कहा जाता है कि दूसरों के लिए गड्ढा खोदने वाला एक दिन अवश्य ही उसमें गिरता है। कुछ ऐसा ही पाकिस्तान के साथ हो रहा है। भारत में राजनीतिक अस्थिरता की चाह लिए पाकिस्तान नित नए प्रपंच करता है, और ऐसा ही उसने कल भी किया, जब कश्मीरी पंडितों के हत्यारे यासीन मलिक को आतंकी फंडिंग के लिए सजा सुनाई गयी तो उससे पहले पाकिस्तान के कई लोग कुपित थे और साथ ही शाहिद अफरीदी जैसे लोग यूएन से भारत पर कदम उठाने की बात कर रहे थे।
परन्तु यह कोई नहीं देख रहा था कि उनके अपने आंगन में आग लगी हुई है। कल पूरा पाकिस्तान इस्लामाबाद में हो रही घटनाओं से सशंकित था। दरअसल पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने समर्थकों के साथ इस्लामाबाद मार्च का आयोजन किया था और उसे न्यायालय ने भी अनुमति दी थी और साथ ही इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने हिरासत में लिए गए सभी पीटीआई कार्यकर्ताओं को छोड़ने के आदेश दिए थे।
मगर जैसे ही कल पीटीआई के कार्यकर्ता एकत्र होने आरम्भ हुए थे, तभी स्थितियां बिगड़ने लगी थीं और ट्विटर पर हैरान करने वाली तस्वीरें और वीडियो आने लगी थीं। इस्लामाबाद बर्निंग के नाम से लोग बातें करने लगे थे। फिर भी शाहिद अफरीदी जैसे लोगों के लिए वह लोग जरूरी थे, जो भारत के विरुद्ध लगातार संघर्ष कर रहा था और निर्दोषों को मार रहा था।
इस्लामाबाद में डी चौक पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ने आरम्भ कर दिए थे और देखते ही देखते इस्लामाबाद जलने लगा था।
जहाँ एक ओर कुछ लोगों का कहना था कि पुलिस ने पेड़ों में आग लगाई तो वहीं कुछ लोगों के अनुसार पीटीआई के कार्यकर्ताओं ने पेड़ों में आग लगाई थी।
कुछ लोगों का यह भी कहना था कि इस्लामाबाद में पेड़ों में आग लगने का कारण है कि पुलिस ने बहुत ही भारी संख्या में आंसू गैस के गोले छोड़े थे इसलिए हरे पेड़ों ने भी आग पकड़ ली थी।
कल जब इस्लामाबाद इतनी बुरी तरह जल रहा था, उस समय भी कुछ लोगों को भारत में अशांति फैलाने वाली अपनी राजनीति से फुर्सत नहीं थी और वह यासीन मलिक को लेकर बातें कर रहे थे और उनका ही देश किस सीमा तक जल रहा था, इस ओर उनका ध्यान नहीं था। पेड़ों के जलने को लेकर भी सत्ताधारी दल और इमरान खान की पार्टी के बीच आरोपों का दौर लंबा चला था और दोनों ही पक्षों के अपने अपने वीडियोज थे।
ऐसे में वहां के कुछ युवाओं के ट्वीट भी ध्यान दिए जाने योग्य थे। एक विद्यार्थी ने लिखा कि पाकिस्तान की दोनों ही पार्टियां, देश को नष्ट कर रही हैं, क्योंकि उन्हें यह नहीं पता कि आखिर शासन कैसे करना है और दोनों ही एक दुसरे पर आजादी का नारा लगाकर हमला कर रहे हैं:
हालांकि पाकिस्तान में इस्लामाबाद के जलने की प्रक्रिया लम्बी रही और जहाँ पुलिस की ओर से कार्यवाही होती रही तो वहीं मीडिया के अनुसार इमरान खान के समर्थकों ने चाइना चौक पर बने हुए मेट्रो स्टेशन में आग लगा दी:
भारत में जमकर हिंसा मचाने वाले पाकिस्तानी अभी भी इस बात को नहीं समझ पा रहे हैं कि यदि वह दूसरों के लिए आग लगाएंगे तो आंच उनतक भी आएगी ही आएगी। अभी भी वह लोग अपने देश को फिलीस्तीन और “कश्मीर” जैसा बनाने के लिए न्यायालय, जज और पुलिस को कोस रहे हैं। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, और यह बात जितनी जल्दी पाकिस्तान को समझ आ जाए उतना बेहतर! फिर भी वहां की युवा पीढ़ी कश्मीर का इतिहास जाने बिना कश्मीर पर लगातार दावा कर रही है।
उसे यह नहीं पता कि कश्मीर की जो स्थिति है वह पाकिस्तान के कारण ही है। खैर, कल पूरा दिन इस्लामाबाद में हिंसा हुई, रात में मेट्रो स्टेशन पर आग लगाई गयी और पेड़ जलते रहे, आंसू गैस के गोले दागे जाते रहे और अंत में जब इमरान खान सुबह इस्लामाबाद पहुंचे तो उन्होंने कहा कि वह अपना आन्दोलन छ दिनों के लिए टाल रहे हैं और चूंकि सरकार उनकी पार्टी और पुलिस के बीच लड़ाई चाहती है तो वह सरकार को छह दिन दे रहे हैं, यदि उसके बीच सरकार ने चुनाव की घोषणा नहीं की तो वह फिर से आएँगे!
अब इस बात को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। लोग कह रहे हैं कि इमरान खान ही इस्लामाबाद में आग जनी के जिम्मेदार हैं:
लोग पूछ रहे हैं कि जो लोग अभी इस्लामाबाद के रास्ते में हैं उनका क्या होगा?
लोग यह भी कह रहे हैं कि ऐसा लगता है जैसे कोई डील हो गयी है, मगर इमरान खान इसे अभी रोके हुए हैं। हम कल से इस्लामाबाद के लिए निकले हुए हैं और अभी तक इस्लामाबाद नहीं पहुंचे हैं। हम पर पत्थर फेंके जा रहे हैं, आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं और हमारे कार्यकर्ता सैनिकों जैसे लड़ रहे हैं!
जो भी स्थिति हो, यह देखना बहुत ही हास्यास्पद है कि जहाँ एक ओर पाकिस्तान से अपना घर अब बिलकुल भी नहीं सम्हल रहा है तो वहीं कश्मीर पर रोना उसने अभी तक बंद नहीं किया है!