3 नवंबर को पाकिस्तान में एक बहुत बड़ा राजनीतिक भूचाल आ गया। पाकिस्तान के भूतपूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर एक जानलेवा हमला हुआ है। इमरान खान गुजरांवाला में राजनीतिक रैली में भाग ले रहे थे, कि तभी अचानक उन पर अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया। सूत्रों के अनुसार इमरान खान के दोनों पैरों में गोलियां लगी हैं, जिसके पश्चात उन्हें लाहौर के शौकत खानम अस्पताल ले जाया गया था।
सूत्रों के अनुसार इस गोलीबारी में इमरान खान के अतिरिक्त फैसल जावेद, अहमद छट्टा और चौधरी यूसुफ घायल हुए थे। पंजाब पुलिस के अनुसार एक व्यक्ति की मृत्यु भी हुई और सात अन्य लोग घायल हुए। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार घायलों की संख्या ज्यादा हो सकती है। पीटीआई के नेता और पूर्व मंत्री फवाद चौधरी के अनुसार इमरान खान पर एके 47 राइफल से फायरिंग की गई है। उनके पैर में गोली लगी है और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया है। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है जिसमें एक हमलावर हाथ में बंदूक के साथ नजर आ रहा है।
वहीं पुलिस के अनुसार इस गोलीबारी की घटना को दो हमलावरों ने क्रियान्वित किया, जिसमें से एक के मारे जाने की सूचना मिली है, वहीं दूसरा हमलावर गिरफ्तार कर लिया गया है। इस घटना से पाकिस्तान की राजनीती में भूचाल आ गया है, जहां इमरान खान की विचलित कर देने वाली तस्वीरें पूरे देश में तनाव पैदा कर रही हैं, वहीं उनकी पार्टी इस घटना के लिए प्रधानमंत्री और सेना पर दोषारोपण कर रहे हैं। इमरान खान की पार्टी ने शुक्रवार (4 नवंबर) को समस्त वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है।
पीटीआई ने प्रधानमंत्री और सेना पर लगाया इमरान पर हमले का आरोप
इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने इस हमले के लिए तीन लोगों को उत्तरदायी बताया है। पार्टी के प्रवक्ता मियां असलम इकबाल और अन्य पार्टी नेताओं के अनुसार प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, राणा सनाउल्लाह और मेजर जनरल फैसल इस हमले के पीछे हैं। इस वक्तव्य के आने के पश्चात पीटीआई के कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा है।
पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने कहा, ”ये इमरान नहीं, पाकिस्तान पर हमला है। ” पार्टी ने कहा, ”इमरान खान हमारी ‘रेड लाइन’ हैं, आज वह रेड लाइन पार करने का प्रयत्न किया गया है। आप इमरान खान को अभी जानते नहीं, वह आखिरी सांस तक लड़ेंगे और उसकी कौम भी आखिरी सांस तक लड़ेगी। यह मार्च हर परिस्थिति में चलता रहेगा और असली आजादी की लड़ाई जारी रहेगी।” इमरान खान पर हुए हमले के पश्चात पाकिस्तान में भारी बवाल होने की आशंका जताई जा रही है।
सभी राजनीतिक दलों ने इस घटना की कड़ी निंदा की
पाकिस्तान के सभी राजनीतिक दलों ने इस घटना का कड़ा विरोध किया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ट्वीट किया, मैं पीटीआई अध्यक्ष और अन्य घायल लोगों के स्वस्थ होने की दुआ करता हूं। संघीय सरकार सुरक्षा और जांच के लिए पंजाब सरकार को हर संभव सहायता देगी। हमारे देश की राजनीति में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
वहीं पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने इमरान खान पर हमले को जघन्य हत्या का प्रयास बताया। उन्होंने ट्वीट किया, मैं अल्लाह का शुक्रिया अदा करता हूं कि वह सुरक्षित हैं लेकिन उनके पैर में गोलियां लगी हैं, उम्मीद है कि यह गंभीर नहीं होगा।
