सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना के लागू होने के पश्चात देश भर में कानून व्यवस्था बिगड़ रही है। बिहार के बक्सर, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय इलाकों से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल और मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों में फैल चुका है, और धीरे धीरे उग्र रूप धारण करता जा रहा है।
अग्निपथ योजना से आक्रोशित युवाओं का क्रोध भारतीय रेलवे को भारी पड़ रहा है। दस से अधिक स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनें फूंक डाली हैं, इनमे सबसे ज्यादा 8 स्थान बिहार में हैं, जहां प्रदर्शनकारियों ने खड़ी हुई ट्रेनों को जला डाला। इसके अतिरिक्त बलिया और तेलंगाना में भी ट्रेन में आगजनी की गई है।
देश भर में हो रही है हिंसक घटनाएं
पलवल में छात्रों ने पुलिस की तीन गाड़ियों को फूंक दिया है, वहीं बिहार के नवादा जिले में उग्र प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय को ही आग लगा दी। दिल्ली के नांगलोई रेलवे स्टेशन पर छात्रों ने ट्रेन यातायात को बाधित कर अपन गुस्सा दिखाया। हरियाणा के रोहतक में एक छात्र ने पीजी हॉस्टल रूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । बताया जा रहा है कि जींद जिले के लिजवाना गांव के रहने वाले छात्र ने अग्निपथ योजना से परेशान होकर यह कदम उठाया।
अलीगढ़ में विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ता जा रहा है, टप्पल में पुलिस चौकी में आग के बाद अब प्रदर्शनकारियों ने जट्टारी पुलिस चौकी के बाहर खड़ी दारोगा की कार में आग लगा दी। वहीं दूसरी ओर टप्पल में हुई हिंसा के कारण कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। मथुरा में दंगाइयों ने पथराव किया जिससे घबरा कर लोग अपनी गाड़ियां सड़क पर छोड़ कर भागने को विवश हो गए। हाईवे पर पथराव होने पर चारों तरफ चीख-पुकार मच गई, गाड़ियों में सवार लोग जान बचाने के लिए या तो सीटों के नीचे घुस गए या भागने लगे।
वाराणसी में भी उपद्रवियों ने जमकर हिंसा की और दर्जनभर रोडवेज बसों को तोड़फोड़ दिया। कैंट स्टेशन में प्रवेश से रोक देने पर दंगाई भड़क गए और उन्होंने वहां हिंसक प्रदर्शन किया, वहीं रेलवे स्टेशन के निर्माणाधीन प्लेटफार्म नम्बर 10 के पास आगजनी की कोशिश भी की गई। रोडवेज और केंट के आसपास के क्षेत्र में सभी प्रतिष्ठान बंद करवा दिए गए। पुलिस इन उपद्रवियों की तलाश कर रही है, और कढ़ी तलाशी के बाद ही वाहनों को प्रवेश दिया जा रहा है।
वहीं मऊ में इस योजना के विरुद्ध छात्रों ने सड़क पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। घोसी कोतवाली के अंतर्गत आने वाले अमिला मोड़ के पास सैकड़ों की संख्या में छात्रों ने हिंसक प्रदर्शन किया। छात्रों ने सड़क जाम करके सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया। वहीं जौनपुर में वाजिदपुर तिराहे पर लगभग सैंकड़ो युवाओं ने कई घंटों तक चक्का जाम किया, जिसके कारण वाराणसी जौनपुर मार्ग पर सैंकड़ो वाहनों की कतार लग गयी।
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में लखनऊ एक्सप्रेस वे पर दंगाइयों ने बसों में तोड़फोड़ की। आक्रोशित युवाओं ने कई वाहनों को निशाना बनाया और उनमे तोड़फोड़ कर भाग निकले। यूपीडा के कर्मचारियों और पुलिस ने वहां पहुंचने के बाद स्थिति को संभाला गया और यात्रियों को सुरक्षित बसों से उतारा गया।
गाजीपुर के जखनिया स्टेशन पर युवाओं ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की। सैकड़ों युवाओ ने वाराणसी जाने वाली वाराणसी छपरा नौतनवा इंटरसिटी एक्सप्रेस को आधे घंटे तक रोके रखा। प्रशासन युवाओं को ट्रेन में चढ़ने से रोकने की कोशिश करता रहा, और इस कारण उनमे और पुलिस में तीखी नोकझोंक भी हुई। बाद में युवकों ने अवैध रूप से चेन पुलिंग कर ट्रैन को रोका, उसमे सवार हुए और बनारस रवाना हो गए।
दंगाइयों ने बलिया-वाराणसी मेमू व बलिया-शाहगंज ट्रेन में भी जमकर तोड़फोड़ की साथ ही साथ प्लेटफार्म की दुकानों, निजी बसों, पुलिस चौकी, मालगोदाम, और सड़कों पर भी जमकर पथराव किया। पुलिस ने सौ से अधिक युवकों को हिरासत में ले लिया है।
प्रशासन और पुलिस ने स्थिति सुधारने के लिए कमर कसी
प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सभी प्रमुख धर्म गुरुओं से संवाद कर शांति-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग मांगा गया है। थाना स्तर पर शान्ति कमेटी की बैठकों का आयोजन भी किया गया है तथा सिविल डिफेंस के कर्मचारियों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। सभी संवेदनशील स्थलों पर सीसीटीवी, वीडियो कैमरे व ड्रोन से निगरानी की जा रही है।
पुलिस प्रशासन लगातार लोगों से बात करने और उन्हें समझाने का प्रयास कर रहा है। कई जिलों में पुलिस ने फ्लैग मार्च भी निकाला है, उनके अतिरिक्त आरएएफ और पीएसी जैसे सुरक्षाबलों की भी तैनाती की गई है। यह सब दल कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए ड्रोन की मदद से चप्पे-चप्पे पर निगरानी रख रहे हैं।
वीके सिंह का बड़ा दावा – “हिंसा के पीछे विपक्ष का हाथ”
केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने हिंसा के पीछे विपक्ष का हाथ बताया है। पूर्व आर्मी चीफ ने जी न्यूज से बातचीत में कहा, ये जो दंगाई हैं, प्रदर्शन कर रहे हैं ये देश की सेवा करना ही नहीं चाहते। जो देशसेवा करना चाहता है, वो कभी नुकसान नहीं पहुंचाएगा, इस हिंसा के पीछे वो लोग हैं, जिनके पास जनता के लिए और कोई काम नहीं बचा है सिवाय लोगों को भड़काने के। बिना राहुल गांधी का नाम लिए उन्होंने कहा कि एक पार्टी के नेता ऐसे हैं, जिनसे ईडी पूछताछ कर रही है। उनकी पार्टी को लगता है अगर दंगे-फसाद कराएंगे तो शायद ईडी उनके नेता को छोड़ देगी।