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Friday, June 9, 2023

पंजाब में अमृतपाल पर उठाए गए कदम तो वहीं यूके में खालिस्तानी तत्वों ने भारतीय उच्चायोग के बाहर लहरा रहा तिरंगा उतारा

भारत में जहाँ खालिस्तानी समर्थक तत्वों के प्रति कार्यवाही की जा रही है तो वहीं विदेशों से बहुत ही हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। जहाँ एक ओर पंजाब पुलिस खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल पर शिकंजा कस रही है उसके नजदीकी लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है तो वहीं भारत के तिरंगे के साथ यूके में जो व्यवहार किया गया, वह हर तरीके से अपमानजनक है।

जहाँ एक ओर कहा जा रहा है कि अमृतपाल सिंह भागा हुआ घूम रहा है तो वहीं यूके में खालिस्तानियों ने कायराना हरकत करते हुए भारतीयों के विरुद्ध अपशब्दों का प्रयोग किया और फिर दूतावास पर शान से लहरा रहे तिरंगे को उतार कर खींचने का प्रयास किया।

उन्होंने खालिस्तानी झंडा भी लहराने का प्रयास किया। इस घटना को लेकर भारत ने कड़ा विरोध व्यक्त किया। भारत में यूके दूतावास के अधिकारियों से उत्तर माँगा है कि आखिर इतनी बड़ी घटना हो कैसे गयी और कैसे सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं थी?

हालांकि ऐसा नहीं है कि खालिस्तानी तत्वों ने पहली बार ऐसी किसी घटना को अंजाम दिया हो। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में हिन्दुओं के विरुद्ध कई घटनाएं ऐसी देखी गईं, जिनमें हिन्दू मंदिरों पर खालिस्तानी तत्वों द्वारा किए गए हमले भी सम्मिलित हैं।

हालांकि भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने इस घटना का उत्तर देते हुए आज बहुत बड़ा तिरंगा वहां पर फहराया इतना ही नहीं भारत में भी सिख समुदाय ने ब्रिटिश हाई कमीशन के समक्ष अपना विरोध प्रदर्शन करते हुए तिरंगे के साथ जुलूस निकाला।

परन्तु मामला केवल यूके तक नहीं था! भारत के विरुद्ध यह षड्यंत्र सैनफ्रांसिस्को तक पहुंच गया। खालिस्तानियों ने वहां पर भी दूतावास की बिल्डिंग पर खालिस्तानी झंडा लहरा दिया

खालिस्तानी तत्वों के यूके, अमेरिका एवं कनाडा में जो सॉफ्ट कार्नर दिखाई देता है, वह कहीं न कहीं भारत के प्रति एक अजीब दृष्टि को ही परिलक्षित करता है। लोग अब चाहते हैं कि भारत सरकार कड़े कदम उठाए और देश की अखंडता पर प्रश्न उठाने वाले लोगों को दंडित करे। वहीं twitter पर कई यूजर्स ऐसे भी हैं, जो कहीं न कहीं यह तक कह रहे हैं कि कैसे मनोरंजन उद्योग के चलते यह जहर फ़ैल रहा है।

हालांकि विक्टोरिया पुलिस की ओर से छ ऐसे लोगों के चित्र जारी किए गए हैं, जिन्होनें 29 जनवरी को खालिस्तानी जनमत संग्रह के दौरान हुई हिंसा में भाग लिया था।

देखना होगा कि भारत विरोधी इन गतिविधियों को लेकर उन देशों में सरकारों का क्या रुख रहता है, जहाँ पर यह हमले हुए हैं!

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