लिम मौलानाओं के ‘नफरती भाषण’ पर राजस्थान सरकार और पुलिस की अकर्मण्यता, क्या अपराधियों का मजहब देख सहायता की जा रही है?

भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के कथित विवादित वक्तव्य के बाद उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। राजस्थान में अजमेर के सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती ने भी एक वीडियो जारी किया था, जिसमे वह नूपुर शर्मा की गर्दन लाने वाले को अपना घर ईनाम देने की घोषणा कर रहे थे। इस वीडियो के सामने आते ही देश भर में सलमान चिश्ती को गिरफ्तार करने की मांग उठने लगी।

सामाजिक और राजनीतिक दबाव के आगे झुकते हुए राजस्थान पुलिस को अपराधी को गिरफ्तार करना पड़ा। हालांकि गिरफ्तारी के समय बनाये गए एक वीडियो के वायरल हो जाने पर पता लगा कि यह सब एक खानापूर्ति ही थी, राजस्थान पुलिस तो उल्टा चिश्ती को कानूनी कार्यवाही से बचने के तरीके भी बता रही थी।

इस वीडियो में आप देख सकते हैं, कि कैसे अजमेर पुलिस के अफसर सलमान चिश्ती को पकड़कर ले जा रहे हैं, और उसे सजा से बचने की सलाह भी दे रहे हैं। पुलिस अफसर चिश्ती से पूछ रहे हैं कि क्या उसने वीडियो बनाते हुए नशा किया हुआ था, जिसके उत्तर में उसने कहा कि उसने कोई नशा नहीं किया हुआ था। यह सुनते ही दूसरा पुलिस अफसर कहता है कि तुम खुद को नशे में बताना।

भाजपा नेता अमित मालवीय ने यह वीडियो ट्वीट किया है, आप इस वीडियो में पुलिस अफसर और अपराधी सलमान चिश्ती के बीच हुई बातचीत साफ-साफ सुन सकते हैं।

यह वीडियो सामने आते ही विपक्षी दलों और आम जनता ने राजस्थान पुलिस और सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए। लोगों ने पुलिस अफसर द्वारा अपराधी की सहायता करने के प्रयास पर उन्हें जमकर लताड़ा और उनकी हिन्दू विरोधी मानसिकता को उजागर भी किया। यहाँ यह जानना महत्वपूर्ण है कि उदयपुर में हुई कन्हैया लाल जी कि हत्या के पीछे भी पुलिस की शिथिल कार्यवाही कहीं ना कहीं जिम्मेदार थी। वहां भी पुलिस ने उन्हें सुरक्षा नहीं दी, उल्टा कन्हैया लाल जी को ही हिरासत में ले लिया था। कन्हैया लाल जी के बार बार विनती करने के बाद भी पुलिस ने उन्हें पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी, और अंततः उनकी हत्या कर दी गयी।

वीडियो वायरल होने पर मचे बवाल के बाद प्रशासन ने कार्यवाही करते हुए दरगाह डीएसपी संदीप सारस्वत को लाइन हाजिर कर दिया है। वीडियो में दरगाह डीएसपी संदीप सारस्वत ही थे जो चिश्ती से कहते दिख रहे हैं, ”तू यही कहना कि नशे में था जिससे तेरा बचाव हो जाए।” पुलिस ने दिखावे के लिए यह कार्यवाही की है, लेकिन यह तो तय है कि कांग्रेस सरकार में हिंदुओं के जीवन का कोई महत्त्व नहीं है।

नूपुर शर्मा के विरुद्ध अभद्र बयान देने वाला मौलाना मुफ़्ती नदीम भी 24 घंटे में रिहा हुआ

राजस्थान सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठने वाले सवालों के पीछे मजबूत कारण भी हैं। पिछले ही दिनों बूंदी के मौलाना मुफ़्ती नदीम ने भी नूपुर शर्मा के विरुद्ध अभद्र टिपण्णी की थी । उन्होंने पैगम्बर मोहम्मद की कथित बेइज्जती करने के आरोप में नूपुर शर्मा के हाथ काट देने की बात की थी, यहाँ आश्चर्य की बात यह थी कि यहाँ वक्तव्य बोलते समय पुलिस वहां उपस्थित थी।

उन पर पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की, बाद में सोशल मीडिया ने दबाव बनाया तो पुलिस को कार्यवाही करने पर विवश होना पड़ा। हालांकि 24 घंटे से भी कम समय में मौलाना नदीम जमानत ले कर बाहर आ गए। भारत की न्याय व्यवस्था का इससे बड़ा मखौल क्या हो सकता था।

अब सरवर चिश्ती अंजुमन कमेटी के सचिव ने दी हिंदुस्तान को परिणाम भुगतने की धमकी

इन दिनों एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमे अजमेर अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती ने हिन्दुओ और देश को इस घटना के परिणाम भुगतने की धमकी दी है। उन्होंने हिंदू समाज द्वारा रैली निकालने का भी विरोध जताया था। इस वीडियो को उन्होंने अजमेर की चिश्ती दरगाह के बाहर खड़े हो कर बनाया है, और इसमें कहा है कि मुसलमान ऐसा आंदोलन करेंगे कि पूरा हिंदुस्तान हिल जाएगा।

सरवर चिश्ती खुलेआम अपने आपको पीएफआई का सदस्य बताते हैं, और इसी तरह की आपत्तिजनक बातें करते रहते है। उन्होंने मुस्लिमो को हिन्दू ग्राहकों का बहिष्कार करने की सलाह भी दी थी। इस वीडियो का भी विरोध शुरू हो गया है, और हमे पूरी आशा है कि राजस्थान सरकार और पुलिस इन्हे भी येन केन प्रकारेण कानूनी कार्यवाही से बचाने के प्रयास करेगी।

राजस्थान अमूमन एक शांत राज्य माना जाता रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से वहां माहौल बिगड़ता जा रहा है। नूपुर शर्मा मामले में ही आप देख सकते हैं कैसे मौलानाओं और मुफ्तियों ने माहौल बिगाड़ा, लोगो को भड़काया, जिसकी परिणीति उदयपुर में कन्हैया लाल जी की हत्या के रूप में हुई। राजस्थान सरकार ने एक तरह से अपनी आँखें मूँद ली हैं, और हिन्दुओ के प्रति द्वेष की भावना से कार्य कर रही है। इन घटनाओं से कांग्रेस की मानसिकता एक प्रकार से स्पष्ट हो रही है कि वह चुनावों में इतने झटके खाने के बाद भी मुस्लिम तुष्टिकरण ही कर रही है और अभी भी हिन्दू उसके लिए दोयम दर्जे के ही नागरिक हैं।

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