हरियाणा के टोहाना में स्कूल पर प्रभु श्री राम के अपमान का आरोप
ऐसा लग रहा है जैसे रामायण का अपमान करना स्कूलों में बहुत आम हो गया है। धर्म के जीवंत प्रतीक प्रभु श्री राम के जीवन का उपहास अब स्कूलों के लिए साधारण बात हो गयी है। आज हरियाणा के दो स्कूल से ऐसे ही दो वीडियो सामने आए, जिनमें यह दिखाया गया है कि कैसे बच्चों के सामने बच्चों द्वारा ही प्रभु श्री राम का अपमान किया जा रहा है।
वायरल हुए वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे सीता माता रावण के साथ अपने आप जा रही हैं और फिर राम एवं लक्ष्मण जी को अत्यंत आपत्तिजनक बातें एवं गतिविधि करते हुए दिखाया है।
सबसे आपत्तिजनक तो यह है कि कैसे स्कूल का स्टाफ ही ऐसी आपत्तिजनक स्किट पर हंस रहा है और शिक्षिकाएं, जिन पर यह उत्तरदायित्व होता है कि वह विद्यार्थियों के मध्य संस्कार देंगी, वह सैंट मेरी स्कूल में हुए सीताजी के अपमान पर हंस रही हैं?
ईसाई स्कूलों को किसने यह अधिकार दे दिया है कि वह प्रभु श्री राम का अपमान कर सके? एवं माता सीता को रावण की गोद में दिखा सके? हरियाणा में टोहाना में सैंट मेरी स्कूल में जिस प्रकार सीता माता को रावण की गोद में चढ़ते हुए दिखाया और उसमें स्कूल के स्टाफ की मदद ले जा रही है और वह हंस रहे हैं, वह किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं कहा जा सकता है।
इस वीडियो के सामने आते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। सबसे हैरानी से भरा तथ्य तो यह है कि बजरंग दल की शिकायत पर पुलिस ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है और इस मामले को दबाने का कार्य किया जा रहा है। परन्तु प्रश्न हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर से है कि क्या उनकी पुलिस मात्र हिन्दुओं को हिरासत मे लेने और कभी सरकारी भूमि पर नमाज पढ़ने वालों की रक्षा के लिए या फिर इस प्रकार के स्कूलों की रक्षा के लिए है?
सबसे बड़ा प्रश्न तो यही है कि यह कैसी शिक्षिकाएं हैं, जो एक स्त्री सीता के लिए इस प्रकार अपमानजनक दृश्य पर हंस सकती हैं? यह कैसा स्कूल है जो उन हिन्दुओं के जीवंत धर्म प्रभु श्री राम का अपमान कर सकता है, जिनके पैसे ही चल रहा है?
क्या यह संभव है कि जो बच्चे यह नाटक कर रहे थे, उनके मातापिता को नहीं पता हो कि स्कूल में उनके बच्चे कैसे नाटक में भाग ले रहे हैं? यह पूरा प्रकरण सभी को कठघरे में खड़ा कर रहा है। प्रशासन से लेकर स्कूल, शिक्षिकाओं से लेकर समस्त स्टाफ और यहाँ तक कि बच्चों के अभिभावकों को भी! क्या पुलिस इस कारण स्कूलों के विरुद्ध कदम उठाने से हिचक रही है कि दोनों ही स्कूल नामी हैं?

सैंट मेरी स्कूल का तो फिर भी यह समझ में आता है कि ऐसी अपमानजनक गतिविधि करा दी जाए, परन्तु डीएवी, स्कूल?
डीएवी स्कूल से इस प्रकार की असंवेदनशीलता की अपेक्षा नहीं हो सकती है! डीएवी के लोगो में ही असतो मा सदगमय, तमसो माँ ज्योतिर्गमय के मन्त्र सम्मिलित है, अर्थात हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलें!
परन्तु यह कैसा प्रकाश है, जिसमें जन जन में बसे प्रभु श्री राम का अपमान कराया जा रहा है? वीडियो में भगवान श्री राम का आपत्तिजनक चित्रण किया गया है। इस वीडियो में भी हंसी की ही आवाजें आ रही हैं, स्टाफ से आपत्ति नहीं की जा रही हैं।
हालांकि सोशल मीडिया पर सैंट मेरी टोहाना का जो नंबर वायरल हो रहा है, वह बंद आ रहा है।