8 फरवरी को, बिहार के कटिहार की एक पुलिस कांस्टेबल प्रभा भारती की मोहम्मद हसन उर्फ हसन अरशद नामक एक व्यक्ति ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। आरोपी काफी समय से उसका पीछा कर रहा था और निकाह करने का दबाव बना रहा था। वह उसके निजी वीडियो को सार्वजनिक करने की धमकी देता था और अंतत: उसके सिर में दो गोलियां मारकर उसकी हत्या कर दी।
मुंगेर के जमालपुर में रहने वाली प्रभा कटिहार पुलिस लाइन में तैनात थी। एक पुलिस अधिकारी ने घटना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी ने कटिहार के कोढ़ा थाना क्षेत्र में प्रभा को गोली मार दी और फिर वह तत्काल ही घटनास्थल से भाग गया
यह मामला चूंकि पुलिस से जुड़ा हुआ था, इसलिए और भी अधिक डराने वाला है क्योंकि यह प्रश्न उठेगा ही उठेगा कि आखिर जब पुलिस कर्मी ही सुरक्षित नहीं हैं तो आम लोगों का क्या होगा? इस मामले में बिहार पुलिस ने हसन अरशद, कादिर, सोनू, दानिश, सज्जाद, डिग्गा यादव और प्रियांश समेत सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। हालांकि, गुरुवार तक पुलिस ने सिर्फ एक आरोपी मोहम्मद कादिर को ही गिरफ्तार किया था।
प्रभा की बहन प्रतिमा कुमारी ने कहा कि हसन पिछले कुछ समय से प्रभा को परेशान कर रहा था। वह बीच-बीच में उसे फोन कर धमकाता था। वह उस पर धर्म परिवर्तन कर निकाह करने का भी दबाव बनाता था। वह कहता था कि अगर वह निकाह के लिए तैयार नहीं होगी तो वह उसकी हत्या कर देगा।
प्रतिमा ने यह भी कहा कि “हसन उनकी बहन को यह भी धमकी दे रहा था कि अगर उसने उसके साथ निकाह करने से इनकार किया तो वह उसके सभी निजी वीडियो सार्वजनिक कर देगा। हमारे परिवार ने पहले पुलिस में उत्पीड़न की शिकायत की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। मेरी बहन को आरोपियों ने बेरहमी से गोली मारी और अब वह फरार है। मेरी बहन को न्याय मिलना चाहिए।”
प्रभा दो दिन पहले ही मुंगेर समाधान यात्रा में ड्यूटी पर गई थी। उसकी ड्यूटी सुर्याग्रह प्रखंड में की गयी थी। 8 फरवरी को वह जमालपुर रेलवे स्टेशन से दोपहर दो बजे भागलपुर के लिए एक ट्रेन से गयी थी उसके बाद उसने कटिहार के लिए भागलपुर से बस पकड़ी थी।
स्वराज के अनुसार बस में उसने अपने अभिभावकों से कॉल की और उन्हें बताया कि वह ठीक ठाक है, वहीं रात को लगभग आठ बजे घर में कॉल गया कि वह मारी जा चुकी है!
पुलिस ने मौके से पीड़िता का बैग और मोबाइल फोन बरामद किया है। उन्होंने जांच शुरू कर दी है और दावा कर रहे हैं कि जल्द ही और गिरफ्तारियां की जाएंगी।
यह अपराध जहां बिहार की क़ानून व्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है कि वहां पर इन जिहादी मानसिकता वाले अपराधियों का हौसला इतना बुलंद है कि वह पुलिस की भी हत्या कर सकते हैं तो वहीं एक और प्रश्न उठ खड़ा होता है कि क्या पुलिस जैसी सेवाओं में कार्यरत हिन्दू लड़कियां भी उस जाल को नहीं समझ पाती हैं जो जिहादी तत्व बिछाते हैं?
यह भी प्रश्न एवं चिंता का विषय है कि यदि पुलिस कर्मी भी षड्यंत्र को नहीं पहचान पाती हैं और वह भी प्यार में उसी तरह झूठी पहचान के साथ पड़ जाती हैं जैसे आम लड़कियां पड़ जाती हैं। भास्कर के अनुसार “मो. छोटे हसन ने अपनी पहचान बदलकर लेडी कॉन्स्टेबल को अपने प्रेम जाल में फंसाया था। फिर निजी फोटो-वीडियो वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने लगा। कहता था कि शादी नहीं करोगी तो जान से मार दूंगा। आखिरकार कल 8 फरवरी की रात सिर में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई।“
पुलिस कांस्टेबल भी इस ब्लैकमेलिंग वाले खेल से मुक्त नहीं है और यही चिंता का विषय है। जिहादी तत्वों में इतना साहस है कि वह पुलिस कांस्टेबल्स तक को अपने निशाने पर रखते हैं और पुलिस कांस्टेबल तक उन के जाल में इस सीमा तक फंस जाती हैं कि उनके निजी वीडियो तक जिहादी तत्वों के पास पहुँच जाते हैं!
यही दुस्साहस समझे जाने की आवश्यकता है और साथ ही हिन्दू युवतियों की वह विवशता भी कि वह बिना असली पहचान जाने अतरंग हो जाती हैं और इस घुटन का शिकार होती हैं, यह घुटन उनकी जान किसी न किसी तरह ले ही लेती है।
इस घटना से यह तो निश्चित है कि चाहे आम लड़कियां हों या फिर पुलिस आदि में कार्यरत हिन्दू लड़कियां, जिहादियों के जाल से वह कोई भी सुरक्षित नहीं है या फिर कहें परिदृश्य ऐसा है कि मात्र वही लड़कियां सुरक्षित हैं जिन पर उन जिहादी तत्वों ने अपनी नजर नहीं डाली है।