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Thursday, April 25, 2024

लव जिहाद: मामले बढ़ रहे हैं, सामने आ रहे हैं, परन्तु हल कहाँ है?

लव जिहाद को लेकर निरंतर हल्ला हो रहा है, परन्तु यह मामले आने बंद नहीं हो रहे हैं। ऐसे एक नहीं कई मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें हिन्दू लड़कियों को नाम बदलकर फंसाया जा रहा है और लड़कियां इस जाल में लगातार फंसती जा रही हैं। उन्हें योजनाबद्ध तरीके से फंसाया जा रहा है और यह न ही अचानक हो रहा है और न ही एकमात्र मामला है कोई!

समस्या यह है कि उन्हें थामने वाला कोई नहीं है। इन समस्याओं को विमर्श में लाकर समझने वाले लोग कम है। एक ही दिन पहले हापुड़ से एक मामला सामने आया जब अली खान ने अमन बनकर एक किशोरी को फंसाया और फिर उसे नॉएडा ले आया। उसने उसके साथ बलात्कार तो किया ही और फिर उसका अश्लील वीडियो बनाकर उसके मजहबीकरण का प्रयास किया।

यह शिकायत पीड़िता की माँ ने दर्ज कराई थी।’ पीड़िता की माँ ने आरोप लगाया था कि उस आदमी का असली नाम अली खान है। जिसने अपना नाम अमन बताया था। पुलिस का इस विषय में कहना है कि उन्होंने इस मामले में केस दर्ज करके नामित अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया है और अब आगे की कार्यवाही की जाएगी!

पत्रकार सुभी विश्वकर्मा ने एक नहीं कई मामले ट्वीट किए हैं। उन्होंने ३ फरवरी का एक मामला दर्ज करते हुए लिखा अजहर अहमद ने राहुल शर्मा बनकर हरिद्वार में एक महिला को फंसाया। परन्तु यह मामला बहुत पुराना है और उसे नौ साल बाद पता चला कि वह अजहर है।

और फिर उसने उसे टुकड़े टुकड़े करने की धमकी दी। महिला ने शिकायत दर्ज कराई और उसे हिरासत में ले लिया गया है।

उन्होंने ३ फरवरी को एक और लड़की की कहानी बताते हुए ट्वीट किया जिसमें जाकिर ने संदीप बनकर इस लड़की से शादी की थी। तीन साल बाद जब उसे पता चला कि उसकी असली पहचान क्या है तो वह अमरोहा पुलिस के पास गयी तो उससे कहा गया कि दो हजार रूपए वह ले और वापस चली जाए क्योंकि उसकी यहाँ पर सुनवाई नहीं होगी

उत्तर प्रदेश से ही रायबरेली से एक मामला और सामने आया जिसमें दूध बेचने वाले अब्दुल ने पहले तो स्वयं को मुन्ना यादव बताया और फिर जब उस लड़की को उसकी सच्चाई पता चली तो उसने दूरी बना ली। यहाँ तक कि उस लड़की की शादी भी कहीं और हो गयी तो भी उसने उस लड़की को परेशान करना जारी रखा। और अब वह उसे और उसके घरवालों को जान से मारने की धमकी दे रहा था।

जब वह किसी भी प्रकार से नहीं माना तो पीड़ित परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई तो पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया।

ऐसा नहीं है कि मात्र हिन्दू लड़कियां ही इस जाल का शिकार हो रही हैं। इस जाल का शिकार हिन्दू युवक भी हो रहे हैं। दुष्यंत चौधरी ने तीन साल पहले फरहा से शादी की थी, मगर उसने यह आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली थी कि फरहा का परिवार उसे मुस्लिम बनाने के लिए परेशान कर रहा था।

पत्रकार स्वाति गोयल शर्मा ने ट्वीट किया कि यह लव मैरिज थी और दुष्यंत ने इस्लाम क़ुबूल कर लिया था और उसने नाम फैज़ कुरैशी रख लिया था।

हालांकि दुष्यंत हिन्दू धर्म में वापस आ गया था, मगर उसका यह कदम फरहा के परिवार को नागवार गुजरा और वह उसकी बीवी और बेटी को अपने साथ ले गए और यह शर्त रखी कि अगर वह कलमा नहीं पढ़ता और तबलीगी जमात में नहीं जाता तो वह बीवी और बेटी को वापस नहीं भेजेंगे!

दुष्यंत ने ऐसा करने से इंकार किया और परिवार में वापस आ गया मगर इससे दिल को ठेस लगी और 29 जनवरी को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली!

वहीं बिहार में भी पूर्णिया से लव जिहाद का मामला दर्ज हुआ था। आजतक के अनुसार “पूर्णिया के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में रहने वाले लड़की को युवक शादी की बात कहकर अपने साथ भगा ले गया था। लड़की के भगा ले जाने की बात अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता विवेक कुमार लाठ को भी मिली थी। इसके बाद उन्होंने पीड़ित परिवार के मुलाकात की। फिर लड़की के पिता ने मुफस्सिल थाना में चार लोगों के खिलाफ बेटी को भगा ले जाने की शिकायत दर्ज कराई।

उसके बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए लड़की को खोजना आरम्भ किया और 48 घंटे के भीतर ही उसे नेपाल-भारत बॉर्डर पर स्थित जोगबनी इलाके से बरामद कर लिया।

पुलिस ने कहा कि मुख्य आरोपी मोहम्मद चाँद सहित चार लोगों के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज किया है। और अभी फरार है।

ऐसे एक नहीं कई घटनाएं हो रही हैं। परन्तु समस्या यह है कि ऐसे मामले उस विमर्श का हिस्सा नहीं बन पाते हैं, जो मुख्यधारा में प्रचलित है। अभी हाल ही में झारखंड में छ शादी करके सातवीं शादी करने वाला संजय कसेरा उर्फ़ असलम पकड़ा गया था।

वह भी नाम बदलकर शादी करता था। जब वह सातवीं शादी करने जा रहा था, तब उसे किसी ने पहचान लिया था और फिर वह फरार हो गया था। अब उसे हिरासत में लिया गया है।

इन मामलों पर व्यापक विमर्श होना चाहिए, इन मामलों पर खुलकर नित चर्चा होनी चाहिए और अपराधियों के नामों पर भी बात होनी चाहिए, अपराधियों के नाम पर बात करना इस्लामोफोबिया नहीं है बल्कि इन मामलों का विमर्श में न आना अवश्य ही हिन्दू लडकियों के साथ अन्याय है!

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