8 मार्च को जब पूरा विश्व अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रहा था, तो उसी समय पाकिस्तान से ऐसी घटना सामने आई जिसने सभी को दहला कर रख दिया। पाकिस्तान में एक आदमी ने अपनी मात्र सात दिनों की बेटी को केवल इसलिए मार दिया क्योंकि उसे बेटा चाहिए था। और मारा भी कैसे कि सात दिनों की बेटी पर गोलियां चला दीं।
पाकिस्तान में औरतों पर होने वाले अपराध बहुत आम हैं, विशेषकर अल्पसंख्यक लड़कियों पर तो बहुत ही अधिक होते हैं, परन्तु इस नन्ही जान के साथ हुई इस भयानक हिंसा ने शायद वहां के समाज को सोचने के लिए विवश कर दिया है। सोशल मीडिया पर लोग इसका विरोध कर रहे हैं और अपनी अपनी बेटियों के साथ फोटो साझा कर रहे हैं।
इस सात दिनों की बच्ची का इतना ही दोष था कि वह बेटी थी, बेटा नहीं। मीडिया के अनुसार यह घटना मियांवाली में नूरपुर में हुई, जहाँ पर एक पिता ने अपनी सात दिनों की बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार वह आदमी अपराध के बाद भागने में सफल रहा। हालांकि बच्ची के ननिहाल की ओर से की गयी शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली गयी है।
जहाँ सोशल मीडिया पर इस घटना के कारण उबाल है तो वहीं नेशनल कमीशन ऑन स्टेटस ऑफ वीमेन ने भी इस पर संज्ञान लिया है और कहा है कि यह देखना बहुत दुखदाई है कि बच्ची को केवल उसके लड़की होने के कारण मारा गया है, कानूनी अधिकारी अपराधी को पकड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
मीडिया के अनुसार यह पहला मामला नहीं है
जहां सोशल मीडिया पर इस घटना से उबाल है तो वहीं मीडिया के अनुसार यह कोई अकेली घटना नहीं है, बल्कि ऐसी कई घटनाएं हुई हैं। ट्रिब्यून के अनुसार जून में भी एक आदमी ने अपनी नवजात भतीजी को केवल इसलिए मार दिया था क्योंकि उसे लगता था कि वह उसके लिए बदकिस्मत लाएगी। पंजाब पुलिस के अनुसार आरोपी ने पंद्रह दिन की फातिमा की हत्या को स्वीकार कर लिया था।
उसने कहा था कि उसे लगा था कि “लडकियां अपने परिवार के लिए बदकिस्मत होती हैं, वह सभी के लिए मुसीबत लाती हैं।”
पुलिस के अनुसार 15 दिन की फातिमा को आरोपी ने झूले से उठाया था और ले जाकर मार दी थी। उसने कहा था कि उसने यह अपराध इसलिए किया क्योंकि वह अपने परिवार को बुरी किस्मत से बचाना चाहता था।
इसी प्रकार पिछले वर्ष 26 जनवरी को भी एक नवजात कन्या का शव डिज्कोट के एक अपस्ताल से पाया गया था।
पाकिस्तान में लड़कियों/महिलाओं के साथ हिंसा बढ़ रही है
डीडब्ल्यू की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में महिलाओं के साथ हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं। और उसके अनुसार
“मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जनवरी 2011 और जून 2017 के बीच महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 51,241 से अधिक मामले दर्ज किए गए। इस बीच, दोष सिद्ध होने की दर कम है, सभी रिपोर्ट किए गए मामलों में से केवल 2।5% मामलों में अभियुक्तों को अदालतों द्वारा दोषी ठहराया गया है।“
पाकिस्तान में एक और अमानवीय प्रथा थी, जिसे हाल ही में अवैध करार दिया है
पाकिस्तान में वानी या स्वरा एक ऐसी कुप्रथा थी, जिसमें लड़कियों को किसी भी समझौते का आधार बनाया जाता था। जैसे किसी मुक़दमे का आपस में ही निपटारा करने के लिए लड़कियों को शादी करके दे दिया जाता था। जैसे किसी आदमी ने किसी का खून कर दिया है तो उसका परिवार अपनी किसी भी लड़की को उस परिवार को देने के लिए तैयार हो जाता था।
कभी कभी यह दो से भी अधिक लड़कियों की भी कीमत होती थी। हालांकि पिछले वर्ष इस पर पूरी तरह से रोक लगा दी गयी है।
हालांकि ऐसा नहीं है कि समाज ही केवल महिलाओं के लिए ऐसा सोचता हो, पाठकों को याद होगा कि पिछले वर्ष ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने यौन हिंसा के लिए महिलाओं के कपड़ों को जिम्मेदार ठहरा दिया था।
इमरान खान ने कहा था कि अगर कोई महिला बहुत कम कपड़े पहनती है, तो इसका पुरुषों पर प्रभाव पड़ेगा, जब तक कि वह रोबोट न हों! और इस बयान का बहुत अधिक विरोध हुआ था
उन्होंने पर्दा प्रथा की तहजीब को भी जरूरी बताया था।
क्या यही कारण है कि नार्थवेस्टर्न खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में, जहाँ पर खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इन्साफ पार्टी की सरकार है, अधिकारियों ने लड़कियों के लिए पर्दा या अबाया पहनने का आदेश देते हुए दिशानिर्देश जारी किया था, हालांकि विरोध के बाद इस निर्णय को वापस लेना पड़ा था।
वर्ष 2020 में एएनआई की एक रिपोर्ट में पाकिस्तान महिलाओं के लिए बहुत ही खतरनाक जगह बन गया है, और पाकिस्तान 2020 की वैश्विक लैंगिक अंतर इंडेक्स में 153 देशों में 151वें स्थान पर था।
सितम्बर 2019 की ड्यूश वेले की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान विश्व में महिलाओं के लिए छठवां सबसे खतरनाक देश है।
This is Pakistan where violence is born and bred.
Can you expect such a country to do anything good to India?
They’re very brute and merciless. It’s a country where religious bigotry holds sway, where people –national as well as foreign– are lynched to death with false pretext of blasphemy charges.
In fact, it is a rogue country where your life is fully uncertain.