उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से इस बार नकली हिंदू पहचान, यौन और आर्थिक शोषण के बाद एक किशोर हिंदू लड़की के जबरन धर्मांतरण-निकाह करने का एक और मामला प्रकाश में आया है। और जैसा कि अक्सर होता है, लड़की को अब घर से निकाल दिया गया है, और इतना ही नहीं आरोपी कट्टरपंथी ने यह तक कहा कि “तुम्हें इस्लाम में परिवर्तित करके मुझे एक बार हज पर जाने के बराबर सबाब मिला, अब तुम मेरे किसी काम की नहीं हो। ” कथित रूप से यह भी कहा गया कि, “एक ब्राह्मण हिंदू लड़की को इस्लाम में लाकर, मुझे विश्वास है कि जन्नत मिल गयी है”।
ऑर्गनाइज़र की 15 मार्च की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने अभी तक इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की है। स्नेहा मिश्रा (पहचान छिपाने के लिए नाम बदल दिया गया) 2021 में सोशल मीडिया के माध्यम से एक व्यक्ति से मिली, जब वह सिर्फ 17 वर्ष की थी। उस व्यक्ति ने अपना नाम राजू मिश्रा बताया जो गुजरात में एक इस्पात आपूर्ति कारखाने में काम करता था। वह स्नेहा से मिलने फतेहपुर आया और कुछ मुलाकातों के बाद उसे अपने घर ले गया जहां उसने नशीला पदार्थ पिलाया और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया।

जब उसे होश आया, तो उसने उसके लिए अपने ‘प्यार’ का इज़हार किया और अपनी असली पहचान राशिद खान के रूप में बताई। उसने धमकी दी कि अगर उसने उसकी मांगों को नहीं माना तो वह उसकी नग्न तस्वीरें/वीडियो सार्वजनिक कर देगा।
डरी हुई नाबालिग ने जैसा कहा गया, वैसा ही किया। वह डिजिटली ब्लैकमेल कर उसका यौन शोषण करता रहा। फिर खान ने उसे 3 महीने में पैसे वापस करने का वादा करते हुए 4 लाख रुपये की व्यवस्था करने को कहा। लड़की ने किसी तरह पैसे निकाले। जब उसके पिता को पता चला, तो खान ने एक वचन पत्र पर हस्ताक्षर किए, जिसमें कहा गया था कि अगर वह उस राशि को वापस करने में विफल रहता है जो वे उसकी कार बेच सकते हैं। लेकिन आज तक न तो पैसा लौटाया और न ही उनकी कार सौंपी।
चित्र स्रोत- @Subhi_karma
धीरे धीरे उसके माता-पिता के साथ उसके संबंध बिगड़ गए और उसके बाद नाबालिग ने अपना घर छोड़ दिया और फतेहपुर में अपने माता-पिता के घर खान के साथ रहने लगी। इसके बाद खान उसे सूरत ले गया जहां उसने उसे दो बार गर्भवती किया, जिससे उसे दोनों बार गर्भपात कराने के लिए मजबूर होना पड़ा।
जब उसने दोबारा शादी पर जोर दिया तो खान ने कहा कि वह उससे तभी शादी करेगा जब वह इस्लाम कबूल कर लेगी।
एक मौलवी को बुलाया गया और स्नेहा से कलमा पढ़वाया गया और राशिद खान से शादी करने के लिए माही खान बन गयी। निकाह के बाद जब रशीद उसे अपने माता-पिता के घर फतेहपुर ले गया तो उन्होंने उसे यह कहते हुए जबरदस्ती गोमांस खिलाया कि खाने के बाद ही वह ‘सच्ची मुसलमान’ हो सकती है। उन्होंने उसे कुरान की एक प्रति दी और नमाज पढ़ने को कहा। उसे केवल पंजाबी सूट पहनने और सिर को अनिवार्य रूप से हिजाब से ढकने के लिए कहा गया था।
सूरत में, जब भी पीड़िता अपने माता-पिता के पैसे वापस करने के लिए कहती थी, खान 2-3 दिनों के लिए घर से निकल जाता था। वह उसे यह कहते हुए ताना मारते, “अगर मैंने किसी मुस्लिम महिला से शादी की होती, तो उसका परिवार मुझे दहेज देता, तुम क्या लाई हो?” वह उसके साथ शारीरिक हिंसा भी करता था और अप्राकृतिक यौन सम्बन्ध भी बनाता था। यहां तक कि उसके मासिक धर्म के दौरान भी, वह यह कहते हुए उसके साथ यौन संबंध बनाने के लिए कहता था, ‘एक मुस्लिम महिला अपने पति को कभी मना नहीं कर सकती’।
फरवरी 2023 में, एक बहस के बाद, उसने यह कहकर उसे छोड़ दिया, “तुझे इस्लाम में लाकर मुझे एक हज का सबब मिल गया है, अब तू किसी काम की नहीं। मैं तुझे नहीं रखूंगा”।
उसके सूरत में छोड़ने के बाद वह उसे ढूंढ़ते हुए फतेहपुर में अपने ससुराल चली गयी। जहां पर उसे अंदर नहीं जाने दिया और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। उसके ससुराल वालों ने यह भी कहा कि कैसे एक ‘काफ़िर’ हिंदू को इस्लाम में परिवर्तित करने से उन्हें ‘एक हज का सवाब’ मिला। चूंकि उसके अपने परिवार ने उससे सारे संबंध तोड़ लिए थे, स्नेहा ने फिर पुलिस का रुख किया।
उन्होंने राशिद के पिता को फोन किया जिन्होंने वादा किया था कि वह अपनी बहू को घर ले जाएंगे। घर पहुंचकर उसने कहा, “पुलिस अधिकारी पैसे मांग रहे हैं, तुम पैसे मांग रही हो, मेरा बेटा घर पर नहीं है। जब तुम मेरे खिलाफ लड़ रही हो तो मैं आपको यहां कैसे रखूं? उसी रात उसने उसे घर से निकाल दिया।
स्नेहा ने पत्रकार सुभी विश्वकर्मा से कहा कि पुलिस उनकी शिकायत लेने को तैयार नहीं है। 13 मार्च को जब वह फतेहपुर जिले के खाखरेरू पुलिस थाने पहुंचीं, तो वहां कुछ स्थानीय हिंदू कार्यकर्ताओं से मिलीं, जिन्होंने इस मामले को मीडिया में उजागर करने में मदद की।
स्नेहा अब न्याय मांग रही है और राशिद खान के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है, जिसने उसके साथ मारपीट और प्रताड़ना के अलावा उसका यौन और आर्थिक शोषण किया। उसने आरोपी के दो आधार कार्ड साझा किए, जिनमें से एक का नाम राशिद खान और दूसरे का नाम राजू मिश्रा है।

यह मामला आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक संबंध), 506 (आपराधिक धमकी) और उत्तर प्रदेश धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत तत्काल कार्रवाई की मांग करता है। आशा है कि स्नेहा को शीग्र ही न्याय प्राप्त होगा!