भ्रष्टाचार से लड़कर नया पकिस्तान बनाने का नारा देकर सत्ता में आए इमरान खान को अब रोज झटके लग रहे हैं। सत्ता जाने के बाद आज उन्हें चुनाव आयोग ने बहुत बड़ा झटका दिया है। उनपर यह आरोप है कि उन्होंने विदेशों से मिले उपहारों को चुराया है और उन्हें बाजार में बेचा है। इतना ही नहीं, चुनाव आयोग ने उन्हें चुनाव लड़ने में ही अयोग्य घोषित कर दिया है।
उन पर पांच वर्षों तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। इतना एहे नहीं उनके विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही भी की जाएगी।
जैसे ही यह निर्णय आया, वैसे ही राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का दौर आरम्भ हो गया। बिलावलभुट्टो जरदारी ने ट्वीट किया कि
पाकिस्तान चुनाव आयोग ने इमरान खान को भ्रष्ट प्रक्रियाओं का दोषी माना है। अब वह अयोग्य घोषित हो गए हैं। वह जो राजनीतिक विरोधियों के कथित भ्रष्टाचार पर झूठ फैलाते थे, अब वह रंगे हाथ पकडे गए हैं!
यह ध्यान देने योग्य बात है कि पाकिस्तान में इमरान खान अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के विरुद्ध राजनीतिक भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर ही सत्ता में आए थे। परन्तु इस निर्णय के बाद पाकिस्तान में लोग सड़कों पर उतर आए! इस सम्बन्ध में twitter पर तस्वीरें वायरल हो रही हैं
परन्तु यह भी जानना महत्वपूर्ण है कि आखिर वह कौन सी चीज़ें हैं, जिन्हें लेकर इतना बवाल हुआ और जिन्हें लेकर यह आरोप लगे कि उन्होंने चोरी की है?
मीडिया के अनुसार
“2018 में सत्ता में आए इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान अमीर अरब शासकों से महंगे उपहार मिले, जो तोशाखाना में जमा किए गए थे। बाद में उन्होंने उसे प्रासंगिक कानूनों के अनुसार रियायती मूल्य पर खरीदा और उसे भारी मुनाफे पर बेच दिया। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ने सुनवाई के दौरान ईसीपी को बताया कि राज्य के खजाने से खरीदे गए उपहारों की बिक्री से 21।56 करोड़ रुपये का भुगतान कर लगभग 58 लाख रुपये प्राप्त हुए।
उपहारों में, एक महंगी कलाई घड़ी, कफलिंक की एक जोड़ी, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियाँ शामिल थीं।“
उन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने एक सोने की एके 47 भी गायब कर दी थी। नवभारत टाइम्स के अनुसार
“सऊदी क्राउन प्रिंस ने इमरान खान को एक गोल्ड प्लेटेड कलाश्निकोव (एके-47) भी उपहार में दिया था। इस एके-47 को जनवरी 2019 में पाकिस्तान के दौरे पर आए सऊदी अरब के प्रिंस फहद बिन सुल्तान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद ने इमरान खान को दिया था। इस रायफल का कुछ पता ही नहीं चल सका। पाकिस्तानी सरकार के रिकॉर्ड के अनुसार, तोशाखाना में इस रायफल की एंट्री नहीं है।“
इन उपहारों को लेकर पाकिस्तान में नियम क्या हैं?
हालांकि इमरान खान के समर्थकों द्वारा हंगामा किया जा रहा है, परन्तु यह भी ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि आखिर इन्हें लेकर पाकिस्तान में नियम क्या हैं?
पाकिस्तान में यह नियम है कि कोई भी नेता या राष्ट्राध्यक्ष या फिर कोई भी सार्वजनिक पद पर बैठा हुआ अधिकारी 10000 रुपये से अधिक मूल्य के उपहारों को अपने पास नहीं रख सकता है। पाकिस्तान के सरकारी गिफ्ट डिपॉजिटरी नियमों के अनुसार, विदेशी उपहारों को सरकारी तोशाखाना में जमा करवाना अनिवार्य है। वहां से से उपहारों को खुली नीलामी में रखा जाता है। तब तक के लिए वह उपहार देश की संपत्ति बना रहता है। अगर किसी नेता को 10000 से अधिक कीमत के उपहारों को अपने पास रखना होता है तो उसे आंकी गई कीमत को तोशाखाना में जमा करवाने का नियम है। इमरान खान ने इसी नियमों का फायदा उठाते हुए कम पैसा देकर अधिक मूल्य के उपहारों को अपने पास रख लिया था।
पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन आरम्भ हो गए है
पाकिस्तान में इस निर्णय के विरोध में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
महिला कार्यकर्ता भी इमरान खान के समर्थन में नारे लगा रही हैं, वह लोग आजादी के नारे लगा रही थीं
पर इसे लन्दन कांस्पीरेसी अर्थात लन्दन षड्यंत्र का भी नाम दिया जा रहा है और लोग लगातार एकत्र होने लगे थे https://twitter.com/RadioVoop/status/1583418857355894785
एक ओर जहाँ पाकिस्तान में इमरान खान को पांच वर्षों के लिए अयोग्य घोषित किया गया तो वहीं पाकिस्तान को आज ही एफएटीएफ की ग्रे सूची से बाहर किया गया। इसे इमरान खान के प्रशंसक पकिस्तान के लिए एक बहुत बड़ी जीत बता रहे हैं, उनका कहना है कि यह सब इमरान खान के प्रयासों के चलते हुआ है। वह इस विषय में भी ट्वीट कर रहे हैं
पाकिस्तान में आगे क्या होगा, यह तो समय ही बताएगा परन्तु यह बात एकदम स्पष्ट है कि पकिस्तान का दूसरा नाम ही राजनीतिक अस्थिरता है एवं इस राजनीतिक अस्थिरता से परे हिन्दुओं के साथ अत्याचारों में कोई परिवर्तन नहीं होता है। हिन्दू लड़कियों का अपहरण और जबरन निकाह चाहे कोई भी सरकार हो बदस्तूर चलता रहता है!