पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं के प्रति अत्याचार काम होने का नाम नहीं ले रहे। पिछले शुक्रवार १६ दिसंबर को, जब पूरा देश विजय दिवस मना रहा था, तब बीरभूम जिले में कुछ उपद्रवियों ने एक इस्कॉन मंदिर को जला कर राख कर दिया। हिंदुस्तान टाइम्स बांग्ला की एक रिपोर्ट के अनुसार, खोयरासोल ब्लॉक के केंद्रगरिया गांव में स्थित इस मंदिर को नष्ट कर दिया गया है। यह मंदिर मात्र 2 महीने पहले ही बनाया गया था, और ऐसे में इस घटना से स्थानीय लोगों में भय व्याप्त हो गया है।
इस घटना के पश्चात शनिवार सुबह से ही इस्कॉन भक्त और ग्रामीणों ने सड़क अवरुद्ध कर दिया था। इस घटना की सभी ओर से तीव्र आलोचना शुरू हो गयी है। स्थानीय ग्रामीण और इस्कॉन भक्त इस विषय पर पुलिस और प्रशासन पर तुरंत कार्यवाही करने का दबाव डाल रहे थे।
घटना को लेकर दुर्गापुर और भीमगड़ के इंचार्ज उदय चंद्र दास ने बताया की जिस तरह से इस्कॉन मंदिर और सेंटर को जलाया गया है, यह हिंदुओं और सनातन धर्म पर हमला है। उन्होंने इस घटना की तीव्र निंदा की है और पुलिस एवं प्रशासन से इस घटना के दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने की विनती भी की, साथ ही इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाने और यहाँ पुलिस की तैनाती का आश्वासन देने को भी कहा है।
दास ने बताया कि इससे पहले भी इस मंदिर को हानि पहुंचाने के इरादे से कुछ लोग 8 दिसंबर को आए थे, लेकिन तब स्थानीय लोगों के प्रयास से इस मंदिर को बचा लिया गया था। 9 दिसंबर को इस बारे में पुलिस को शिकायत कर मंदिर की सुरक्षा बढ़ाने की मांग भी की गई थी, लेकिन प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। इसी कारण अपराधियों के हौसले बढ़ गए और 16 दिसंबर को हिन्दू विरोधी तत्वों ने पुनः प्रयास किया, और दुर्भाग्य से वह इस बार मंदिर को नष्ट करने में सफल रहे।
दुबराजपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले स्थानीय भाजपा विधायक अनूप साहा ने कहा कि पिछले शुक्रवार, 9 दिसंबर को भी इस्कॉन मंदिर को जलाने का प्रयास किया गया था। लेकिन स्थानीय लोगों ने आग को सफलतापूर्वक बुझा दिया था, लेकिन इसी बीच पास की एक गौशाला जलकर नष्ट हो चुकी थी।
पुलिस ने किया तीन लोगों को गिरफ्तार
खैराशोल थाने की पुलिस ने जांच के क्रम में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इस तीन आरोपियों के नाम हैं कार्तिक चंद्र दास, बप्पा घरुई उर्फ भोंबल और तापस धीवर। गिरफ्तार लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि यह लोग इस्कॉन मंदिर के आस पास कई प्रकार की असामाजिक गतिविधियां कर रहे थे। इस्कॉन मंदिर के प्रबंधकों ने इन लोगों की असामाजिक गतिविधि करने से रोका था, जिसका प्रतिशोध लेने कर लिए ही इन्होने मंदिर में आग लगा दी थी।
बोलपुर के अपर जिला पुलिस अधीक्षक ने बोलपुर संभागीय पुलिस पदाधिकारी के कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन किया गया । जिसमे अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक सुरजीत कुमार दे ने इस प्रकरण की जानकारी दी और गिरफ्तार किये गए अपराधियों के बारे में बताया। तीनों आरोपियों को न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया गया है, जिसके पश्चात उन्हें जेल भेज दिया गया है।
मुस्लिमों और तृणमूल कांग्रेस का गढ़ है वीरभूम जिला
बीरभूम जिला बड़ा ही संवेदनशील है, और यहां हिन्दू विरोधी घटनाएं होना बड़ी ही सामान्य बात है। २०११ में की गयी जनगणना के अनुसार बीरभूम जिले की आबादी का 37% से अधिक मुस्लिम हैं। यह जिला जेल में बंद तृणमूल कांग्रेस के बाहुबली अनुब्रत मंडल का भी गढ़ है, जिसकी पशु तस्करी और लॉटरी घोटालों में उसकी भूमिका के लिए जांच की जा रही है, और उस पर राजनीतिक विरोधियों के बलात्कार और हत्या का भी आरोप है।
ऐसे में यह आवश्यक है कि यह पता लगाया जाए कि गिरफ्तार किये गए आरोपियों का कोई राजनीतिक सम्बन्ध तो नहीं। क्या वह लोग किसी षड्यंत्र के तहत इस मंदिर को नष्ट तो नहीं करना चाहते थे ? इन सब प्रश्नों का उत्तर स्थानीय पुलिस को देना ही पड़ेगा।