spot_img

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

spot_img
Hindu Post is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
21.8 C
Sringeri
Thursday, March 28, 2024

कश्मीर फाइल्स के आधार पर हिदुओं को मारने की बात करने वाले मौलाना का यूटर्न: अब कहा “कश्मीरी पंडित तो भाई हैं, सवाल तो सरकार से था”

कश्मीर फाइल्स के बहाने हिन्दुओं का विरोध जारी है। एक बहुत ही बड़ा वर्ग है जो नहीं चाहता है कि हिन्दुओं के साथ किये गए इस जातिविध्वंस का इतिहास सामने आए। जहाँ एक ओर अरविन्द केजरीवाल इसे राजनीतिक टूल बना रहे हैं तो वहीं लगभग सभी मुस्लिमों का कहना है कि यह एकतरफ़ा है। वहीं जम्मू में राजौरी के मौलवी ने यह कहा था कि “यह फिल्म बंद होनी चाहिए।”

फिर मौलवी ने कहा कि वह लोग अमनपसंद लोग हैं। और फिर कहा कि “हमने आठ सौ साल तुमपे हुकूमत की, तुम 70 साल की हुकूमत में हमारा निशान मिटाना चाहते हो,”

विवेक अग्निहोत्री ने यह वीडियो साझा करते हुए लिखा था कि

“राजौरी के मौलवी साहब का कहना हैः

“यह फ़िल्म बंद होनी चाहिए… हमनें ८०० साल तुम पे हुकूमत की तुम ७० साल की हुकूमत में हमारा निशान मिटाना चाहते हो…”

दोस्तों, बिलकुल इसी तरह कश्मीर से कश्मीरी हिंदुओं का नाम ओ निशान मिटा दिया गया था।“

इस वीडियो को साझा करते हुए लोगों ने कहा कि हम पर ऐसे ही अत्याचार किए गए हैं। रोहित रेवो ने कहा कि यही हम हर रोज कश्मीर में झेलते रहे थे। 19 जनवरी 1990 एक स्वत: स्फूर्त घटना नहीं थी, हमें हर रोज ऐसी ही घटनाओं का सामना करना पड़ता था

इस बात को लेकर लोगों ने कहा कि यह बहुत ही डिस्टर्ब करने वाला है, और मौलवी जैसे लोगों को कानूनी रूप से दण्डित किया जाना चाहिए।

यह बहुत ही शर्मनाक है कि बार बार कश्मीर फाइल्स पर एक बड़ा वर्ग विरोधी होकर सामने आया है। इसमें बार बार यह कहा जा रहा है कि यह मुस्लिम विरोधी है। परन्तु यह मुस्लिम विरोधी कैसे हो सकती है? यह फिल्म मात्र आतंकवाद विरोधी है। यह आतंक के उस दौर का वर्णन करती है, जब कश्मीर को भारत से अलग करने की योजना पाकिस्तान में बनाई जा रही थी और इसे आईएसआई के पूर्व प्रमुख असद दुर्रानी ने द स्पाई क्रोनिकल्स: रॉ, आईएसआई एंड द अल्युजन ऑफ पीस! किताब में व्यक्त किया है। मजे की बात यह है कि यह किताब और किसी के साथ नहीं बल्कि रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत के साथ मिलकर लिखी है और एएस दुलत इन दिनों इसलिए भी सुर्ख़ियों में है क्योंकि वह भी कश्मीर फाइल्स का विरोध कर रहे हैं। वह भी इसे प्रोपोगैंडा फिल्म बता रहे हैं।

मगर दुर्रानी जब इस किताब में 1990 में हुई हिंसा को “अपराइजिंग” कहते हैं, तो वह एजेंडा नहीं है? वह प्रोपोगंडा नहीं है।