इसके अतिरिक्त विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने इमरान खान पर हमले की कड़ी निंदा करते हुए उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी गोलीबारी की घटना की निंदा की। उन्होंने ट्वीट किया, मैं इमरान खान और उनके साथियों पर गोलीबारी की घटना की निंदा करता हूं और सभी घायलों के स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।
इमरान पर हमले के पश्चात पाकिस्तान में मचा बवाल
इमरान खान पर हुए जानलेवा हमले के पश्चात पूरे देश में गृहयुद्ध जैसी परिस्थिति हो गयी है। इमरान खान के समर्थकों ने अलग-अलग शहरों में आगजनी और तोड़फोड़ शुरू कर दी है। सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन, पाकिस्तान पीपल्स पार्टी और गठबंधन की अन्य पार्टियों के कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं। आश्चर्जनक तरीके से लोग सेना के विरुद्ध भी सड़कों पर उतर आए हैं।
यह इतिहास में पहली बार है, जब पाकिस्तान के लोग खुलकर सेना के विरोध में खड़े हो गए हैं। पेशावर के कोर कमांडर मेजर जनरल फैसल के विरुद्ध लोग प्रदर्शन कर रहें हैं। इमरान ने जिन लोगों पर हमले के षड्यंत्र का आरोप लगाया है उनमें मेजर जनरल फैसल का भी नाम है। इमरान के आरोपों के बाद खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर में स्थित मेजर जनरल फैसल के घर के बाहर लोगों जमा हो गए। लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। देश की खुफिया एजेंसी ने सरकार को चेताया है कि देश के हालात बिगड़ सकते हैं। उनके अनुसार इमरान खान के समर्थक सेना और सरकारी इमारतों को निशाना बना सकते हैं।
कैसे बने पाकिस्तान में ये हालात?
पाकिस्तान में राजनीतिक संकट की शुरुआत अक्तूबर 2021 से हुई। जब, प्रधानमंत्री रहते हुए इमरान खान और सेना के बीच आईएसआई प्रमुख की नियुक्ति को लेकर अनबन हुई। इमरान खान चाहते थे कि लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद आईएसआई प्रमुख बने रहें। वहीं, सेना नदीम अंजुम को नया आईएसआई चीफ बनाना चाहती थी। इसे लेकर मतभेद शुरू हो गया। इमरान को न चाहते हुए भी नदीम अंजुम को आईएसआई चीफ नियुक्त करना पड़ा।
अप्रैल आते-आते इमरान की अपनी ही पार्टी में फूट पड़ गयी, वहीं दूसरी ओर पूरा विपक्ष एकजुट हो गया। हर बीतते दिन के साथ इमरान पर संकट बढ़ता गया। इन सब के बीच इमरान खान ने दावा किया कि उनकी सरकार गिराने के लिए विपक्ष ने विदेशी ताकतों के साथ मिलकर षड़यंत्र रचा है। कई दिन तक चले राजनीतिक उठापटक के पश्चात 11 अप्रैल को इमरान को त्यागपत्र दे कर गद्दी छोड़नी पड़ी और शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बन गए।
क्या इमरान खान इस घटना का राजनीतिक लाभ उठाएंगे?
भले ही इमरान के पैर में गोली लगी है, लेकिन वह पूरे देश और विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानियों की सहानुभूति लेने में सफल रहे हैं। उनके समर्थन में लाखों लोग सड़कों पर उतर आए हैं। ऐसे में वह इस राजनीतिक सुअवसर को हाथ से जाने नहीं देना चाहेंगे और इसका पूरा लाभ उठाएंगे।
इमरान खान अभी अपने आजादी मार्च को जारी रखेंगे, भले ही उस मार्च में वह शामिल नहीं हो पाएं, लेकिन उनके समर्थक और पार्टी के अन्य बड़े नेता इस मार्च को यथावत रखेंगे। वहीं इमरान खान प्रयास करेंगे कि वह किसी भी तरीके से जलसों में आने वाली जनता को सम्बोधित करते रहे, यह संबोधन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा भी हो सकता है। अब इमरान इस अवसर का लाभ उठा कर पुनः सत्ता हथियाने का प्रयत्न अवश्य करेंगे।
Pakistan has the long history of nurturing terrorists. Now it is paying the price!