राजस्थान एक ऐसा प्रदेश है जो अच्छी कानून व्यवस्था के लिए जाना जाता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में वहां स्थिति बिगड़ती जा रही है। अब परिस्थिति ऐसी हो गयी है, कि राजस्थान में हिन्दू होना ही एक अपराध जैसा हो गया है। पिछले कुछ समय से हिन्दुओं की मॉब लिंचिंग की जा रही है, और दुर्भाग्य से पुलिस और प्रशासन इस विषय पर अपनी अकर्मण्यता दिखा रहा है।
राज्य में एक और मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया है। प्रदेश के गोविंदगढ़ जिले में 14 अगस्त को सुबह करीब 5 बजे घर से बाहर शौच के लिए निकले एक 45 वर्षीय हिन्दू चिरंजी लाल पर 15 से 20 लोगों ने अचानक लाठी डंडों और फरसों से हमला कर दिया। इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गए, उन्हें तुरंत निकटतम अस्पताल ले जाय गया। उनकी परिस्थिति बिगड़ने पर उन्हें जयपुर भेजा गया, जहां 15 को उनकी चिकित्सा के दौरान मृत्यु हो गयी।
पुलिस के अनुसार चिरंजी लाल जो सब्जी का ठेला लगा कर जीवन यापन करते थे, वह नित्य कर्म के लिए खेत में गए थे। उसी समय अलवर के सदर थाना क्षेत्र से कुछ लोग एक ट्रैक्टर चोरी करके ला रहे थे, सदर थाना पुलिस और ट्रैक्टर मालिक उन चोरों का पीछा कर रहे थे। चोरों ने अपने आप को पुलिस और ट्रैक्टर मालिकों से घिरा देख ट्रैक्टर को बिजली घर के पास स्थित एक खेत में छोड़ दिया और वहां से भाग गए। इतने में ट्रैक्टर के मालिक और अन्य 20-25 लोग वहां पहुंच गए, उन्होंने चिरंजी लाल को ही चोर समझ कर उन्हें बुरी तरह से पीटना शुरू कर दिया। जब तक पुलिस वहां पहुँचती, चिरंजी बुरी तरह घायल हो गए थे।
सरकार पर दबाव पड़ने के बाद इस्लामिक हत्यारे हुए गिरफ्तार
चिरंजी लाल की मृत्यु का समाचार आते ही हंगामा शुरू हो गया, उनके परिजन और ग्रामीणों ने सड़क पर जाम लगाकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की और कार्यवाही ना होने पर अंतिम संस्कार नहीं करने का प्रण किया। लोगों ने बताया कि चिरंजी एक बहुत ही गरीब परिवार से आता था, वह सब्जी बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण करता था, ऐसे में उसकी मृत्यु से परिवार के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा हो गया है। परिजनों ने सरकार से 50 लाख रु की आर्थिक मदद के साथ ही एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की, इसके अतिरिक्त इस मामले में जो भी आरोपी हैं, उन पर कठोर कार्यवाही करने का आग्रह भी किया।
पुलिस ने इस मामले में दबाव पड़ने पर मॉब लिंचिंग वाली धाराएं लगाई हैं। पुलिस ने सदर थाना क्षेत्र के उलाहेड़ी गांव के रहने वाले असद खा , स्याबु , साहुन , तलीम , कासम , पोला रुजदार और मुख्य आरोपी विक्रम और हुसैन ,वारिस ,जमील को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अतिरिक्त घटना प्रयोग की गई स्कॉर्पियो गाड़ी को भी जब्त कर लिया गया है। इस तरह इस मामले में कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और न्यायालय में प्रस्तुत भी कर दिया गया है।
भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर लगाया तुष्टिकरण का आरोप, आंदोलन करने की चेतावनी दी
वहीं इस मामले पर राजनीति भी गहरा गयी है, राजस्थान की प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के ज्ञानदेव आहूजा ने प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन पर तुष्टिकरण करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यही यदि यह घटना किसी ‘विशेष समुदाय’ के साथ होती तो प्रशासन और सरकार तत्परता से कार्य करती, चूंकि पीड़ित हिन्दू है तो उसको न्याय नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग की धराओं में मामला दर्ज कर आरोपियों की तुरन्त गिरफ्तारी हो और पीड़ित परिवार को सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराई जाए, नहीं तो भाजपा सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी।
भाजपा नेतृत्व ने राजस्थान में हिन्दुओं के विरुद्ध बढ़ते अपराधों पर मुख्यमंत्री गहलोत की ‘सेक्युलर’ सरकार को घेरा है। इसी कड़ी में पीड़ित परिवार को ढ़ाढस देने के लिए कई राजनेता उनके घर पहुँच रहे हैं। इस विषय में भाजपा ने प्रदेश स्तर पर एक जांच कमेटी का गठन भी कर दिया है, जो जल्दी ही इस घटना से सम्बंधित सारे तथ्य सामने रखेगी। इसी बीच उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ , पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर भी अलवर पहुंचे, उन्होंने पीड़ित परिवार और स्थानीय प्रशासन से मिल कर इस विषय पर और जानकारी ली।
राजस्थान में हिन्दुओं के लिए परिस्थिति बिगड़ती ही जा रही हैं। पिछले ही दिनों उदयपुर में इस्लामिक आतंकवादियों ने कन्हैया लाल जी की वीभत्स हत्या की थी। इसके अतिरिक्त प्रदेश में मौलानाओ ने भी नूपुर शर्मा प्रकरण पर अत्यंत आपत्तिजनक वक्तव्य दे कर मुसलामानों को भड़काने का प्रयत्न किया है। प्रदेश सरकार ऐसे असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं करती है, इस कारण इन्हे प्रोत्साहन मिलता है, और यह लोग हिन्दुओं के विरुद्ध अपराध करने में नहीं हिचकते। ऐसे तत्वों पर नियंत्रण आवश्यक है, अन्यथा स्थिति और बिगड़ सकती है।