दुलत ने भी वही बात दोहराई है कि जगमोहन ने ही कश्मीरी पंडितों को बाहर भगाने में मदद की थी, जिससे जब परिस्थितियां बिगड़ें तो उन पर कोई आंच न आए! दुलत उन दिनों कश्मीर में ही आईबी में थे, जब कश्मीर में स्थितियाँ बिगड़ रही थीं। उन पर कई आरोप लगते हैं। पत्रकार आरती टिक्कू ने भी बताया कि कैसे एएस दुलत ने पूरे कश्मीरी आतंकवाद को एक आजादी के आन्दोलन में अनूदित कर दिया था।

वह वर्ग जो आज तक कश्मीर में आतंकवाद को उचित ठहराते हुए आया था, और जो बार बार यही कहता था कि कश्मीर में दरअसल जो हो रहा है, वह आज़ादी है और कश्मीरी पंडितों को केवल इसलिए भगाया गया क्योंकि अधिकतर सरकारी पदों पर वही थे तो उनके प्रति मुस्लिमों में क्रोध था, और यही कारण है कि सरकारी कर्मचारियों को मारा गया।

मगर शुक्रवार को जो मौलाना ने कहा, कहीं न कहीं वही मानसिकता है, जो हिन्दुओं को नष्ट करना चाहती है। यह वही मानसिकता है जो हिन्दुओं को मारना चाहती है, जो गजवा-ए-हिन्द करना चाहती है। वह लोग कहते हैं कि उन्होंने हिन्दुओं पर 800वर्ष तक शासन किया, तो वह हिन्दुओं से नीचे कैसे रह सकते हैं? वह यह नहीं कहते कि उन्होंने इस शासन को करने के लिए कितने लोगों को मारा है? कश्मीर और बंगाल तो अभी दिख ही रहा है, परन्तु उससे पहले? उससे पूर्व में डायरेक्ट एक्शन डे पर क्या हुआ था? उससे पहले 1931 में कानपुर में दंगे क्यों हुए थे, क्यों हिन्दुओं को मारा गया था? नहीं बताना चाहते!

हिन्दुओं से यह अपेक्षा की जाती है कि वह अपने साथ हुआ संहार न केवल भूल जाएं बल्कि संहार करने वालों को सम्मान दें, मसीहा मानें! परन्तु अब हिन्दू समझने लगा है, और जैसे ही उसने समझा, और इस मौलाना का विरोध हुआ, वैसे ही उसने कहा कि उन्होंने दो दिन पहले नमाज के समय एक हुकूमत से यह बात कही थी कि कश्मीर फाइल्स जो फिल्म बनाई है, वह नफरत फैलाने वाली है, जिसमें हमारे कश्मीरी पंडित भाइयों पर होने वाले जुल्मों को दिखाया गया है। मगर इसमें एक ही रुख दिखाया गया है!

फिर कहा कि कश्मीरी पंडित तो हमारे जम्मू और कश्मीर की आन बान और शान हैं। जो मैंने कहा उसे लोगों के समझने में गलत फहमी हुई है, हमने किसी के खिलाफ नहीं बल्कि हुकूमत से सवाल किया है!

जैसे जैसे यह फिल्म आगे बढ़ रही है, इसके बहाने कई लोगों की असली चेहरे सामने आते जा रहे हैं। यह देखना होगा कि अब और कितने चेहरों से मुखौटा उतरता है! यह फिल्म जैसे कई विमर्शों को ध्वस्त करने के लिए ही आई है!

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

1 COMMENT

  1. Just see, no Muslim Moulvis, political leaders ever have denounced the brutal massacre and exodus of Kashmiri Pandits in the late 90’s. Only hope lies in Modi ji’s strong will power, determination and political prowess which can determine the rehabilitation of Kashmiri Pandits evicted ruthlessly from their homeland in a bloodbath!

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

Thanks for Visiting Hindupost

Dear valued reader,
HinduPost.in has been your reliable source for news and perspectives vital to the Hindu community. We strive to amplify diverse voices and broaden understanding, but we can't do it alone. Keeping our platform free and high-quality requires resources. As a non-profit, we rely on reader contributions. Please consider donating to HinduPost.in. Any amount you give can make a real difference. It's simple - click on this button:
By supporting us, you invest in a platform dedicated to truth, understanding, and the voices of the Hindu community. Thank you for standing with us.