कश्मीर फाइल्स को लेकर तब भी लोग सहज नहीं हो पाए है, जब यासीन मलिक पर आरोप भी तय हो गए हैं, क्योंकि उसने स्वयं ही अपने अपराधों को स्वीकार कर लिया है. और इसे लेकर विवेक अग्निहोत्री ने भी ट्वीट करके कहा कि आज खुशी का दिन उन लोगों के लिए है जो आतंक के पीड़ित रहे हैं.
परन्तु एक और बात है जिसके कारण विवेक अग्निहोत्री हाल ही में चर्चा में रहे और वह थी शशि थरूर के साथ उनकी नोंक झोंक! जिसे लेकर शशि थरूर ने यह तक कह दिया कि उनकी मृत पत्नी को घसीटा जा रहा है.
क्या था मामला?
दरअसल शशि थरूर सहित एक बहुत बड़ा वर्ग अभी तक कश्मीर फाइल्स की सफलता नहीं पचा पा रहा है. और कांग्रेसी तो बिलकुल भी नहीं. यह भी संभवतया कुछ ऐसा ही मामला रहा होगा. कश्मीर फाइल्स ऑस्ट्रेलिया से लेकर अमेरिका तक सफलतापूर्वक प्रदर्शित हो चुकी है. परन्तु सिंगापुर ने कथित रूप से एक एकतरफा बताते हुए इसे अपने देश में रिलीज करने से इंकार कर दिया. इस पर शशि थरूर ने तंज कसते हुए लिखा था कि
“भारत के सत्तादल द्वारा प्रचारित की गयी फिल्म #कश्मीरफाइल्स को सिंगापुर में प्रतिबंधित कर दिया गया!
हालांकि उनके इस वक्तव्य का स्वागत यूजर्स ने भी नहीं किया था क्योंकि इस्लामिक देश यूएई में तो यह फिल्म बिना किसी कट के ही रिलीज़ हुई थी. इस फिल्म से सहज किसी को क्या समस्या हो सकती है? यह समझ में सहज नहीं आ पा रहा है. एक यूजर ने कहा कि भारतीय होने के नाते आपको सिंगापुर सरकार को शर्मिंदा करना चाहिए क्योंकि वह भारत की इतनी बड़ी व्यथा को नहीं दिखा रहे हैं.
एक यूजर ने लिखा कि हमें परवाह नहीं है कि सिंगापुर क्या सोचता है, हमें सच्चाई पता है. यही कारण है कि कांग्रेस जिंदा नहीं हो सकती है.
इस पर लोगों ने शशि थरूर को मुनव्वर फारुकी पर उनके पुराने ट्वीट याद दिलाए जो उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में लिखे थे.
यह तो थे यूजर्स के जबाव, परन्तु सबसे रोचक जबाव आया कश्मीर फाइल्स के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की ओर से. उन्होंने लिखा कि सिंगापुर सबसे कट्टर सेंसर बोर्ड है और इसने लास्ट टेम्टेशन ऑफ जीसस क्राइस्ट को भी प्रतिबंधित कर दिया था.
और यहाँ तक कि एक रोमांटिक फिल्म द लीला होटल्स भी प्रतिबंधित हो जाती! और कश्मीरी हिन्दू जेनोसाइड पर हंसना बंद करें
पाठकों को स्मरण ही होगा कि शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर जो कि स्वयं एक कश्मीरी थीं, उनकी मृत्यु रहस्यमय परिस्थितियों में हो गयी थी और अपनी मृत्यु से कुछ ही दिन पहले सुनंदा पुष्कर ने यह आरोप लगाया था कि उनके पति के एक पाकिस्तानी महिला पत्रकार के साथ सम्बन्ध हैं. और इस मामले में बहुत हंगामा होने के बाद शशि थरुर पर ही आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया था.
परन्तु बाद में अगस्त 2021 में दिल्ली के एक न्यायालय द्वारा शशि थरूर को हर आरोप से मुक्त कर दिया गया.
यह बात सत्य है कि शशि थरूर को हर आरोप से दिल्ली के एक न्यायालय द्वारा मुक्त कर दिया गया है, परन्तु यह भी बात सत्य है कि कहीं न कहीं सुनंदा पुष्कर और शशि थरूर के बीच सब कुछ ठीक नहीं था और वह पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार और अपने पति को लेकर बहुत सशंकित थीं. और उनकी मृत्यु से पहले ही ट्वीट युद्ध छिड़ा था. एवं उनकी निर्जीव देह लीला होटल में पाई गयी थी क्योंकि उनके घर में कुछ रेनोवेशन का काम चल रहा था तो वह दोनों उसी होटल में टिके थे.
यही कारण है कि लीला होटल फाइल्स का नाम सुनते ही शशि थरूर चिढ बैठे और उन्होंने कहा कि उनकी मृत पत्नी को इसमें नहीं घसीटा जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने कश्मीरी हिन्दुओं की पीड़ा के विषय में कुछ नहीं कहा है, बस फिल्म की बात की है. परन्तु अनुपम खेर ने ही कश्मीर फाइल्स पर किये गए उनके ट्वीट के आधार पर उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की इस पीड़ा का स्क्रीन शॉट लगाया था कि काश कश्मीरियों के लिए भी कुछ किया जाता, जो 1989 में हिंसा का शिकार हुए थे
बात दरअसल यह है कि अभी तक कांग्रेसियों और उन सभी को यह बात समझ में नहीं आ पा रही है कि आखिर ऐसा क्या कारण है कि जिसके चलते यह फिल्म इतनी कमाई वाली फिल्म बन गयी है? आखिर ऐसा क्या कारण है कि फिल्म को लोगों ने इतना पसंद किया है?
दरअसल लोगों ने इसलिए फिल्म को पसंद किया है क्योंकि इस फिल्म में उस जेनोसाइड को आवाज दी है जिसे अभी तक सत्ता और साहित्य एवं फिल्मों द्वारा नकारा जा रहा था, अभी तक कश्मीर में सेना को आतंकवाद का दोषी बताया जा रहा था और जैसे ही कश्मीरी पंडितों पर की गयी वह हिंसा दिखाई जो उनके साथ ही वहां से चली आई थी तो वह कांग्रेसियों की दृष्टि में प्रोपोगैंडा हो गयी!
यह लोग अभी तक आघात की स्थिति में हैं कि उनका नैरेटिव विफल क्यों हो गया?